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जल का पर्यायवाची शब्द
हिंदी में जल के लिए अनेक पर्यायवाची शब्द हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- पानी
- नीर
- वारि
- अंबु
- जलधर
- सलिल
- तोय
- उदक
- अमृत
- जलमय
- जलाशय
- पय
- मेघपुष्प
- तरंगिणी
- निर्झरिणी
- आपगा
- निम्नगा
- कूलंकषा
- जीवन
Jal ka Paryayvachi Shabad
इन शब्दों का प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किया जाता है, जैसे:
- पानी – यह जल का सबसे आम पर्यायवाची शब्द है और इसका उपयोग रोजमर्रा की भाषा में किया जाता है।
- नीर – इसका उपयोग आमतौर पर शुद्ध और स्वच्छ जल के लिए किया जाता है।
- वारि – इसका उपयोग आमतौर पर धार्मिक या आध्यात्मिक संदर्भों में किया जाता है।
- अंबु – इसका उपयोग आमतौर पर कविताओं और साहित्य में किया जाता है।
- जलधर – इसका उपयोग आमतौर पर बादलों के लिए किया जाता है।
- सलिल – इसका उपयोग आमतौर पर नदियों और झीलों के लिए किया जाता है।
- तोय – इसका उपयोग आमतौर पर पीने के पानी के लिए किया जाता है।
- उदक – इसका उपयोग आमतौर पर वैज्ञानिक संदर्भों में किया जाता है।
- अमृत – इसका उपयोग आमतौर पर देवताओं के पेय के लिए किया जाता है।
- जलमय – इसका उपयोग आमतौर पर जल से भरे स्थानों के लिए किया जाता है।
- जलाशय – इसका उपयोग आमतौर पर जल के प्राकृतिक या कृत्रिम भंडार के लिए किया जाता है।
- पय – इसका उपयोग आमतौर पर दूध के लिए किया जाता है।
- मेघपुष्प – इसका उपयोग आमतौर पर बारिश की बूंदों के लिए किया जाता है।
- तरंगिणी – इसका उपयोग आमतौर पर लहरों के लिए किया जाता है।
- निर्झरिणी – इसका उपयोग आमतौर पर झरनों के लिए किया जाता है।
- आपगा – इसका उपयोग आमतौर पर नदियों के लिए किया जाता है।
- निम्नगा – इसका उपयोग आमतौर पर नदियों के लिए किया जाता है।
- कूलंकषा – इसका उपयोग आमतौर पर नदियों के लिए किया जाता है।
- जीवन – इसका उपयोग आमतौर पर जल के महत्व को दर्शाने के लिए किया जाता है।
जल के पर्यायवाची शब्दों का उपयोग:
जल के अनेक पर्यायवाची शब्द हैं, जिनका उपयोग विभिन्न संदर्भों में किया जा सकता है।
उदाहरण:
- अंबु – “अंबु-धार से धरती नहाती, हरियाली की चुनरी ओढ़े खिलखिलाती।”
- वारि – “गंगा वारि से स्नान करने से पाप धुल जाते हैं।”
- उदक – “जल (उदक) जीवन का आधार है।”
- पानी – “मुझे पानी (पानी) की प्यास लग रही है।”
- सलिल – “नदी का सलिल (सलिल) शीतल और मधुर है।”
- जलमय – “यह क्षेत्र जलमय (जलमय) है।”
- जलाशय – “यह एक बड़ा जलाशय (जलाशय) है।”
- पय – “धान की फसल को पय (पय) की आवश्यकता होती है।”
- मेघपुष्प – “मेघपुष्प (मेघपुष्प) धरती को सींचते हैं।”
- तरंगिणी – “नाव तरंगिणी (तरंगिणी) पर चल रही है।”
- निर्झरिणी – “पहाड़ों से निर्झरिणी (निर्झरिणी) बह रही है।”
- आपगा – “यह नदी आपगा (आपगा) कहलाती है।”
- निम्नगा – “यह क्षेत्र निम्नगा (निम्नगा) है।”
- कूलंकषा – “यह कूलंकषा (कूलंकषा) उपजाऊ भूमि है।”
- जीवन – “जल (जीवन) जीवन का आधार है।”