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धातु की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण Dhatu Kise Kahte Hai?

धातु, हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण तत्व है, जिसका अर्थ क्रिया के मूल रूप से है। इसे क्रियापद के उस अंश के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो किसी क्रिया के विभिन्न रूपों में पाया जाता है। उदाहरण के तौर पर, “पढ़” धातु से “पढ़ना” और “पढ़ाना” जैसे शब्द बनते हैं। धातु के विभिन्न भेद हैं, जैसे मूल धातु, यौगिक धातु, नामधातु, मिश्र धातु, और अनुकरणात्मक धातु, जो व्याकरणिक संरचना और अर्थ में भिन्नताएँ प्रस्तुत करते हैं। इस प्रकार, धातु न केवल व्याकरण की आधारशिला है, बल्कि यह शब्द निर्माण की प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

Dhatu Kise Kahte Hai

धातु हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह क्रिया का वह मूल रूप है जिससे क्रिया के विभिन्न रूप बनते हैं। सरल शब्दों में, धातु एक ऐसा शब्द है जो किसी कार्य या स्थिति को दर्शाता है और वाक्य में क्रिया का काम करता है।

धातु की परिभाषा

धातु (धातु) क्रिया के मूल रूप को कहते हैं। दूसरे शब्दों में, धातु क्रियापद के उस अंश को कहा जाता है, जो किसी क्रिया के लगभग सभी रूपों में पाया जाता है। इसका तात्पर्य यह है कि जिन मूल अक्षरों से क्रियाएँ बनती हैं, उन्हें धातु कहते हैं। उदाहरण के लिए:

  • पढ़, जा, खा, लिख आदि।

उदाहरण के रूप में, पढ़ाना क्रिया को लें। इसमें ना प्रत्यय है, जो मूल धातु पढ़ में लगा है। इस प्रकार, पढ़ना क्रिया की धातु पढ़ है। इसी प्रकार, खाना क्रिया खा धातु में ना प्रत्यय लगाने से बनी है।

सामान्य क्रिया

धातु के साथ ना जोड़ने से क्रिया का सामान्य रूप बनता है। जैसे:

  • पढ़पढ़ना
  • लिखलिखना
  • जाजाना
  • खाखाना

धातु के भेद

व्युत्पत्ति या शब्द-निर्माण की दृष्टि से, धातु पाँच प्रकार की होती हैं:

  1. मूल धातु
  2. यौगिक धातु
  3. नामधातु 
  4. मिश्र धातु
  5. अनुकरणात्मक धातु

1. मूल धातु

मूल धातु स्वतंत्र होती हैं और यह किसी दूसरे शब्द पर आश्रित नहीं होती हैं। उदाहरण के लिए:

  • खा, देख, पी इत्यादि।

2. यौगिक धातु

यौगिक धातु किसी प्रत्यय के योग से बनती है। जैसे:

  • खाना से खिला
  • पढ़ना से पढ़

यौगिक धातुएँ अनंत होती हैं और इनमें एकाक्षरी, दो अक्षरी, तीन अक्षरी और चार अक्षरी धातुएँ शामिल होती हैं।

यौगिक धातु की रचना के तीन प्रकार होते हैं:

  • धातु में प्रत्यय लगाने से अकर्मक से सकर्मक और प्रेरणार्थक धातुएँ बनती हैं।
  • कई धातुओं को संयुक्त करने से संयुक्त धातु बनती है।
  • संज्ञा या विशेषण से नाम धातु बनती है।

3. नामधातु

जो धातु संज्ञा या विशेषण से बनती है, उसे नामधातु कहते हैं। उदाहरण:

  • संज्ञा से: हाथहथियाना
  • संज्ञा से: बातबतियाना
  • विशेषण से: चिकनाचिकनाना
  • विशेषण से: गरमगरमाना

4. मिश्र धातु

जिन संज्ञा, विशेषण और क्रिया विशेषण शब्दों के बाद करना या होना जैसे क्रिया पदों के प्रयोग से जो नई क्रिया धातुएँ बनती हैं, उन्हें मिश्र धातु कहते हैं। उदाहरण:

  • काम करना, काम होना
  • पैसा देना, उधार देना
  • गोता मारना, डींग मारना
  • काम लेना, खा लेना
  • चले जाना, सो जाना
  • किसी का याद आना, नज़र आना

5. अनुकरणात्मक धातु

जो धातुएँ किसी ध्वनि के अनुकरण पर बनाई जाती हैं, उन्हें अनुकरणात्मक धातु कहते हैं। उदाहरण:

  • पटकना
  • टनटनाना
  • खटकना

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धातु- परिभाषा, भेद, और उदाहरण

धातु रूप के कितने भेद होते हैं?

व्युत्पत्ति या शब्द-निर्माण की दृष्टि से, धातु पाँच प्रकार की होती हैं:

मूल धातु
यौगिक धातु
नामधातु 
मिश्र धातु
अनुकरणात्मक धातु

धातु किसे कहते हैं?

धातु (धातु) क्रिया के मूल रूप को कहते हैं। दूसरे शब्दों में, धातु क्रियापद के उस अंश को कहा जाता है, जो किसी क्रिया के लगभग सभी रूपों में पाया जाता है। इसका तात्पर्य यह है कि जिन मूल अक्षरों से क्रियाएँ बनती हैं, उन्हें धातु कहते हैं।

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