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उपसर्ग और प्रत्यय, परिभाषा, प्रकार, उदाहरण Upsarg V Pratyay

हिंदी व्याकरण में प्रत्यय शब्द-निर्माण की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो मूल शब्दों में जुड़कर नए शब्दों का सृजन करते हैं। इनमें कृत प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय दो प्रमुख प्रकार हैं। कृत प्रत्यय क्रिया के मूल रूप में जुड़कर नए शब्द बनाते हैं, जबकि तद्धित प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण में जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करते हैं। यह लेख कृत प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय के उदाहरणों को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करता है, ताकि पाठक इनकी समझ को और गहरा कर सकें। आइए, इन प्रत्ययों के माध्यम से हिंदी भाषा की शब्द-समृद्धि को समझने का प्रयास करें।

1. उपसर्ग (Prefix)

  • परिभाषा: उपसर्ग वे शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता लाते हैं।
  • उपसर्गों का प्रयोग:
    • उपसर्ग शब्द के आरंभ में जुड़ते हैं।
    • उपसर्ग जुड़ने से शब्द का अर्थ बदल जाता है।
      उदाहरण:

      • “ज्ञान” → “अज्ञान” (अ + ज्ञान)
      • “हित” → “अहित” (अ + हित)

उपसर्ग के प्रकार:

हिंदी में उपसर्ग मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:

  1. संस्कृत उपसर्ग
  2. हिंदी उपसर्ग

(क) संस्कृत उपसर्ग:

संस्कृत भाषा से लिए गए उपसर्ग। इनकी संख्या 20-22 मानी जाती है।

संस्कृत उपसर्ग के उदाहरण:

क्रमांक उपसर्ग अर्थ उदाहरण
1 प्र श्रेष्ठ, आगे प्रगति, प्रचार
2 परा श्रेष्ठ, परे पराक्रम, पराजय
3 अप नकारात्मक अपमान, अपराध
4 सु अच्छा सुकर्म, सुविधा
5 अति अधिक अतिशय, अतिरिक्त
6 नि निश्चित नियम, निर्धारित
7 दुर् बुरा दुर्व्यवहार, दुर्गुण
8 वि विशेष विज्ञान, विवाद
9 अधि ऊपर अधिकार, अध्ययन
10 अनु पीछे, अनुसरण अनुसरण, अनुकूल
11 अव नीचे अवगुण, अवमान
12 निर् बिना निर्धन, निर्जल
13 दुस् कठिन दुस्साहस, दुर्लभ
14 अभि समीप अभिमान, अभियान
15 पूर्ण आगमन, आचरण
16 उत् ऊपर उत्थान, उत्कर्ष
17 प्रति विपरीत प्रतिकार, प्रतिज्ञा
18 परि चारों ओर परिधि, परिणाम
19 उप समीप उपकार, उपवन
20 अन्तः भीतर अन्तःकरण, अन्तर्ज्ञान

(ख) हिंदी उपसर्ग:

हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाले उपसर्ग।

हिंदी उपसर्ग के उदाहरण:

क्रमांक उपसर्ग अर्थ उदाहरण
1 बे बिना बेकार, बेईमान
2 ला नहीं लापता, लावारिस
3 कु बुरा कुकर्म, कुसंगत
4 ना नहीं नालायक, नादान
5 सह साथ सहपाठी, सहकारी
6 बद बुरा बदनाम, बदचलन
7 हर हरने वाला हरकारा, हरफन
8 फि फिर से फिरौती, फिकर
9 चर चलने वाला चरखा, चरित्र
10 अध अधिक अधमरा, अधपका
11 अल अलग अलगाव, अलमस्त
12 अर अधिक अरमान, अरथी
13 अव नीचे अवगुण, अवमान
14 अन नहीं अनजान, अनसुना
15 अभ समीप अभिमान, अभियान
16 पूर्ण आगमन, आचरण
17 उत ऊपर उत्थान, उत्कर्ष
18 प्रति विपरीत प्रतिकार, प्रतिज्ञा
19 परि चारों ओर परिधि, परिणाम
20 उप समीप उपकार, उपवन

2. प्रत्यय (Suffix)

  • परिभाषा: प्रत्यय वे शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसके अर्थ या भाव में परिवर्तन लाते हैं।
  • प्रत्यय के प्रकार: प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं:
    1. कृत प्रत्यय
    2. तद्धित प्रत्यय

(क) कृत प्रत्यय:

ये प्रत्यय क्रिया या धातु के अंत में जुड़ते हैं और नए शब्द बनाते हैं।

कृत प्रत्यय के उदाहरण:

क्रमांक प्रत्यय अर्थ उदाहरण
1 ना क्रिया का भाव पढ़ना
2 आवट क्रिया का परिणाम लिखावट
3 अक कर्ता का भाव चलक
4 क्रिया का भाव खेला
5 क्रिया का भाव बोलन
6 क्रिया का भाव गान
7 आई क्रिया का परिणाम सुनाई
8 ना क्रिया का भाव रोना
9 क्रिया का भाव हँसा
10 ना क्रिया का भाव देना
11 ना क्रिया का भाव पीना
12 आवट क्रिया का परिणाम बनावट
13 क्रिया का भाव चलन
14 आई क्रिया का परिणाम लिखाई
15 ना क्रिया का भाव खाना
16 ना क्रिया का भाव जाना
17 ना क्रिया का भाव सोना
18 आई क्रिया का परिणाम उठाई
19 क्रिया का भाव बैठा
20 क्रिया का भाव देखन

(ख) तद्धित प्रत्यय:

ये प्रत्यय संज्ञा या विशेषण के अंत में जुड़ते हैं और नए शब्द बनाते हैं।

तद्धित प्रत्यय के उदाहरण:

क्रमांक प्रत्यय अर्थ उदाहरण
1 ता भाव या गुण मनुष्यता
2 पन अवस्था या भाव बचपन
3 आई गुण या भाव गुरुाई
4 ता संबंध या भाव मित्रता
5 गुण या भाव बूढ़ा
6 आई गुण या भाव बुराई
7 आई गुण या भाव अच्छाई
8 आई गुण या भाव मोटाई
9 इया संबंध या व्यक्ति पड़ोसिया
10 वाला कर्ता या संबंध दूधवाला
11 पन अवस्था या भाव बड़प्पन
12 पन अवस्था या भाव छोटपन
13 ता गुण या भाव सुंदरता
14 इमा गुण या भाव बुद्धिमा
15 आनी स्त्रीलिंग रूप नौकरानी
16 इया संबंध या व्यक्ति गँवई
17 आनी स्त्रीलिंग रूप धोबिन
18 आनी स्त्रीलिंग रूप मजदूरानी
19 गुण या भाव चालाकी
20 गुण या भाव बेईमानी

3. उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर

उपसर्ग प्रत्यय
शब्द के आरंभ में जुड़ता है। शब्द के अंत में जुड़ता है।
शब्द का अर्थ बदल देता है। शब्द का अर्थ या भाव बदलता है।
उदाहरण: प्र + चार = प्रचार उदाहरण: सुंदर + ता = सुंदरता

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