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Jnanpith Awards 2022: It is the highest award in the field of literature in India. The award is given to an Indian citizen who writes literature in any of the 22 languages listed in the Eighth Schedule of the Indian Constitution and English. The Jnanpith Award is given annually by the Bharatiya Jnanpitha to a writer for his “outstanding contribution to the field of literature”. Jnanpith Awards 2022 List of Jnanpith Awards Winners from 1965 to 2022 In this article, you can get all the information you need about the Jnanpith Awards. We have provided the complete list of Jnanpith Award winners from 1965 to 2022.
Jnanpith Awards 2022 | |
Category | Study Material |
Covered Exam | Useful for all competitive exams |
Article Name | Jnanpith Awards 2022 |
Jnanpith Awards | ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेत्यांची 1965 ते 2022 पर्यंतची यादी
Jnanpith Awards: ज्ञानपीठ पुरस्कार हा सर्वात जुना आणि सर्वोच्च भारतीय साहित्य पुरस्कार आहे जो भारतीय ज्ञानपीठाद्वारे लेखकाला त्यांच्या “साहित्यातील उत्कृष्ट योगदानासाठी” दरवर्षी दिला जातो. 1961 मध्ये हा पुरस्कार स्थापन करण्यात आलेला आहे. हा पुरस्कार केवळ भारतीय राज्यघटनेच्या आठव्या अनुसूचीतील समाविष्ट 22 भाषा आणि इंग्रजीमध्ये लिहिणाऱ्या भारतीय लेखकांना दिला जातो. मरणोत्तर हा पुरस्कार दिला जात नाही.
पुरस्काराचे पहिले प्राप्तकर्ते मल्याळम लेखक जी. शंकरा कुरूप होते ज्यांना 1950 मध्ये प्रकाशित झालेल्या ओडक्कुझल ( द बांबू फ्लूट ) या त्यांच्या कवितासंग्रहासाठी 1965 मध्ये हा पुरस्कार मिळाला होता .
Jnanpith Awards Background | ज्ञानपीठ पुरस्काराची पार्श्वभूमी
Jnanpith Awards: साहू जैन कुटुंबातील उद्योगपती साहू शांती प्रसाद जैन यांनी 1944 मध्ये स्थापन केलेल्या “भारतीय ज्ञानपीठ” या संशोधन आणि सांस्कृतिक संस्थेने मे 1961 मध्ये “सर्वोत्तम पुस्तक निवडण्यासाठी राष्ट्रीय प्रतिष्ठेची आणि आंतरराष्ट्रीय दर्जाची” योजना सुरू करण्याची कल्पना मांडली होती. अखिल भारतीय गुजराती साहित्य परिषद आणि भारतीय भाषा परिषदेच्या 1962 च्या वार्षिक अधिवेशनातही या कल्पनेवर चर्चा झाली
16 मार्च 1963 रोजी पहिली पुरस्कार निवड समितीची बैठक नियोजित होती आणि राजेंद्र प्रसाद यांची अध्यक्ष म्हणून नियुक्ती करण्यात आली. तथापि, 28 फेब्रुवारी 1963 रोजी प्रसाद यांचे निधन झाले आणि अशा प्रकारे नियोजित बैठक कालेलकर यांच्या अध्यक्षतेखाली झाली आणि संपूर्णानंद यांनी समितीचे अध्यक्ष म्हणून काम पाहिले. याच बैठकीत प्रथम विजेते घोषित करण्यात आले.
Jnanpith Awards Rules And Selection Procedure | नियम आणि निवड प्रक्रिया
Jnanpith Awards: पुरस्कारासाठी नामांकने विविध साहित्य तज्ञ, शिक्षक, समीक्षक, विद्यापीठे आणि असंख्य साहित्यिक आणि भाषा संघटनांकडून प्राप्त होतात. दर तीन वर्षांनी प्रत्येक भाषेसाठी सल्लागार समिती स्थापन केली जाते. सर्वात अलीकडील प्राप्तकर्त्याच्या कामाची भाषा पुढील दोन वर्षांसाठी विचारात घेण्यास पात्र नाही. प्रत्येक समितीमध्ये तीन साहित्यिक समीक्षक आणि आपापल्या भाषेतील अभ्यासक असतात. समितीद्वारे सर्व नामांकनांची छाननी केली जाते आणि त्यांच्या शिफारसी ज्ञानपीठ पुरस्कार निवड मंडळाकडे (प्रवरा परिषद) सादर केल्या जातात. निवड मंडळामध्ये “उच्च प्रतिष्ठा आणि सचोटीचे” सात ते अकरा सदस्य असतात. प्रत्येक सदस्य तीन वर्षांच्या कालावधीसाठी समितीचा भाग असतो जो आणखी दोन टर्मसाठी देखील वाढविला जाऊ शकतो.
Jnanpith Awards Winners list from 1965 to 2022 | 1965 ते 2022 पर्यंतच्या पुरस्कार विजेत्यांची यादी
Year | वर्ष | Recipient(s) | प्राप्तकर्ता | Language(s) | भाषा |
1965 | Sankara Kurup | शंकरा कुरूप | Malayalam | मल्याळम |
1966 | Tarasankar Bandyopadhyay | ताराशंकर बंद्योपाध्याय | Bengali | बंगाली |
1967 | Umashankar Joshi | उमाशंकर जोशी | Gujarati | गुजराती |
1967 | Kuppali Venkatappa Puttappa ‘Kuvempu’ | कुप्पली व्यंकटप्पा पुट्टप्पा ‘कुवेंपू’ | Kannada | कन्नड |
1968 | Sumitranandan Pant | सुमित्रानन्दन पंत | Hindi | हिंदी |
1969 | Firaq Gorakhpuri | फिराक गोरखपुरी | Urdu | उर्दू |
1970 | Viswanatha Satyanarayana | विश्वनाथ सत्यनारायण | Telugu | तेलुगु |
1971 | Bishnu Dey | बिष्णू दे | Bengali | बंगाली |
1972 | Ramdhari Singh ‘Dinkar’ | रामधारी सिंग ‘दिनकर’ | Hindi | हिंदी |
1973 | D. R. Bendre | डीआर बेंद्रे | Kannada | कन्नड |
1973 | Gopinath Mohanty | गोपीनाथ मोहंती | Odia | ओडिया |
1974 | Vishnu Sakharam Khandekar | विष्णू सखाराम खांडेकर | Marathi | मराठी |
1975 | Akilan | अकिलन | Tamil | तमिळ |
1976 | Ashapoorna Devi | आशापुर्णा देवी | Bengali | बंगाली |
1977 | Shivaram Karanth | शिवराम करांठ | Kannada | कन्नड |
1978 | Sachchidananda Vatsyayan | सच्चिदानंद वात्स्यायन | Hindi | हिंदी |
1979 | Birendra Kumar Bhattacharya | बिरेंद्रकुमार भट्टाचार्य | Assamese | आसामी |
1980 | S. K. Pottekkatt | एसके पोट्टेक्कट्ट | Malayalam | मल्याळम |
1981 | Amrita Pritam | अमृता प्रीतम | Punjabi | पंजाबी |
1982 | Mahadevi Varma | महादेवी वर्मा | Hindi | हिंदी |
1983 | Masti Venkatesha Iyengar | मस्ती व्यंकटेश अय्यंगार | Kannada | कन्नड |
1984 | Thakazhi Sivasankara Pillai | ठकाळी शिवशंकर पिल्लई | Malayalam | मल्याळम |
1985 | Pannalal Patel | पन्नालाल पटेल | Gujarati | गुजराती |
1986 | Sachidananda Routray | सच्चिदानंद राउत्रे | Odia | ओडिया |
1987 | Vishnu Shirwadkar | विष्णु शिरवाडकर | Marathi | मराठी |
1988 | C. Narayana Reddy | सी. नारायण रेड्डी | Telugu | तेलुगु |
1989 | Qurratulain Hyder | कुर्रतुलन हैदर | Urdu | उर्दू |
1990 | Vinayaka Krishna Gokak | विनायक कृष्ण गोकाक | Kannada | कन्नड |
1991 | Subhash Mukhopadhyay | सुभाष मुखोपाध्याय | Bengali | बंगाली |
1992 | Naresh Mehta | नरेश मेहता | Hindi | हिंदी |
1993 | Sitakant Mahapatra | सीताकांत महापात्रा | Odia | ओडिया |
1994 | U. R. Ananthamurthy | यू आर अनंतमूर्ती | Kannada | कन्नड |
1995 | M. T. Vasudevan Nair | एम. टी वासुदेवन नायर | Malayalam | मल्याळम |
1996 | Mahasweta Devi | महाश्वेता देवी | Bengali | बंगाली |
1997 | Ali Sardar Jafri | अली सरदार जाफरी | Urdu | उर्दू |
1998 | Girish Karnad | गिरीश कर्नाड | Kannada | कन्नड |
1999 | Nirmal Verma | निर्मल वर्मा | Hindi | हिंदी |
1999 | Gurdial Singh | गुरदियाल सिंग | Punjabi | पंजाबी |
2000 | Mamoni Raisom Goswami | मामोनी रायसोम गोस्वामी | Assamese | आसामी |
2001 | Rajendra Shah | राजेंद्र शहा | Gujarati | गुजराती |
2002 | Jayakanthan | जयकांतन | Tamil | तमिळ |
2003 | Vinda Karandikar | विंदा करंदीकर | Marathi | मराठी |
2004 | Rehman Rahi | रहमान राही | Kashmiri | काश्मिरी |
2005 | Kunwar Narayan | कुंवर नारायण | Hindi | हिंदी |
2006 | Ravindra Kelekar | रवींद्र केळेकर | Konkani | कोंकणी |
2006 | Satya Shastri | सत्य शास्त्री | Sanskrit | संस्कृत |
2007 | O. N. V. Kurup | ओ. एन. व्ही. कुरूप | Malayalam | मल्याळम |
2008 | Akhlaq Mohammed Khan ‘Shahryar’ | अखलाक मोहम्मद खान ‘शहरयार’ | Urdu | उर्दू |
2009 | Amarkant | अमरकांत | Hindi | हिंदी |
2009 | Sri Lal Sukla | श्रीलाल शुक्ला | Hindi | हिंदी |
2010 | Chandrashekhara Kambara | चंद्रशेखर कंबरा | Kannada | कन्नड |
2011 | Pratibha Ray | प्रतिभा रे | Odia | ओडिया |
2012 | Ravuri Bharadhwaja | रावुरी भारध्वजा | Telugu | तेलुगु |
2013 | Kedarnath Singh | केदारनाथ सिंह | Hindi | हिंदी |
2014 | Bhalchandra Nemade | भालचंद्र नेमाडे | Marathi | मराठी |
2015 | Raghuveer Chaudhari | रघुवीर चौधरी | Gujarati | गुजराती |
2016 | Shankha Ghosh | शंखा घोष | Bengali | बंगाली |
2017 | Krishna Sobti | कृष्णा सोबती | Hindi | हिंदी |
2018 | Amitav Ghosh | अमिताव घोष | English | इंग्रजी |
2019 | Akkitham Achuthan Namboothiri | अक्कितम् अच्युतां नंबूथिरी | Malayalam | मल्याळम |
2020 | Nilamani Phookan | निलामणी फुकन | Assamese | आसामी |
2021 | Damodar Mauzo | दामोदर मावजो | Konkani | कोंकणी |
List Of National Highways In India (Updated)
Jnanpith Awards Winners of 2022 | ज्ञानपीठ पुरस्कार 2022 चे विजेते
Jnanpith Awards: कोकणी लेखक दामोदर मावजो यांना 2022 या वर्षासाठी (57 वा) हा पुरस्कार मिळाला आहे. मावजो हे कोकणी भाषेतील दुसरे साहित्यिक ठरले आहेत , यापूर्वी रवींद्र केळकर यांना हा पुरस्कार मिळाला होता.
दामोदर मावजो यांच्याबद्दल:
- हे गोव्यातील एक लघुकथा लेखक, कादंबरीकार, समीक्षक आणि कोकणीतील पटकथा लेखक आहेत .
- त्यांच्या कार्मेलिन कादंबरीसाठी 1983 मध्ये साहित्य अकादमी पुरस्कार आणि 2011 मध्ये त्यांच्या सुनामी सायमन या कादंबरीसाठी विमला व्ही. पै. विश्व कोकणी साहित्य पुरस्कार प्रदान करण्यात आला.
- जुलै 2020 मध्ये, कोविड-19 साथीच्या आजारामुळे ऑनलाइन सत्राद्वारे ” तिष्टावनी ” या लघुकथांचे पुस्तक प्रकाशित केले . मावजोचे हे पहिलेच व्हर्च्युअल बुक-लाँच होते.
Jnanpith Awards Winners of 2021 | ज्ञानपीठ पुरस्कार 2021 चे विजेते
Jnanpith Awards: 2021 चा (56 वा) ज्ञानपीठ पुरस्कार निलमणी फुकण यांना देण्यात आला. आसामचे मुख्यमंत्री डॉ हिमंता बिस्वा सरमा यांनी आसाममधील सर्वात प्रसिद्ध कवी निलामणी फुकन यांना 2021 सालचा 56 वा ज्ञानपीठ हा देशातील सर्वोच्च साहित्य पुरस्कार प्रदान केला आहे. मामोनी रोईसोम गोस्वामी आणि बिरेंद्र कुमार भट्टाचार्य यांच्यानंतर आसाममधून ज्ञानपीठ पुरस्कार जिंकणारी नीलमणी फुकन ही तिसरी व्यक्ती आहे.
Jnanpith Awards Winning Marathi Writer | ज्ञानपीठ पुरस्कारप्राप्त मराठी साहित्यिक
Jnanpith Awards Winning Marathi Writer: मराठीतील ज्ञानपीठ पुरस्कारप्राप्त लेखकांची यादी खालील तक्त्यात देण्यात आली आहे.
वर्ष | साहित्यिकाचे नाव | साहित्य |
1974 | विष्णू सखाराम खांडेकर | ययाति |
1987 | विष्णू वामन शिरवाडकर (कुसुमाग्रज) | नटसम्राट |
2033 | विंदा करंदीकर | अष्टदर्शने |
2014 | भालचंद्र वनाजी नेमाडे | हिंदू – जगण्याची समृद्ध अडगळ |
Jnanpith Awards Bharatiya Jnanpith | भारतीय ज्ञानपीठ
Jnanpith Awards: भारतीय ज्ञानपीठ संस्थेद्वारे ज्ञानपीठ पुरस्कार दरवर्षी दिला जातो. भारतीय ज्ञानपीठ संस्थेबद्दल थोडक्यात माहिती पाहूया.
- साहित्य आणि संशोधन संस्था
- स्थापना – 1965
- संस्थापक – साहू शांतीप्रसाद जैन
- मुख्यालय – नवी दिल्ली
- पुरस्कार – ज्ञानपीठ पुरस्कार आणि मूर्तीदेवी पुरस्कार
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FAQs: Jnanpith Awards 2022
Q1. पहिला ज्ञानपीठ पुरस्कार कोणाला मिळाला होता ?
Ans. पहिला ज्ञानपीठ पुरस्कार शंकरा कुरूप यांना मिळाला होता.
Q2. 56 वा ज्ञानपीठ पुरस्कार कोणाला मिळाला ?
Ans. 56 वा ज्ञानपीठ पुरस्कार निलमणी फुकण यांना देण्यात आला.
Q3. भालचंद्र नेमाडे यांना ज्ञानपीठ पुरस्कार कोणत्या साली देण्यात आला?
Ans. भालचंद्र नेमाडे यांना ज्ञानपीठ पुरस्कार 2014 साली देण्यात आला.