Learning Curve is the representation in graph form of the rate of learning something over time or repeated experiences. The learning curve is 3 types i.e. plain curve, Concave, and Convex. This topic contains 2-3 question which comes in the child development section of TET exams. Here we are going to learn more about the Learning curve, its types, advantages, and limitations.
Learning Curves/ अधिगम वक्र
Learning differs from individual to individual. One individual learns very effectively while another does not learn effectively Learning is a measurable behaviour.
अधिगम अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग होता है. एक व्यक्ति बहुत प्रभावी ढंग से सीखता है जबकि दूसरा प्रभावी रूप से नहीं सीखता है. अधिगम एक औसत दर्जे का व्यवहार है.
Learning Curve: Progress in learning can be objectively measured and represented graphically which is known as learning curve. In learning curve. In learning curve X axis represents some measures of practice and Y axis plots a measure of proficiency
अधिगम वक्र: अधिगम में प्रगति को निष्पक्ष रूप से मापा जा सकता है और इसका चित्रण किया जा सकता है जिसे अधिगम वक्र के रूप में जाना जाता है. अधिगम वक्र में X अक्ष अभ्यास की कुछ मात्रा का प्रतिनिधित्व करता है और Y अक्ष प्रवीणता को दर्शाता है.
Types of Learning Curves अधिगम वक्र के प्रकार:
Based on learning rates directions of the curve are drawn. These learning curves are of four types:
खींची गई वक्र की अधिगम दर की दिशाओं के आधार पर, ये अधिगम वक्र चार प्रकार के होते हैं:
(i) Linear acceleration (Straight line curve): This curve is essentially a straight line. It shows a constant or uniform rate of progress in learning.
(i) रैखिक त्वरण (सीधी रेखा वक्र): यह वक्र अनिवार्य रूप से एक सीधी रेखा होती है. यह अधिगम में प्रगति की निरंतर या एकसमान दर को दर्शाता है.
(ii) Positive acceleration (Concave curve): The curve shows that learning is slow at the start but becomes faster with the progress of learning time.
(ii) धनात्मक त्वरण (नतोदर वक्र) : इस प्रकार के वक्र में प्रारम्भ में सीखने की गति धीमी होती है. फिर तीव्र होती जाती है.
(iii) Negative acceleration (Convex curve): The rate of learning is faster at the start but decreases with progress of learning time.
(iii) ऋणात्मक त्वरण (उन्नतोदर वक्र): इस प्रकार के अधिगम वक्र में सीखने की गति प्रारम्भ में तेज फिर धीरे-धीरे मन्द होती जाती है
(iv) S-shaped curve (Concave-Convex Curve): The rate of learning is combination of both positive and negative accelerated curves. Thus learning depends on rapid of slow initial success followed by a reverse condition in learning.
(iv) ‘S’ के आकार का अधिगम वक्र (नतोदर–उन्नतोदर वक्र): अधिगम दर धनात्मक और ऋणात्मक दोनों त्वरित वक्र का संयोजन है. इस प्रकार अधिगम धीमी गति से आरंभिक सफलता पर निर्भर करता है, इसके बाद सीखने में विपरीत स्थिति आती है.
Characteristics of ‘S’ shaped learning curve/ ‘S’ के आकार के अधिगम वक्र की विशेषताएं:
The S-shaped learning curve indicates the variations in learning, which are differentiated as follows:
‘S’ के आकार का अधिगम वक्र, अधिगम की विविधताओं को इंगित करता है, जो निम्नानुसार विभेदित हैं:
(1) Initial Lag: In the beginning there is n o gain. Here the gain is latent. The learner gets prepared for the task and motivation must be given go get out of this stage./ प्रारंभिक: शुरुआत में कोई लाभ नहीं होता है.यहाँ लाभ अव्यक्त है. सीखने वाले को कार्य के लिए तैयार किया जाता है और प्रेरणा को इस चरण से बाहर जाने दिया जाता है.
(2) Increasing gain: This is the positive aspect of the learning curve. The gain slowly increases with practice /बढ़ता हुआ लाभ: यह अधिगम वक्र का सकारात्मक पहलू है. अभ्यास के साथ धीरे-धीरे लाभ बढ़ता है.
(3) Decreasing gain: This is the negative aspect of the learning curve. The gain seems to drop slowly. Perhaps the task has grown to be difficult and the learner may have lost some motivation./घटता हुआ लाभ: यह अधिगम वक्र का नकारात्मक पहलू है. लाभ धीरे-धीरे कम होने लगता है. शायद कार्य कठिन हो जाता है और सीखने वाला कुछ प्रेरणा खो देता है.
(4) Plateau: It is a long, flat, horizontal stretch in the learning curve. It represents that there is no progress in learning./पठार: यह अधिगम वक्र में एक लंबा, सपाट, क्षैतिज खिंचाव है. यह दर्शाता है कि सीखने में कोई प्रगति नहीं है.
(5) End Spurt: This shows a revival of learning after the plateau stage./अंत में उछाल: यह पठार के चरण के बाद अधिगम के पुनरुद्धार को दर्शाता है.
(6) Cessation of learning: This is the theoretical limit to learning. अधिगम की समाप्ति: यह अधिगम की सैद्धांतिक सीमा है.
Causes of Learning Plateau अधिगम पठार के कारण
- Loss of Interest. रूचि में कमी
- Lack of motivation2. अभिप्रेरणा की कमी
- Lack of readiness in learning. अधिगम में तत्परता का अभाव
- High difficulty level of learning task . कार्य सीखने में उच्च कठिनाई स्तर
- No conducive environment for learning /सीखने के लिए अनुकूल वातावरण नहीं
Prevention of Learning Plateau अधिगम पठार का निवारण
- Learner should be motivated in learning शिक्षार्थी को अधिगम के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए
- Self-interest should activities are to be planned. 2. स्व-हित गतिविधियों की योजना बनाई जानी चाहिए
- Proper readiness activities are to be planned. 3. पूर्ण तत्परता गतिविधियों की योजना बनाई जानी है
- Learning tasks are designed according to the capacity of the learner. 4. अधिगम को शिक्षार्थी की क्षमता के अनुसार डिजाइन किया जाना चाहिए
- Proper conducive environment should be given for the learning. 5. अधिगम के लिए उचित अनुकूल वातावरण दिया जाना चाहिए
Educational Implications of Learning Curve अधिगम वक्र के शैक्षिक निहितार्थ
Learning curve brings out the following understanding in teaching-learning process: अधिगम वक्र शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में निम्नलिखित समझ लाता है:
- Learning curve indicates that individual difference can be taken care of in educating the children. अधिगम वक्र यह दर्शाता है कि बच्चों को शिक्षित करने में व्यक्तिगत मतभेद का ध्यान रखा जा सकता है
- Learning curve focuses the essentially of improvement in teaching methods. अधिगम वक्र शिक्षण विधियों में सुधार की अनिवार्यता पर केंद्रित है
- Learning curve helps the individual in self-appraisal. अधिगम वक्र व्यक्ति को आत्म-मूल्यांकन में मदद करती है.
- It helps in the selection and dissemination of learning materials. यह सीखने की सामग्री के चयन और प्रसार में मदद करता है
- It emphasized the need for result assessment and evaluation of students’ performance in learning इसने सीखने में छात्र के प्रदर्शन के परिणाम के आकलन और मूल्यांकन की आवश्यकता पर जोर देता है
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