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कर्मधारय समास परिभाषा
कर्मधारय समास एक प्रकार का समास है जो किसी कार्य का किसी वस्तु या व्यक्ति के साथ संबंध दर्शाता है। इस समास में मुख्य शब्द का अर्थ उस व्यक्ति या वस्तु की ओर संकेत करता है, जिससे कार्य किया जाता है|
कर्मधारय समास उदाहरण
- नीलकमल (नीला + कमल) = नीले रंग का कमल
- गंगाजल (गंगा + जल) = गंगा नदी का जल
- रत्नगर्भ (रत्न + गर्भ) = रत्नों से भरा हुआ
कर्मधारय समास की विशेषताएं
- दोनों पदों में समान विभक्ति होती है।
- पूर्वपद विशेषण या संख्यावाचक होता है।
- उत्तरपद विशेष्य होता है।
- समास का अर्थ दोनों पदों के योग से बनता है।
कर्मधारय समास के प्रकार
कर्मधारय समास में दो प्रमुख प्रकार होते हैं:
1. विशेषता वाचक कर्मधारय समास:
इस समास में विशेष्य को विशेषण से जोड़ा जाता है, जो विशेष भाव को सूचित करता है।
-
1) विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास:
इस प्रकार के समास में पूर्वपद विशेषण होता है और उत्तरपद विशेष्य होता है। इस समास का अर्थ दोनों पदों के योग से बनता है।
उदाहरण:
- नीलकमल (नीला + कमल) = नीले रंग का कमल
- गंगाजल (गंगा + जल) = गंगा नदी का जल
- रत्नगर्भ (रत्न + गर्भ) = रत्नों से भरा हुआ
2) विशेष्यपूर्वपद कर्मधारय समास:
इस प्रकार के समास में पूर्वपद विशेष्य होता है और उत्तरपद विशेषण होता है। इस समास का अर्थ भी दोनों पदों के योग से बनता है।
उदाहरण:
- कमलनील (कमल + नील) = कमल के समान नीला
- जलगंगा (जल + गंगा) = जल से भरी गंगा
- गर्भरत्न (गर्भ + रत्न) = गर्भ में रखा रत्न
3) विशेषणोंभयपद कर्मधारय समास:
इस प्रकार के समास में दोनों पद विशेषण होते हैं। इस समास का अर्थ दोनों पदों के योग से बनता है।
उदाहरण:
- नीलकमल (नीला + कमल) = नीले रंग का कमल
- गंगाजल (गंगा + जल) = गंगा नदी का जल
- रत्नगर्भ (रत्न + गर्भ) = रत्नों से भरा हुआ
4) विशेष्योंभयपद कर्मधारय समास:
इस प्रकार के समास में दोनों पद विशेष्य होते हैं। इस समास का अर्थ भी दोनों पदों के योग से बनता है।
उदाहरण:
- कमलनील (कमल + नील) = कमल के समान नीला
- जलगंगा (जल + गंगा) = जल से भरी गंगा
- गर्भरत्न (गर्भ + रत्न) = गर्भ में रखा रत्न
2. उपमान वाचक कर्मधारय समास
परिभाषा:
उपमान वाचक कर्मधारय समास एक प्रकार का समास है जिसमें उपमान को उपमेय से जोड़ा जाता है। इसका अर्थ यह है कि एक वस्तु को दूसरे वस्तु से उपमा दी जाती है। इस समास में, उपमान और उपमेय दोनों पद विशेषण होते हैं।
उदाहरण:
-
उपमानपूर्व पद:
- कमलनयन (कमल + नयन) = कमल के समान नयन
- सिंहनाद (सिंह + नाद) = सिंह के समान नाद
-
उपमानोत्तर पद:
- नयनकमल (नयन + कमल) = कमल के समान नयन
- नादसिंह (नाद + सिंह) = सिंह के समान नाद
-
अवधारणा पूर्व पद:
- नीलकमल (नील + कमल) = नीले रंग का कमल
- गंगाजल (गंगा + जल) = गंगा नदी का जल
-
अवधारणोत्तर पद:
- कमलनील (कमल + नील) = कमल के समान नीला
- जलगंगा (जल + गंगा) = जल से भरी गंगा
Karmadharaya Samas Ke Udaharan
समास | समास विग्रह | विशेषता |
---|---|---|
नीलकमल | नील + कमल | विशेषणपूर्वपद |
गंगाजल | गंगा + जल | विशेषणपूर्वपद |
रत्नगर्भ | रत्न + गर्भ | विशेषणपूर्वपद |
कमलनील | कमल + नील | विशेष्यपूर्वपद |
जलगंगा | जल + गंगा | विशेष्यपूर्वपद |
गर्भरत्न | गर्भ + रत्न | विशेष्यपूर्वपद |
रत्नदीप | रत्न + दीप | विशेषणोंभयपद |
नवयुवक | नव + युवक | विशेषणोंभयपद |
दशरथ | दस + रथ | विशेषणोंभयपद |
त्रिलोकी | तीन + लोकी | विशेष्योंभयपद |
पंचवटी | पांच + वटी | विशेष्योंभयपद |
श्यामसुंदर | श्याम + सुंदर | उपमानपूर्वपद |
कमलनयन | कमल + नयन | उपमानपूर्वपद |
सिंहनाद | सिंह + नाद | उपमानपूर्वपद |
नयनकमल | नयन + कमल | उपमानोत्तर पद |
नादसिंह | नाद + सिंह | उपमानोत्तर पद |
नीलकमल | नील + कमल | अवधारणा पूर्व पद |
गंगाजल | गंगा + जल | अवधारणा पूर्व पद |
कमलनील | कमल + नील | अवधारणोत्तर पद |
जलगंगा | जल + गंगा | अवधारणोत्तर पद |