UPTET 2023 सिलेबस: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड (UPBEB) द्वारा आयोजित एक राज्य स्तरीय परीक्षा है। UPBEB आधिकारिक वेबसाइट पर जल्द ही UPTET अधिसूचना 2023 जारी करने वाला है।
परीक्षा को पास करने के लिए, आपको UPTET सिलेबस 2023 पीडीएफ और परीक्षा पैटर्न को अच्छी तरह जानना होगा। UPTET सिलेबस और परीक्षा पैटर्न उम्मीदवारों को प्रत्येक अनुभाग के वेटेज को जानने में मदद करेगा ताकि उम्मीदवार उसके अनुसार अपनी परीक्षा रणनीति तैयार कर सकें।
UPTET Notification 2023
UPTET का सिलेबस और परीक्षा पैटर्न क्या है?
UPTET परीक्षा एक पेपर पेन (ऑफलाइन मोड) आधारित परीक्षा है। UPTET परीक्षा उत्तर प्रदेश राज्य के विभिन्न स्कूलों में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के पद के लिए आयोजित की जाती है। नवीनतम घोषणा के अनुसार, जो शिक्षक प्रशिक्षण अवधि में हैं, वे अब TET परीक्षा में बैठ सकते हैं।
UPTET 2023 परीक्षा पैटर्न:
UPTET 2023 परीक्षा को दो पेपरों -पेपर 1 और पेपर 2 में विभाजित किया गया है। UPTET 2023 की परीक्षा अवधि प्रत्येक पेपर के लिए 2 घंटे 30 मिनट है। UPTET 150 अंकों का एक ऑफ़लाइन पेन-पेपर आधारित परीक्षा है जिसमें नकारात्मक अंकन के प्रावधान के बिना 1 अंक के 150 बहुविकल्पीय प्रश्न हैं। UPTET प्रत्येक पेपर का अनुभाग-वार विभाजन नीचे दी गई तालिका में दिया गया है:
UPTET पेपर-1 के लिए परीक्षा पैटर्न
UPTET पेपर-1 के लिए परीक्षा पैटर्न
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भाग |
प्रश्नों की संख्या |
कुल अंक |
अवधि |
बाल विकास और शिक्षाशास्त्र |
30 |
30 |
2 घंटे 30 मिनट |
भाषा 1 (हिंदी) |
30 |
30 |
भाषा 2 (अंग्रेजी, उर्दू और संस्कृत में कोई एक भाषा) |
30 |
30 |
गणित |
30 |
30 |
पर्यायवरण अध्ययन |
30 |
30 |
कुल |
150 |
150 |
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UPTET पेपर–2 के लिए परीक्षा पैटर्न
UPTET पेपर-2 के लिए परीक्षा पैटर्न
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भाग |
प्रश्नों की संख्या |
कुल अंक |
अवधि |
बाल विकास और शिक्षाशास्त्र (अनिवार्य) |
30 |
30 |
2 घंटे 30 मिनट |
भाषा 1 (हिंदी) |
30 |
30 |
भाषा 2 (अंग्रेजी, उर्दू और संस्कृत में कोई एक भाषा) |
30 |
30 |
A. गणित और विज्ञान
या
B. सामाजिक अध्ययन |
60 |
60 |
कुल |
150 |
150 |
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UPTET Previous Year Question Paper: Download PDF
UPTET 2023 सिलेबस Pdf:
UPTET 2023 सिलेबस PDF में बाल विकास और शिक्षण पद्धति, भाषा 1 और 2, गणित, पर्यावरण अध्ययन, विज्ञान और सामाजिक अध्ययन शामिल हैं। नीचे उल्लिखित सारणी, में हम आपको UPTET 2023 परीक्षा के लिए विस्तृत विषय-वार पाठ्यक्रम प्रदान कर रहे हैं।
UPTET 2023 पेपर 1 के लिए सिलेबस:
- पेपर 1 के लिए UPTET 2023 सिलेबस में बाल विकास, शिक्षण और शिक्षाशास्त्र, भाषा 1 (हिंदी), भाषा 2 (अंग्रेजी), गणित और ईवीएस सहित पांच खंड शामिल हैं। विविध शिक्षार्थियों की समझ के स्तर, कक्षा में शिक्षार्थियों के साथ अंतक्रिया और अधिगम कौशल के एक अच्छे सूत्रधार के गुणों के अनुसार मुख्य रूप से प्रश्न तैयार किए गए हैं ।
- UPTET सिलेबस कक्षा I-V की NCERT पुस्तकों में दिए गए विषयों पर आधारित है।
UPTET बाल विकास और शिक्षाशास्त्र पाठ्यक्रम
बाल विकास और शिक्षाशास्त्र खंड में 30 अंकों के लिए 30 प्रश्न शामिल हैं। प्रत्येक सही प्रतिक्रिया में 1 अंक होता है। यह बाल शिक्षाशास्त्र, शिक्षण और सीखने के तरीकों के अर्थ और सिद्धांतों, समावेशी शिक्षा- मार्गदर्शन और परामर्श और सीखने और शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा। छात्र इस खंड में अच्छा स्कोर कर सकते हैं यदि वे प्रत्येक विषय का विस्तार से अध्ययन करेंगे।
Topic |
Sub – Topic |
वस्तु बाल विकास |
- बाल विकास का अर्थ, आवश्यकता तथा क्षेत्र,बाल विकास की अवस्थाएं शारीरिक विकास, मानसिक विकास, संवेगात्मक विकास,भाषा विकास – अभिव्यक्ति क्षमता का विकास, सृजनात्मकता एवं सृजनात्मक क्षमता का विकास।
- बाल विकास के आधार एवं उनको प्रभावित करने वाले कारक – वंशानक्रम, वातावरण। (पारिवारिक, सामाजिक, विद्यालयीय, संचार माध्यम)
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सीखने का अर्थ तथा सिद्धान्त |
- अधिगम (सीखने) का अर्थ प्रभावित करने वाले कारक, अधिगम की प्रभावशाली विधियाँ।
- अधिगम के नियम – थार्नडाइक के सीखने के मुख्य नियम एवं अधिगम में उनका महत्व। अधिगम के प्रमुख सिद्धान्त तथा कक्षा शिक्षण में इनकी व्यावहारिक उपयोगिता, थार्नडाइक का प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धान्त,पैवलव का सम्बद्ध प्रतिक्रिया का सिद्धान्त, स्किनर का क्रिया प्रसूत अधिगम सिद्धान्त, कोहलर का सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त, प्याजे का सिद्धान्त, व्योगास्की का सिद्धान्त सीखने का वक्र – अर्थ एवं प्रकार, सीखने में पठार का अर्थ और कारण एवं निराकरण।
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शिक्षण एवं शिक्षण विधाएँ |
- शिक्षण का अर्थ तथा उद्देश्य, सम्प्रेषण, शिक्षण के सिद्धान्त, शिक्षण के सूत्र, शिक्षण प्रविधियाँ, शिक्षण की नवीन विधाएँ (उपागम), सूक्ष्म शिक्षण एवं शिक्षण के आधारभूत कौशल।
- समावेशी शिक्षा – निर्देशन एवं परामर्श
- शैक्षिक समावेशन से अभिप्राय, पहचान, प्रकार, निराकरण यथाः अपवंचित वर्ग, भाषा, धर्म, जाति, क्षेत्र, वर्ण, लिंग, शारीरिक दक्षता (दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित एवं वाक्/अस्थिबाधित), मानसिक दक्षता।
- समावेशन के लिए आवश्यक उपकरण, सामग्री, विधियाँ, टी0एल0एम0 एवं अभिवृत्तियाँ।
- समावेशित बच्चों का अधिगम जाँचने हेतु आवश्यक टूल्स एवं तकनीकी।
- समावेशित बच्चों के लिए विशेष शिक्षण विधियाँ। यथा – ब्रेललिपि आदि।
- समावेशी बच्चों हेतु निर्देशन एवं परामर्श – अर्थ, उद्देश्य, प्रकार, विधियाँ, आवश्यकता एवं क्षेत्र परामर्श में सहयोग देने वाले विभाग/संस्थायें:
- मनोविज्ञानशाला उ. प्र. प्रयागराज
- मण्डलीय मनोविज्ञान केन्द्र (मण्डल स्तर पर)
- जिला चिकित्सालय
- जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षत डायट मेण्टर
- पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण तन्त्र
- समुदाय एवं विद्यालय की सहयोगी समितियाँ
- सरकारी एवं गैर सरकारी संगठन
- बाल – अधिगम में निर्देशन एवं परामर्श का महत्व
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अधिगम और अध्यापन |
- बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं; बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों ‘असफल’ होते हैं।
- अधिगम और अध्यापन की बुनियादी प्रक्रियाएं; बालकों की अधिगम कार्यनीतियां सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगमः, अधिगम के सामाजिक संदर्भ।
- एक समस्या समाधानकर्ता और एक वैज्ञानिक अन्वेशक’ के रूप में बालक।
- बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना; अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की त्रुटियों’ को समझना।
- बोध और संवेदनाएं।
- प्रेरणा और अधिगम।
- अधिगम में योगदान देने वाले कारक – निजी एवं पर्यावरणीय।
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भाषा – I हिन्दी
भाषा 1 शिक्षा के माध्यम से संबंधित दक्षताओं पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह खंड स्कोरिंग भी है लेकिन यह उचित तैयारी की मांग करता है। इसमें 30 अंकों के 30 प्रश्न होते हैं और प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होता है। इस खंड में कक्षा I- V का कठिनाई स्तर है। भाषा 1 में विषय की सामग्री और शिक्षाशास्त्र शामिल है।
Topic |
Sub – Topic |
हिन्दी |
- अपठित अनुच्छेद
- हिंदी वर्णमाला (स्वर, व्यंजन)
- वर्णों के मेल से मात्रिक तथा अमात्रिक शब्दों की पहचान
- वाक्य रचना
- हिंदी की सभी ध्वनियों के पारस्परिक अंतर की जानकारी विशेष रूप से – ष, स, ब, व, ढ, ड, क्ष, छ, ण तथा न की ध्वनियाँ
- हिंदी भाषा की सभी ध्वनियों, वर्णों अनुस्वार एव चन्द्रबिंदु में अंतर
- संयुक्ताक्षर एवं अनुनासिक ध्वनियों के प्रयोग से बने शब्द
- सभी प्रकार की मात्राएँ
- विराम चिह्नों यथा – अल्प विराम, अर्द्धविराम, पूर्णविराम, प्रश्नवाचक, विस्मयबोधक, चिह्नों का प्रयोग
- विलोम, समानार्थी, तुकान्त, अतुकान्त, सामान, ध्वनियों वाले शब्द
- वचन, लिंग एव काल
- प्रत्यय, उपसर्ग, तत्सम तद्भव व देशज, शब्दों की पहचान एव उनमें अंतर
- लोकोक्तियाँ एव मुहावरों के अर्थ
- सन्धि – (1) स्वर सन्धि – दीर्घ सन्धि, गुण सन्धि, वृद्धि सन्धि, यण सन्धि, अयादि सन्धि (2) व्यंजन सन्धि
- (3) विसर्ग सन्धि
- वाच्य, समान एव अंलकार के भेद
- कवियों एव लेखकों की रचनाएँ
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भाषा विकास का अध्यापन |
- अधिगम और अर्जन
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने की भूमिका: भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते है
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श
- एक भिंन कक्षा में भाषा पढाने की चुनौतियाँ भाषा की कठिनाइयाँ त्रुटिया और विकार
- भाषा कौशल
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मुल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढना, लिखना
- अध्यापन – अधिगम सामग्रियां: पाठ्यपुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
- उपचारात्मक अध्यापन
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भाषा – II English/उर्दू/ संस्कृत – 30 प्रश्न
भाषा 2 भी भाषा 1 के रूप में बुनियादी अवधारणाओं पर आधारित है। भाषा 2 भाषा के तत्वों और समझने की क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसमें 30 अंकों के 30 प्रश्न होते हैं और प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होता है। इस खंड में कक्षा I- V का कठिनाई स्तर है। भाषा 1 में विषय की सामग्री और शिक्षाशास्त्र शामिल है।
Topic |
Sub – Topic |
English |
- Unseen Passage
- The sentence
- (A) Subject and predicate
- (B) Kind of sentences
- Parts of speech-
- Kinds of Noun
- Pronoun
- Adverb
- Adjective
- Verb
- Preposition
- Conjunction
- Tenses-Present, Past, Future
- Articles
- Punctuation
- Word formation
- Active & Passive voice
- Singular & Plural
- Gender
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उर्दू
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- अपठित अनुच्छेद।
- ज़बान की फन्नी महारतों की मालूमात।
- मशहूर अदीबों एवं शायरों की हालाते जिन्दगी एवं उनकी रचनाओं की जानकारी।
- मुखतलिफ असनाफे अदब जैसे, मज़मून, अफसाना मर्सिया, मसनवी दास्तान वगैरह की तारीफ मअ, अमसाल।
- सही इमला एवं तलफ्फज की मश्क।
- इस्म, जमीर, सिफत, मुतज़ाद अल्फाज, वाहिद, जमा, मोजक्कर, मोअन्नस वगैरह की जानकारी।
- सनअते, (तशबीह व इस्तआरा, तलमीह, मराअतुन्नजीर) वगैरह। मुहावरें, जर्बुल अमसाल की मालूमात।
- मखतलिफ समाजी मसायल जैसे माहौलियाती आलूदगी जिन्सी नाबराबरी, नाख्वान्दगी, तालीम बराएअम्न, अदमे, तग़जिया, वगैरह की मालूमात।
- नज़्मो, कहानियों, हिकायतों एवं संस्मरणों में मौजूद समाजी एवं एखलाकी अक़दार को समझना।
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संस्कृत |
- अपठित अनुच्छेद संज्ञाएँ
- अकारान्त पुल्लिंग।
- आकारान्त स्त्रीलिंग।
- अकारान्त नपुंसकलिंग।
- ईकारान्त स्त्रीलिंग।
- उकारान्त पुल्लिंग।
- ऋकारान्त पुल्लिंग।
- ऋकारान्त स्त्रीलिंग।
- घर, परिवार, परिवेश, पशु, पक्षियों, घरेलू, उपयोग की वस्तुओं के संस्कृत नामों से परिचय।
- सर्वनाम।
- क्रियाएँ।शरीर के प्रमुख अंगों के संस्कृत शब्दों का प्रयोग।
- अव्यय।
- सन्धि – सरल शब्दों की सन्धि तथा उनका विच्छेद (दीर्घ सन्धि)।
- संख्याएँ – संस्कृत में संख्याओं का ज्ञान।
- लिंग, वचन, प्रत्याहार, स्वर के प्रकार, व्यंजन के प्रकार, अनुस्वार एवं अनुनासिक व्यंजन।
- स्वर व्यंजन एवं विसर्ग सन्धियाँ, समास, उपसर्ग, पर्यायवाची शब्द, विलोम शब्द, कारक, प्रत्यय एवं वाच्य।
- कवियों एवं लेखकों की रचनाएँ।
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भाषा विकास का अध्यापन |
- अधिगम और अर्जन।
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत।
- सुनने और बोलने की भूमिकाः भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं।
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श।
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाईयां, त्रुटियां और विकार।
- भाषा कौशल।
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना।
- अध्यापन – अधिगम सामग्रियां: पाठ्यपुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन।
- उपचारात्मक अध्यापन।
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गणित – 30 प्रश्न
गणित का पाठ्यक्रम प्रकृति में लंबा है लेकिन परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों का स्तर मध्यम है और कक्षा 1 से 5 वीं की एनसीईआरटी की किताबों से तैयार किया गया है। इसमें 30 अंकों के 30 प्रश्न होते हैं। प्रश्न पाठ्यक्रम में निर्धारित विषयों यानी सामग्री और शिक्षाशास्त्र पर आधारित होंगे।
Topic |
Sub – Topic |
विषय – वस्तु |
- संख्याएँ एवं संख्याओं का जोड़, घटाना, गुणा, भाग।
- लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्तक।
- भिन्नों का जोड़, घटाना, गुणा एवं भाग।
- दशमलव – जोड़, घटाना, गुणा व भाग।
- ऐकिक नियम।
- प्रतिशत।
- लाभ – हानि।
- साधारण ब्याज।
- ज्यामिति – ज्यामितीय आकृतियाँ एवं पृष्ठ, कोण, त्रिभुज, वृत्त,।
- धन (रूपया – पैसा)।
- मापन – समय, तौल, धारिता, लम्बाई एवं ताप।
- परिमिति (परिमाप) – त्रिभुत, आयत, वर्ग, चतुर्भुज।
- कैलेण्डर।
- आंकड़े।
- आयतन, धारिता – घन, घनाभ।
- क्षेत्रफल – आयत, वर्ग।
- रेलवे या बस समय – सारिणी।
- आंकड़ों का प्रस्तुतीकरण एवं निरूपण।
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अध्यापन संबंधी मुददे |
- गणितीय/तार्किक चिंतन की प्रकृति; बालक के चिंतन एवं तर्कशक्ति पैटों तथा अर्थ निकालने और अधिगम की कार्यनीतियों को समझना।पाठ्यचर्या में गणित का स्थान।
- गणित की भाषा।
- सामुदायिक गणित।
- औपचारिक एवं अनौपचारिक पद्धतियों के माध्यम से मूल्यांकन।
- शिक्षण की समस्याएं।
- त्रुटि विश्लेशण तथा अधिगम एवं अध्यापन के प्रासंगिक पहलू।
- नैदानिक एवं उपचारात्मक शिक्षण।
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पर्यावरणीय अध्ययन (विज्ञान, इतिहास, भगोल, नागरिक शास्त्र एवं पर्यावरण) – 30 प्रश्न
पर्यावरण अध्ययन (ईवीएस) एक बहुत ही स्कोरिंग सेक्शन है। इस खंड में 30 अंकों के 30 प्रश्न हैं। यह छात्रों की समस्या-समाधान क्षमताओं और शैक्षणिक समझ का परीक्षण करेगा। ईवीएस पाठ्यक्रम में शिक्षण से संबंधित सामग्री और शिक्षाशास्त्र शामिल है।
Topic |
Sub – Topic |
विषय – वस्तु |
- परिवार।
- भोजन, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता।
- आवास।
- पेड़ – पौधे एवं जन्तु।
- हमारा परिवेश।
- मेला।
- स्थानीय पेशे से जुड़े व्यक्ति एवं व्यवसाय।जल। यातायात एवं संचार।
- खेल एवं खेल भावना।
- भारत – नदियाँ, पर्वत, पठार, वन, यातायात, महाद्वीप, एवं महासागर।
- हमारा प्रदेश – नदियाँ, पर्वत, पठार, वन, यातायात।
- संविधान।
- शासन व्यवस्था स्थानीय स्वशासन, ग्राम – पंचायत, नगर – पंचायत, जिला – पंचायत, नगर – पालिका, नगर – निगम, जिला – प्रशासन, प्रदेश की शासन व्यवस्था, व्यवस्थापिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका, राष्ट्रीय पर्व, राष्ट्रीय – प्रतीक, मतदान, राष्ट्रीय एकता।
- पर्यावरण – आवश्यकता, महत्व एवं उपयोगिता, पर्यावरण – संरक्षण, पर्यावरण के प्रति सामाजिक दायित्वबोध, पर्यावरण संरक्षण हेतु संचालित योजनाएँ।
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अध्यापन संबंधी मुद्दे |
- पर्यावरणीय अध्ययन की अवधारणा और व्याप्ति।
- पर्यावरणीय अध्ययन का महत्व, एकीकृत पर्यावरणीय अध्ययन।
- पर्यावरणीय अध्ययन एवं पर्यावरणीय शिक्षा।
- अधिगम सिद्धांत।
- विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की व्याप्ति और संबंध।
- अवधारणा प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण।
- क्रियाकलाप।
- प्रयोग/व्यावहारिक कार्य।
- चर्चा।
- सतत् व्यापक मूल्यांकन।
- शिक्षण सामग्री/उपकरण।
- समस्याएं।
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UPTET सिलेबस 2023 पेपर 2
- UPTET पेपर II सिलेबस 2023 में बाल विकास, शिक्षा और शिक्षाशास्त्र, भाषा 1 (हिंदी), भाषा 2 (अंग्रेजी), गणित और विज्ञान, या सामाजिक अध्ययन सहित पांच खंड शामिल हैं।
- UPTET पेपर II में प्रश्नों का स्तर NCERT द्वारा कक्षा VI-VIII की पुस्तकों में उल्लिखित विषयों के अनुसार है।
- विषयवार पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है:
UPTET बाल विकास और शिक्षाशास्त्र पाठ्यक्रम
बाल विकास और शिक्षाशास्त्र पाठ्यक्रम कक्षा 6-8 के कठिनाई स्तर के साथ आता है। यह एक बहुत ही वैचारिक और सैद्धांतिक विषय है। यह उम्मीदवार की वैचारिक समझ का विश्लेषण करता है। छात्र इस खंड में अच्छा स्कोर कर सकते हैं यदि वे प्रत्येक विषय का विस्तार से अध्ययन करेंगे। इस खंड में 30 प्रश्न हैं। प्रत्येक सही प्रतिक्रिया में 1 अंक होता है।
बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ – 30 प्रश्न
Topic |
Sub – Topic |
विषय – वस्तु |
- बाल विकास का अर्थ, आवश्यकता तथा क्षेत्र,बाल विकास की अवस्थाएं शारीरिक विकास, मानसिक विकास, संवेगात्मक विकास, भाषा विकास – अभिव्यक्ति क्षमता का विकास, सृजनात्मकता एवं सृजनात्मक क्षमता का विकास।
- बाल विकास के आधार एवं उनको प्रभावित करने वाले कारक – वंशानुक्रम, वातावरण (पारिवारिक, सामाजिक, विद्यालयीय, संचार माध्यम)।
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सीखने का अर्थ तथा सिद्धान्त |
- अधिगम (सीखने) का अर्थ प्रभावित करने वाले कारक,अधिगम की प्रभावशाली विधियाँ।
- अधिगम के नियम – थार्नडाइक के सीखने के मुख्य नियम एवं अधिगम में उनका महत्व।
- अधिगम के प्रमुख सिद्धान्त तथा कक्षा शिक्षण में इनकी व्यावहारिक उपयोगिता, थार्नडाइक का प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धान्त,पैवलव का सम्बद्ध प्रतिक्रिया का सिद्धान्त,स्किनर का क्रिया प्रसूत अधिगम सिद्धान्त,कोहलर का सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त,प्याजे का सिद्धान्त,व्योगास्की का सिद्धान्त सीखने का वक्र – अर्थ एवं प्रकार, सीखने में पठार का अर्थ और कारण एवं निराकरण।
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शिक्षण एवं शिक्षण विधाएँ |
- शिक्षण का अर्थ तथा उद्देश्य, सम्प्रेषण, शिक्षण के सिद्धान्त,
- शिक्षण के सूत्र, शिक्षण प्रविधियाँ,
- शिक्षण की नवीन विधाएँ (उपागम),
- सूक्ष्म शिक्षण एवं शिक्षण के आधारभूत कौशल।
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समावेशी शिक्षा – निर्देशन एवं परामर्श |
- शैक्षिक समावेशन से अभिप्राय, पहचान, प्रकार, निराकरण यथाः अपवंचित वर्ग, भाषा, धर्म, जाति, क्षेत्र, वर्ण, लिंग, शारीरिक दक्षता (दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित एवं वाक्/ अस्थि बाधित), मानसिक दक्षता।
- समावेशन के लिए आवश्यक उपकरण, सामग्री, विधियाँ, टी. एल. एम. एवं अभिवृत्तियाँ।
- समावेशित बच्चों का अधिगम जाँचने हेतु आवश्यक टूल्स एवं तकनीकी।
- समावेशित बच्चों के लिए विशेष शिक्षण विधियाँ। यथा – बेरललिपि आदि।
- समावेशी बच्चों हेतु निर्देशन एवं परामर्श – अर्थ, उद्देश्य, प्रकार, विधियाँ, आवश्यकता एवं क्षेत्र।
- परामर्श में सहयोग देने वाले विभाग/संस्थाएँ।
- मनोविज्ञानशाला उ. प्र. प्रयागराज।
- मण्डलीय मनोविज्ञान केन्द्र। (मण्डल स्तर पर)
- जिला चिकित्सालय।
- जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षत डायट मेण्टर।
- पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण तन्त्र।
- समुदाय एवं विद्यालय की सहयोगी समितियाँ।
- सरकारी एवं गैर सरकारी संगठन।
- बाल – अधिगम में निर्देशन एवं परामर्श का महत्व।
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अध्ययन और अध्यापन |
- बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं; बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों ‘असफल’ होते हैं।
- शिक्षण और अधिगम की बुनियादी प्रक्रियाएं; बालकों की अध्ययन कार्यनीतियां; सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगम, अधिगम के सामाजिक संदर्भ।
- एक समस्या समाधानकर्ता और एक ‘वैज्ञानिक अन्वेशक’ के रूप में बालक।
- बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना; अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की त्रुटियों’ को समझना।
- बोध और संवेदनाएं।
- प्रेरणा और अधिगम।
- अधिगम में योगदान देने वाले कारक – निजी एवं पर्यावरणीय।
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भाषा – 1 हिन्दी – 30 प्रश्न
भाषा 1 मुख्य रूप से शिक्षा के माध्यम से संबंधित दक्षताओं पर केंद्रित होगी। यह खंड स्कोरिंग भी है लेकिन यह उचित तैयारी की मांग करता है। भाषा मूल रूप से भाषा की समझ के स्तर पर निर्भर करती है। इस खंड में 1 अंक के 30 प्रश्न हैं।
Topic |
Sub – Topic |
विषय – वस्तु |
- अपठित अनुच्छेद।
- संज्ञा एवं संज्ञा के भेद।
- सर्वनाम एवं सर्वनाम के भेद।
- विशेषण एवं विशेषण के भेद।
- क्रिया एवं क्रिया के भेद।
- वाच्य – कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य
- हिन्दी भाषा की समस्त ध्वनियों, संयुक्ताक्षरों, संयुक्त व्यंजनो, एवं अनुस्वार एवं चन्द्रबिन्दु में अन्तर।
- वर्णक्रम, पर्यायवाची, विपरीतार्थक, अनेकार्थक, समानार्थी शब्द।
- अव्यय के भेद।
- अनुस्वार, अनुनासिक का प्रयोग।
- “र” के विभिन्न रूपों का प्रयोग।
- वाक्य निर्माण (सरल, संयुक्त एवं मिश्रित वाक्य)।
- विराम चिह्नों की पहचान एवं उपयोग।
- वचन, लिंग एवं काल का प्रयोग।
- तत्सम, तद्भव, देशज एवं विदेशी शब्द।
- उपसर्ग एवं प्रत्यय।
- शब्द युग्म।
- समास, समास विग्रह एवं समास के भेद।
- मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ।
- क्रिया सकर्मक एवं अकर्मक।
- सन्धि एवं सन्धि के भेद। (स्वर, व्यंजन एवं विसर्ग सन्धियाँ)।
- अलंकार। (अनुप्रास, यमक, श्लेष, उपमा, रूपक, उत्प्रेरक्षा, अतिशयोक्ति)
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भाषा विकास का अध्यापन |
- अधिगम अर्जन।
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत।
- सुनने और बोलने की भूमिका; भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं।
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर विवेचित संदर्श।
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां और विकार।
- भाषा कौशल।
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना।
- अध्यापन – अधिगम सामग्रियां: पाठ्यपुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन।
- उपचारात्मक अध्यापन।
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भाषा – II – English/उर्दू / संस्कृत – 30 प्रश्न
भाषा 2 भी भाषा 1 के रूप में बुनियादी अवधारणाओं पर आधारित है। भाषा 2 भाषा के तत्वों और समझने की क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करेगी। यहां हमने भाषा II के सभी महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया है।
Topic |
Sub – Topic |
English |
- Unseen passage
- Nouns and their kinds
- Pronoun and its kinds
- Verb and its kinds
- Adjective and its kinds & degrees
- Adverbs and their kinds
- Preposition and its kinds
- Conjunction and its kinds
- Intersection
- Singular and plural
- Subject and predicate
- Negative and interrogative sentences
- Masculine and feminine gender
- Punctuation
- Suffix with root words
- Phrasal verbs
- Use of Somebody, Nobody, Anybody
- Parts of speech
- Narration
- Active voice and passive voice
- Antonyms & synonyms
- Use of Homophones
- Use of request in sentences
- Silent letters in words
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उर्दू |
- अपठित अनुच्छेद।
- ज़बान की फन्नी महारतों की जानकारी।
- मुखतलिफ असनाफे अदब हम्द, ग़ज़ल, कसीदा, मर्सिया, मसनवी, गीत वगैरह की समझ एवं उनके फर्क को समझना।
- मुखतलिफ शायरों, अदीबों की हालाते जिन्दगी से वाकफियत एवं उनकी तसानीफ की जानकारी हासिल करना।
- मुल्क की मुश्तरका तहज़ीब में उर्दू जबान की खिदमत और अहमियत से वाकफियत हासिल करना।
- इस्म व उसके अक़साम, फेल, सिफत, ज़मीर, तज़कीरओं तानीस, तज़ाद की समझा।
- सही इमला एवं एराब की जानकारी होना।
- मुहावरे एवं जर्बुल अमसाल से वाक़फियत हासिल करना।
- सनअतों की जानकारी होना। सियासी, समाजी एवं एख्लाकी मसाइल के तई बेदार होना और उस पर अपना नज़रिया वाजे रखना।
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संस्कृत |
- अपठित अनुच्छेद।
- सन्धि – स्वर, व्यंजन।
- अव्यय।
- समास।
- लिंग, वचन एवं काल का प्रयोग।
- उपसर्ग।
- पर्यायवाची।
- विलोम।
- कारका
- अंलकार।
- प्रत्यय।
- वाच्य।
- संज्ञाएँ – निम्नवत् सभी शब्दों की सभी विभक्ति एवं वचनों के रूपों का ज्ञान –
- पुल्लिंग शब्द।
- स्त्रीलिंग शब्द।
- नपुसंकलिंग शब्द।
- अकारान्त पुल्लिंग।
- आकारान्त स्त्रीलिंग।
- अकारान्त नपंसकलिंग।
- उकारान्त पुल्लिंग।
- उकारान्त स्त्रीलिंग।
- उकारान्त नपुंसकलिग।
- ईकारान्त पुल्लिंग।
- ईकारान्त स्त्रीलिंग।
- ईकारान्त नपुंसकलिंग।
- ऋकारान्त पुल्लिंग।
- सर्वनाम।
- विशेषण।
- धातु।
- संख्याएँ।
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भाषा विकास का अध्यापन |
- अधिगम और अर्जन।
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत।
- सुनने और बोलने की भूमिका; भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं।
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श।
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाईयां, त्रुटियां और विकार।
- भाषा कौशल।
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना।
- अध्यापन – अधिगम सामग्री: पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन।
- उपचारात्मक अध्यापन।
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गणित
गणित का पाठ्यक्रम लंबा और कठिन है लेकिन परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों का स्तर आसान से मध्यम है। एनसीईआरटी कक्षा 6वीं से 8वीं तक के सभी प्रश्न पूछे गए थे। और उनके शिक्षण अध्यापन।
Topic |
Sub – Topic |
विषय – वस्तु |
- प्राकृतिक संख्याएँ, पूर्ण संख्याएँ, परिमेय संख्याएँ।
- पूर्णांक, कोष्ठक लघुत्तम समापवत्र्य एवं महत्तम समापवर्तक।
- वर्गमूल।
- घनमूल।
- सर्वसमिकाएँ।
- बीजगणित, अवधारणा – चर संख्याएँ, अचर संख्याएँ, चर संख्याओं की घात।
- बीजीय व्यंजकों का जोड़, घटाना, गुणा एवं भाग, बीजीय व्यंजकों के पद एवं पदों के गुणांक, सजातीय एवं विजातीय पद, व्यंजकों की डिग्री, एक, दो एवं त्रिपदीय व्यंजकों की अवधारणा।
- युगपत समीकरण, वर्ग समीकरण, रेखीय समीकरण।
- समान्तर रेखाएँ, चतुर्भुज की रचनाएँ, त्रिभुज।
- वृत्त और चक्रीय चतुर्भुज।
- वृत्त की स्पर्श रेखाएँ।
- वाणिज्य गणित – अनुपात, समानुपात, प्रतिशतता, लाभ – हानि, साधारण ब्याज, चक्रवृद्धि ब्याज, कर (टैक्स), वस्तु विनिमय प्रणाली।
- बैंकिग – वर्तमान मुद्रा, बिल तथा कैशमेमो।
- सांख्यिकी – आंकड़ों का वर्गीकरण, पिक्टोग्राफ, माध्य, माध्यिका एवं बहुलक, बारम्बारता।
- पाई एवं दण्ड चार्ट, अवर्गीकृत आँकड़ों का चित्र।
- सम्भावना (प्रायिकता) ग्राफ, दण्ड, आरेख तथा मिश्रित दण्ड आरेख।
- कार्तीय तल।
- क्षेत्रमिति। (मेन्सुरेशन)
- घातांक।
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अध्यापन संबंधी मुद्दे |
- गणितीय/तार्किक चिंतन की प्रकृति।
- पाठ्यचर्या में गणित का स्थान।
- गणित की भाषा।
- सामुदायिक गणित।
- मूल्यांकन।
- उपचारात्मक शिक्षण।
- शिक्षण की समस्याएं।
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विज्ञान
विज्ञान का पाठ्यक्रम लंबा और कठिन है लेकिन परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों का स्तर मध्यम है। प्रश्न अवधारणाओं की बुनियादी समझ से संबंधित हैं। इसमें 30 प्रश्न होते हैं। प्रश्न पाठ्यक्रम में निर्धारित विषयों पर आधारित होंगे यानी एनसीईआरटी कक्षा 6 से 8 तक लेकिन कठिनाई मानक वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक हो सकता है।
Topic |
Sub – Topic |
विषय – वस्तु |
- दैनिक जीवन में विज्ञान, महत्वपूर्ण खोज, महत्व, मानव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी।
- रेशे एवं वस्त्र, रेशों से वस्त्रों तक। (प्रक्रिया)
- सजीव, निर्जीव पदार्थ – जीव जगत, सजीवों का वर्गीकरण, जन्तु एवं वनस्पति के आधार पर पौधों का वर्गीकरण एवं जन्तुओं का वर्गीकरण, जीवों में अनुकूलन, जन्तुओं एवं पौधों में परिवर्तन।
- जन्तु की संरचना व कार्य।
- सूक्ष्म जीव एवं उनका वर्गीकरण।
- कोशिका से अंगतन्त्र तक।
- किशोरावस्था, विकलांगता।
- भोजन, स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं रोग, फसल उत्पादन, नाइट्रोजन चक्र।
- जन्तुओं में पोषण। पौधों में पोषण, जनन, लाभदायक पौधे।
- जीवों में श्वसन, उत्सर्जन, लाभदायक जन्तु।
- मापन।
- विद्युत धारा।
- चुम्बकत्व।
- गति, बल एवं यंत्र।
- ऊर्जा।
- कम्प्यूटर।
- ध्वनि।
- स्थिर विद्युत।
- प्रकाश एवं प्रकाश यंत्र।
- वायु – गुण, संघटन, आवश्यकता, उपयोगिता, ओजोन परत, हरित गृह प्रभाव।
- जल – आवश्यकता, उपयोगिता, स्रोत, गुण, प्रदूषण, जल – संरक्षण।
- पदार्थ, पदार्थों के समूह, पदार्थों का पृथक्करण, पदार्थ की संरचना एवं प्रकृति।
- पास – पड़ोस में होने वाले परिवर्तन, भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन।
- अम्ल, क्षार, लवण।
- ऊष्मा एवं ताप।
- मानव निर्मित वस्तुएँ, प्लास्टिक, काँच, साबुन, मृतिका।
- खनिज एवं धात्।
- कार्बन एवं उसके यौगिक।
- ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत।
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अध्यापन संबंधी मुद्दे |
- विज्ञान की प्रकृति और संरचना।
- प्राकृतिक विज्ञान/लक्ष्य और उद्देश्य।
- विज्ञान को समझना और उसकी सराहना करना।
- दृष्टिकोण/एकीकृत दृष्टिकोण।
- प्रेक्षण/प्रयोग/अन्वेशण। (विज्ञान की पद्धति)
- अभिनवता।
- पाठ्यचर्या सामग्री/सहायता – सामग्री।
- मूल्यांकन।
- समस्याएं।
- उपचारात्मक शिक्षण।
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सामाजिक अध्ययन व अन्य – 60 प्रश्न
इस विषय में इतिहास, भूगोल, राजनीति, पर्यावरण अध्ययन, बागवानी, कृषि और शिक्षाशास्त्र शामिल हैं। यह एक लंबा विषय है। इसलिए यह उचित तैयारी की मांग करता है। प्रश्न पाठ्यक्रम में निर्धारित विषयों पर आधारित होंगे यानी एनसीईआरटी कक्षा 6 से 8 तक लेकिन कठिनाई मानक वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक हो सकता है। इसमें 60 प्रश्न होते हैं।
Topic |
Sub – Topic |
I. इतिहास |
- इतिहास जानने के स्रोत।
- पाषाणकालीन संस्कृति, ताम्र पाषाणिक संस्कृति, वैदिक संस्कृति।
- छठी शताब्दी ई. पू. का भारत।
- भारत के प्रारम्भिक राज्य।
- भारत में मौर्य साम्राज्य की स्थापना।
- मौर्येतरकालीन भारत, गुप्त काल, राजपूतकालीन भारत, पुष्यभूति वंश, दक्षिण भारत के राज्य।
- इस्लाम का भारत में आगमन।
- दिल्ली सल्तनत की स्थापना, विस्तार, विघटन।
- मुगल साम्राज्य, संस्कृति, पतन।
- यूरोपीय शक्तियों का भारत में आगमन एवं अंग्रेजी राज्य की स्थापना।
- भारत में कम्पनी राज्य का विस्तार।
- भारत में नवजागरण, भारत में राष्ट्रवाद का उदय।
- स्वाधीनता आन्दोलन, स्वतन्त्रता प्राप्ति, भारत विभाजन।
- स्वतन्त्र भारत की चुनौतियां।
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II. नागरिक शास्त्र |
- हम और हमारा समाज।
- ग्रामीण एवं नगरीय समाज व रहन सहन।
- ग्रामीण व नगरीय स्वशासन।
- जिला प्रशासन।
- हमारा संविधान।
- यातायात सुरक्षा।
- केन्द्रिय व राज्य शासन व्यवस्था।
- भारत में लोकतन्त्र।
- देश की सुरक्षा एवं विदेश नीति।
- वैश्विक समुदाय एवं भारत।
- नागरिक सुरक्षा।
- दिव्यांगता।
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III. भूगोल |
- सौरमण्डल में पृथ्वी, ग्लोब – पृथ्वी पर स्थानों का निर्धारण, पृथ्वी की गतियाँ।
- मानचित्रण, पृथ्वी के चार परिमण्डल, स्थल मण्डल – पृथ्वी की संरचना, पृथ्वी के प्रमुख स्थलरूप।
- विश्व में भारत, भारत का भौतिक स्वरूप, मृदा, वनस्पति एवं वन्य जीव, भारत की जलवायु, भारत के आर्थिक संसाधन, यातायात, व्यापार एवं संचार।
- उत्तर प्रदेश – भारत में स्थान, राजनीतिक विभाग, जलवाय, मृदा, वनस्पति एवं वन्यजीव कृषि, खनिज उद्योग – धन्धे जनसंख्या, एवं नगरीकरण।
- धरातल के रूप, बदलने वाले कारक। (आंतरिक एवं वाहय कारक)
- वायुमण्डल, जलमण्डल।
- संसार के प्रमुख प्राकृतिक प्रदेश एवं जनजीवन।
- खनिज संसाधन, उद्योग – धन्धे।
- आपदा एवं आपदा प्रबन्धन।
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IV. पर्यावरणीय अध्ययन |
- पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधन एवं उनकी उपयोगिता।
- प्राकृतिक संतुलन।
- संसाधनों का उपयोग।
- जनसंख्या वृद्धि का पर्यावरण पर प्रभाव, पर्यावरण – प्रदूषण।
- अपशिष्ट प्रबन्धन, आपदाएँ, पर्यावरणविद, पर्यावरण के क्षेत्र में पुरस्कार, पर्यावरण दिवस, पर्यावरण कैलेण्डर।
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V. गृहशिल्प/गृहविज्ञान |
- स्वास्थ्य एवं स्वच्छता।
- पोषण, रोग एवं उनसे बचने के उपाय, प्राथमिक उपचार।
- खाद्य पदार्थों का संरक्षण।
- प्रदूषण।
- पाचन सम्बन्धी रोग एवं सामान्य बीमारियाँ।
- गृह प्रबन्धन, सिलाई कला, धुलाई कला, पाक कला, बनाई कला, कढ़ाई कला।
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VI. शारीरिक शिक्षा एवं खेल |
- शारीरिक शिक्षा, व्यायाम, योग एवं प्राणायाम।
- माचिंग, राष्ट्रीय खेल एवं पुरस्कार।
- छोटे एवं मनोरंजनात्मक खेल, अन्तर्राष्ट्रीय खेल।
- खेल और हमारा भोजन।
- प्राथमिक चिकित्सा।
- नशीले पदार्थों के दुष्परिणाम एवं उनसे बचाव का का उपाय, खेलकूद, खेल प्रबन्धन एवं नियोजन का महत्व।
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VII. संगीत |
- स्वर ज्ञान।
- राग परिचय।
- संगीत में लय एवं ताल का ज्ञान।
- तीव्र मध्यम वाले राग।
- वन्दना गीत/झण्डा गान।
- देशगान, देशगीत, भजन।
- वनसंरक्षण/वृक्षारोपण।
- क्रियात्मक गीत।
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VIII. उद्यान विज्ञान एवं फलसंरक्षण |
- मिट्टी, मृदा गठन, भू – परिष्करण, यंत्र, बीज, खाद उर्वरक।
- सिंचाई, सिचाई के यंत्र।
- बाग लगाना, विदयालय वाटिका।
- झाड़ी एवं लताएँ, शोभा वाले पौधे, मौसमी फूल की खेती, फलों की खेती, शाक वाटिका, सब्जियों की खेती।
- प्रवर्धन, कायिक प्रवर्धन
- फल परीक्षण, फल संरक्षण – जैम, जेली, सॉस, अचार बनाना
- जलवायु विज्ञान
- फसल चक्र
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अध्यापन संबंधी मुद्दे |
- सामाजिक अध्ययन की अवधारणा और पद्धति:–
- कक्षा की प्रक्रियाएं, क्रियाकलाप और व्याख्यान।
- विवेचित चिंतन का विकास करना।
- पूछताछ/अनुभवजन्य साक्ष्य।
- सामाजिक विज्ञान/सामाजिक अध्ययन पढ़ाने की समस्याएं।
- प्रोजेक्ट कार्य।
- मुल्यांकन।
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UPTET सिलेबस PDF:
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड पेपर 1 और पेपर 2 के लिए आधिकारिक UPTET पाठ्यक्रम जारी करता है। इच्छुक उम्मीदवार UPTET पाठ्यक्रम पीडीएफ दोनों माध्यमों यानी हिंदी और अंग्रेजी में डाउनलोड कर सकते हैं। एक व्यक्ति जो दोनों स्तरों (कक्षा I से V और कक्षा VI से VIII) के लिए शिक्षक बनना चाहता है, उसे दोनों पेपर (पेपर I और पेपर II) में उपस्थित होना होगा।
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