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वर्तनी topic related to communicate a word in hindi which has different meaning. There can be spelling mistake, pronunciation mistake in Vartni. To make वर्तनी परिभाषा, भेद और उदहारण easy in writing and reading, here we are providing some formula to learn Vartni वर्तनी परिभाषा, भेद और उदहारण based on vowel and consonants in Hindi Language.
वर्तनी
वर्तनी – शब्दों के वर्ण क्रम को वर्तनी कहते हैं।
वर्तनी के बदलते ही या तो शब्द के अर्थ बदल जाते हैं, या वे निरर्थक हो जाते हैं। उदाहरणतया ‘मार’ शब्द की मात्रा का स्थान बदल जाए तो वह ‘मरा’ हो जाएगा। यदि मात्रा लगाना भूल जाएँ तो ‘मर’ हो जाएगा। यदि ‘र’ और ‘म’ बदल जाएँ तो ‘राम’ या ‘रमा’ हो जाएगा। इसलिए वर्तनी का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
वर्तनी एक भाषा नियम है जो किसी भाषा में शब्दों के सही रूप की पहचान करता है और उनका सही रूप में उपयोग सुनिश्चित करता है। इसे समान रूप से व्याकरण भी कहा जाता है। वर्तनी में शब्दों के सही उच्चारण, वर्णमाला, और भाषा के नियमों का पालन किया जाता है।
वर्तनी: उदाहरण
- ध्वनिक वर्तनी: “गाड़ी” का उच्चारण “गाड़ी” होना चाहिए
- रचनात्मक वर्तनी: “मैंने उसका पत्र लिखा” के बजाय “मैंने उसके पत्र को लिखा”
- वर्तनी के त्रुटियाँ: “बच्चों को बोला जाता है” के बजाय “बच्चों को बोला जाती है”
वर्तनी के भेद
वर्तनी के कई प्रकार होते हैं, जिन्हें हम प्रमुख रूप से तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं:
- समानरूपी वर्तनी: समानरूपी वर्तनी में वे शब्द आते हैं जो सुनने में समान प्रतीत होते हैं, लेकिन लिखने और अर्थ में भिन्न होते हैं। ऐसे शब्दों को समझने के लिए सटीक उच्चारण और प्रसंग का सही ज्ञान होना आवश्यक है। उदाहरण के लिए:
- वह (जिसे हम इंग्लिश में ‘that’ के अर्थ में इस्तेमाल करते हैं) और वे (जो बहुवचन के लिए इस्तेमाल होता है)।
- फल (खाने वाला फल) और फ्ल (किसी चीज़ की कमी)।
- समानार्थी वर्तनी: समानार्थी वर्तनी वे शब्द होते हैं जो लिखने में समान होते हैं, लेकिन उनका उच्चारण और अर्थ अलग होता है। यह भेद हिंदी भाषा के ध्वन्यात्मक पक्ष को उजागर करता है। उदाहरण:
- बाँध (जिसका अर्थ है “बाँधना”) और बांध (जिसका अर्थ है “जल को रोकने का बांध”)।
- तार (जो संगीत में उपयोग होता है) और तार (जो संदेश भेजने के लिए उपयोग होता था)।
- विशेष वर्तनी: विशेष वर्तनी में वे शब्द शामिल होते हैं जो एक ही अर्थ या ध्वनि को व्यक्त करते हैं, लेकिन उनकी लिखावट अलग होती है। इस प्रकार के शब्दों का सही प्रयोग भाषा की सुंदरता को और बढ़ाता है। उदाहरण:
- गंध (जिसका अर्थ है “सुगंध या दुर्गंध”) और गाँधी (महात्मा गाँधी का नाम)।
- सुर (संगीत का स्वर) और शूर (वीर व्यक्ति)।
वर्तनी-दोष
भूल, असावधानी, उच्चारण-दोष, क्षेत्रीय प्रभाव या भ्रम के कारण वर्तनी में अनेक दोष आ जाते हैं। कुछ दोष निम्नलिखित हैं-
- बहुवचन रूपों की अशुद्धियाँ-
ईकारांत और ऊकारांत शब्दों के बहुवचन रूपों में ‘ई’ और ‘ऊ’ क्रमशः ‘इ’ और ‘उ’ में बदल जाते हैं। जैसे-
अशुद्ध शुद्ध
लड़की लड़कियाँ
सर्दी सर्दियाँ
उल्लू उल्लुओं
खिड़की खिड़कियाँ
- ‘आ’ की जगह ‘अ’ की मात्रा
अशुद्ध शुद्ध
असान आसान
संसारिक सांसारिक
अगामी आगामी
अवाज़ आवाज़
- ‘अ’ की जगह ‘आ’ की मात्रा
अशुद्ध शुद्ध
आधीन अधीन
लागान लगान
अत्याधिक अत्यधिक
आसाम असम
- ‘इ’ की जगह ‘ई’ की मात्रा
अशुद्ध शुद्ध
अभीमान अभिमान
परीचय परिचय
तिथी तिथि
क्योंकी क्योंकि
- ‘उ’ और ‘ऊ’ मात्रा का दोष
अशुद्ध शुद्ध
करूणा करुणा
झाड़ु झाड़ू
ज़रुरत ज़रूरत
उधम ऊधम
- ‘ऋ’ और ‘रि’ अशुद्धि
अशुद्ध शुद्ध
रिषि ऋषि
रितु ऋतु
अनुग्रहीत अनुगृहीत
मात्रभूमि मातृभूमि
- ‘ए’ और ‘ऐ’ लिखने में अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
एतिहासिक ऐतिहासिक
एनक ऐनक
सेनिक सैनिक
नेतिक नैतिक
- ‘ई’ की जगह ‘इ’ मात्रा की अशुद्धि
अशुद्ध शुद्ध
श्रीमति श्रीमती
बेइमान बेईमान
पत्नि पत्नी
बिमारी बीमारी
- ‘इ’ मात्रा का लोप
अशुद्ध शुद्ध
विरहणी विरहिणी
परस्थिति परिस्थिति
नायका नायिका
सरोजनी सरोजिनी
- ‘उ’ और ‘ऊ’ मात्रा संबंधी अशुद्धि
अशुद्ध शुद्ध
कूआँ कुआँ
हेतू हेतु
फूलवारी फुलवारी
इंदू इंदु
- ‘ओ’ और ‘औ’ की अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
त्यौहार त्योहार
लोकिक लौकिक
कोरव कौरव
ओ़द्योगिक औद्योगिक
- अनुस्वार और अनुनासिक की अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
कांटा काँटा
आंख आँख
झांसी झाँसी
बांस बाँस
- संधि के अज्ञान की अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
अत्याधिक अत्यधिक
अनाधिकार अनधिकार
अध्यन अध्ययन
प्रोढ़ प्रौढ़
- ‘ट’ और ‘ठ’ की अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
यथेष्ठ यथेष्ठ
श्रेष्ट श्रेष्ठ
कनिष्ट कनिष्ठ
परिशिष्ठ परिशिष्ट
- ‘ड़’ और ‘ण’ की अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
गड़ेश गणेश
गड़ना गणना
टिप्पड़ी टिप्पणी
गुड़ गुण
- ‘न’ और ‘ण’ की अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
रामायन रामायण
निरीक्षन निरीक्षण
नरभूमि रणभूमि
किरन किरण
- ‘र’, ‘ल’, ‘ड़’ की अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
उजारना उजाड़ना
टेड़ा टेढ़ा
प्रौड़ा प्रौढ़ा
बूड़ा बूढ़ा
- ‘व’ और ‘ब’ की अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
बनस्पति वनस्पति
बिलास विलास
बर्षा वर्षा
बन वन
- ‘स’ और ‘श’ की अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
आदर्स आदर्श
देस देश
साम शाम
सासन शासन
- ‘श’ और ‘स’ की अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
अमावश्या अमावस्या
शुषमा सुषमा
नमश्कार नमस्कार
प्रशाद प्रसाद
- ‘क्ष’ और ‘छ’ की अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
कछा कक्षा
छुद्र क्षुद्र
दीछा दीक्षा
छमा क्षमा
- प्रत्यय संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
कौशलता कौशल, कुशलता
निरपराधी पिरपराध
पौरुषत्व पौरुष/पुरुषत्व
महत्व महत्त्व
- ‘ज्ञ’ और ‘ग्य’ की अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
आग्या आज्ञा
ग्यान ज्ञान
यग्य यज्ञ
कृतग्य कृतज्ञ