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मुहावरे और लोकोक्तियाँ in English called as Idioms and proverbs. मुहावरे और लोकोक्तियाँ is interesting topic in Hindi Vyakaran for makes hindi learning easy. मुहावरे और लोकोक्तियाँ used in casual talk as candidate used in communication. Here we are going to learn मुहावरे और लोकोक्तियाँ to make more interesting this topic.
मुहावरा
- ऐसे पदबन्ध को कहा जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ तो कुछ और निकलना है, परन्तु लाक्षणिक अर्थ कुछ और निकलता है। जैसे ‘वह चैकन्ना हो गया’ इस वाक्य में चैकन्ना का अर्थ ‘चार कानों वाला’ होता है, परन्तु कोई भी मनुष्य चार कानों वाला’ नहीं होता। अतः इसका लाक्षणिक अर्थ हुआ ‘बहुत सावधान’।
- मुहावरा शब्द मूलतः अरबी भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- अभ्यास करना।
लोकोक्ति
- किसी दृष्टान्त, घटना या परिस्थिति पर आधारित कथन होता है।
- लोकोक्तियाँ सामाजिक नीति और आदर्श स्थापित करने का माध्यम बनती हैं।
- लोकोक्तियों को सूक्ति अथवा सुभाषित भी कहा जाता है।
मुहावरे की विशेषताएँ
- मुहवरा प्रसंग के अनुरूप अर्थ देता है।
- मुहावरा पूर्ण वाक्य नहीं होता है।
- मुहावरे का सामान्य अर्थ नहीं, विशिष्ट अर्थ लिया जाता है।
मुहावरों और लोकोक्ति में प्रमुख अंतर
1. संरचना और अर्थ:
- मुहावरे: आमतौर पर वाक्यांश होते हैं जिनका शाब्दिक अर्थ और वास्तविक अर्थ भिन्न होता है। ये किसी विशेष स्थिति या भावना को प्रकट करने के लिए होते हैं।
- लोकोक्ति: छोटे-छोटे वाक्य होते हैं जो जीवन के अनुभव, नीति या नैतिकता को व्यक्त करते हैं। इनका अर्थ शाब्दिक और वास्तविक दोनों होता है।
2. प्रयोग:
- मुहावरे: विशेष परिस्थितियों में किसी भावना या क्रिया को संक्षेप में प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होते हैं। जैसे, “दिल पर पत्थर रखना” का अर्थ है अपने भावनाओं को नियंत्रित करना।
- लोकोक्ति: समाज में प्रचलित सत्य या अनुभव को व्यक्त करती हैं। जैसे, “बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद” का अर्थ है जो व्यक्ति किसी चीज़ की कद्र नहीं जानता, वह उसकी महत्ता नहीं समझ सकता।
3. संदर्भ और उद्देश्य:
- मुहावरे: भाषा को सजाने और बोलचाल को रोचक बनाने के उद्देश्य से प्रयोग किए जाते हैं।
- लोकोक्ति: जीवन के पाठ, नीतियां, और सामाजिक सत्य को संक्षेप में व्यक्त करने के लिए प्रयोग की जाती हैं।
मुहावरे
100 प्रसिद्ध मुहावरे और उनके अर्थ
नीचे 100 प्रसिद्ध हिंदी मुहावरे और उनके अर्थ दिए गए हैं, जो आपकी भाषा को समृद्ध और प्रभावी बनाने में मदद करेंगे।
अ
- अंधे के हाथ बटेर लगना – अचानक कोई बड़ा लाभ मिलना।
- अंगूठा दिखाना – मना करना।
- अंधों में काना राजा – कम योग्य व्यक्ति भी अयोग्य लोगों में श्रेष्ठ माना जाता है।
- आग बबूला होना – बहुत क्रोधित होना।
- अंगारों पर लोटना – अत्यधिक कष्ट सहना।
- अक्ल के घोड़े दौड़ाना – बहुत सोच-विचार करना।
- अंधे के आगे रोना – व्यर्थ प्रयास करना।
- असमान के तारे तोड़ना – असंभव कार्य करना।
- अधजल गगरी छलकत जाए – अल्प ज्ञान वाला व्यक्ति अधिक प्रदर्शन करता है।
- अपनी खिचड़ी अलग पकाना – दूसरों से अलग रहना।
ब
- बिना सिर-पैर की बात – बिना तर्क की बात।
- बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद – अयोग्य व्यक्ति योग्य वस्तु की कद्र नहीं कर सकता।
- बाल की खाल निकालना – छोटी-छोटी बातों में उलझना।
- बहती गंगा में हाथ धोना – मौके का फायदा उठाना।
- बात का बतंगड़ बनाना – छोटी बात को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करना।
- बिल्ली के भाग्य से छींका टूटना – किस्मत से अचानक लाभ मिलना।
- बुरा मानना – नाराज होना।
- भैंस के आगे बीन बजाना – किसी अयोग्य व्यक्ति को समझाने का प्रयास करना।
- बगुला भगत – धोखेबाज।
- बिना मतलब की बात – फिजूल की बात।
च
- चादर देखकर पैर फैलाना – अपनी सीमा में रहना।
- चुप्पी साधना – मौन धारण करना।
- चुल्लू भर पानी में डूब मरना – अत्यधिक शर्म महसूस करना।
- चोर की दाढ़ी में तिनका – दोषी का अपने आप दोष प्रकट हो जाना।
- चींटी की चाल – बहुत धीमी गति।
- चैन की नींद सोना – बिना चिंता के सोना।
- चोट खाकर सुधरना – अनुभव से सीखना।
- चमड़ी जाये पर दमड़ी न जाये – अत्यधिक कंजूस होना।
- चमड़ी और दमड़ी एक साथ रखना – स्वार्थी होना।
- चाय का प्याला तूफान – छोटे मामले का बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना।
द
- दाल में कुछ काला होना – कुछ गड़बड़ होना।
- दो नावों में पैर रखना – एक साथ दो विरोधी स्थितियों में रहना।
- दूध का जला छाछ भी फूंक कर पीता है – एक बार ठगा गया व्यक्ति हमेशा सावधान रहता है।
- दाँतों तले उंगली दबाना – अत्यधिक आश्चर्य होना।
- दिल पर पत्थर रखना – अपने भावनाओं को नियंत्रित करना।
- दूसरों की आंख का तिनका देखना और अपनी आंख का शहतीर न देखना – दूसरों की छोटी गलतियों को देखना और अपनी बड़ी गलतियों को नजरअंदाज करना।
- दाल गलना – काम बन जाना।
- दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ना – तेजी से प्रगति करना।
- दोनों हाथों से लूटना – अत्यधिक लाभ उठाना।
- दूध का दूध और पानी का पानी करना – न्याय करना।
फ
- फूलना-फलना – समृद्ध होना।
- फूंक-फूंक कर कदम रखना – बहुत सावधानी से काम करना।
- फूलों की सेज – आरामदायक जीवन।
- फटी आँखें करना – अत्यधिक क्रोध या आश्चर्य प्रकट करना।
- फाँसी पर चढ़ना – कठिनाई का सामना करना।
- फूट-फूट कर रोना – अत्यधिक रोना।
- फिर वही ढाक के तीन पात – वही पुरानी स्थिति।
- फूलों की तरह खिलना – बहुत खुश होना।
- फिसलन पर चलना – अस्थिर स्थिति में होना।
- फ्रूट की टोकरी बनना – स्वास्थ्यवर्धक होना।
म
- मुँह की बात छीनना – किसी की कही बात को अपने से पहले कह देना।
- मुँह में पानी आना – किसी वस्तु के प्रति लालच होना।
- मुँह में राम बगल में छुरी – बाहर से दोस्ताना, अंदर से धोखेबाज।
- मुँह फुलाना – नाराज होना।
- मछली के जल बिना तड़पना – आवश्यक चीज के बिना परेशान होना।
- मक्खन लगाना – चापलूसी करना।
- मिट्टी में मिलना – बर्बाद हो जाना।
- मुँह काला करना – अपमानित होना।
- मुँह दिखाई करना – सगाई की रस्म।
- मुँह चिढ़ाना – अपमानित करना।
न
- नाक में दम करना – परेशान करना।
- नाक कटना – अपमानित होना।
- नाक पर मक्खी न बैठने देना – बहुत सतर्क रहना।
- नाक रगड़ना – बहुत विनती करना।
- नाव में छेद करना – अपनी ही हानि करना।
- नाम रोशन करना – प्रतिष्ठा बढ़ाना।
- नींद उड़ जाना – चिंतित होना।
- नींद में होना – बेखबर रहना।
- नींद की झपकी लेना – थोड़ा सोना।
- नींद में चलना – बेहोशी में कुछ करना।
प
- पानी-पानी होना – शर्मिंदा होना।
- पानी की तरह पैसा बहाना – अधिक खर्च करना।
- पानी भरना – सहायता करना।
- पानी सिर से ऊपर निकलना – बहुत अधिक परेशानी होना।
- पहाड़ टूट पड़ना – बड़ी विपत्ति आना।
- पहले मुँह में खाना डालना – पहले अपने कार्य का समाधान करना।
- पापड़ बेलना – कठिनाई का सामना करना।
- पंछी की तरह उड़ना – स्वतंत्र होना।
- पैर तले जमीन खिसकना – अचानक कठिनाई का सामना करना।
- पैरों में गिरना – अत्यधिक विनती करना।
ब
- बांहें चढ़ाना – कार्य के लिए तैयार होना।
- बात का बतंगड़ बनाना – छोटी बात को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करना।
- बाल बांका न होना – कोई नुकसान न होना।
- बंदर कूदना – बेचैन होना।
- बांह पकड़ा लेना – सहायता लेना।
- बिल्ली के भाग्य से छींका टूटना – किस्मत से अचानक लाभ मिलना।
- बर्फ में रखना – ठंडे दिमाग से सोचना।
- बिल्ली को देख चूहे की तरह डरना – अत्यधिक भयभीत होना।
- बांह में दर्द होना – बहुत मेहनत करना।
- बिल्ली की तरह चुपके से आना – बिना आवाज़ किए आना।
म
- मुँह से बात निकालना – किसी बात को प्रकट करना।
- मुँह में पानी भर आना – किसी स्वादिष्ट चीज को देखकर लालच आना।
- मुँह की खाना – हारना।
- मुँह मोड़ लेना – सहायता न करना।
- मुँह फुलाना – नाराज होना।
- मुँह टेढ़ा करना – व्यंग्य करना।
- मुँह दबाना – चुप रहना।
- मुँह न देखना – संपर्क तोड़ लेना।
- मुँह फेर लेना – किनारा करना।
- मुँह पर तमाचा मारना – अपमानित करना।