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प्रवासी भारतीय दिवस 2023 की यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता
प्रवासी भारतीय दिवस: यह विदेशों में रहने वाले भारतीयों अथवा भारतीय मूल के लोगों के योगदान को प्रोत्साहित करने तथा मान्यता प्रदान करने हेतु भारत में आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है। प्रवासी भारतीय दिवस 2023 यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- अंतर्राष्ट्रीय संबंध) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
प्रवासी भारतीय दिवस 2023 चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के इंदौर में 17 वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन किया।
- भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू भी 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन सत्र की शोभा बढ़ाएंगी एवं कल (10 जनवरी, 2023) इंदौर, मध्य प्रदेश में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान करेंगी।
17वां प्रवासी भारतीय दिवस
- प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) के बारे में: प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है जो प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ने एवं संबंध स्थापित करने हेतु एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है तथा विदेशी प्रवासियों (डायस्पोरा) को एक-दूसरे के साथ अंतः क्रिया करने में सक्षम बनाता है।
- थीम: प्रवासी भारतीय दिवस 2023 सम्मेलन की थीम ‘प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार’ है।
- भागीदारी: लगभग 70 विभिन्न देशों के 3,500 से अधिक प्रवासी सदस्यों ने प्रवासी भारतीय दिवस 2023 हेतु पंजीकरण कराया है।
- स्थान: मध्य प्रदेश के इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस 2023 का आयोजन किया जा रहा है। प्रवासी भारतीय दिवस प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। प्रवासी भारतीय दिवस को अनिवासी भारतीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
प्रवासी भारतीय दिवस 2023 में पीएम मोदी
- प्रधानमंत्री ने एक स्मारक डाक टिकट ‘सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं’ जारी किया।
- उन्होंने ‘आजादी का अमृत महोत्सव – भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों का योगदान’ विषय पर प्रथम डिजिटल प्रवासी भारतीय दिवस प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
- प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि प्रवासी भारतीय दिवस कई संदर्भों में विशेष है क्योंकि भारत ने हाल ही में अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण किए हैं।
- अमृत काल की आगामी 25 वर्षों की यात्रा में प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा भारत का अद्वितीय वैश्विक दृष्टिकोण तथा वैश्विक व्यवस्था में इसकी भूमिका को सुदृढ़ किया जाएगा।
प्रवासी भारतीय दिवस- प्रमुख बिंदु
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: 9 जनवरी 1915 महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका से भारत वापसी का दिन है। उनकी वापसी के पश्चात, भारत में स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन वास्तव में भारत में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध एक जन आंदोलन बन गया।
- उत्पत्ति: 2003 से, भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने हेतु प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं।
- प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन: प्रवासी भारतीय दिवस के प्रारूप को 2015 से संशोधित किया गया है ताकि प्रत्येक दो वर्ष में एक बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जा सके एवं थीम-आधारित प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित किए जा सकें।
- 2015 से, सरकार विदेशी डायस्पोरा विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं एवं हितधारकों की भागीदारी के साथ मध्यवर्ती अवधि के दौरान थीम-आधारित प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन करती है।
- विगत थीम-आधारित प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 2021 में आयोजित किया गया था।
- 16वें प्रवासी भारतीय दिवस अभिसमय 2021 की थीम “आत्मनिर्भर भारत में योगदान” था।
- उद्देश्य: प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) उत्सव का उद्देश्य भारत सरकार के साथ प्रवासी भारतीय समुदाय के जुड़ाव को बढ़ाना एवं उन्हें उनकी जड़ों से फिर से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करना है।
- मंत्रालय: प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन विदेश मंत्रालय का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है।
- प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन प्रवासी भारतीयों से जुड़ने एवं संपर्क स्थापित करने हेतु एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।
- पुरस्कार एवं कार्यक्रम: प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन में, योग्य लोगों को उनके सार्थक योगदान के लिए ‘प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार’ जैसे पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।
- युवा प्रवासी भारतीयों (18-35) के साथ जुड़ाव को सुदृढ़ करने एवं उन्हें अपने मूल देश के बारे में अधिक जानने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ‘भारत को जानें क्विज’ जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) का महत्व
- भागीदारी सुनिश्चित करता है: प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन अनिवासी भारतीयों को भारत के बारे में अपनी भावनाओं, दृष्टिकोण एवं धारणाओं को व्यक्त करने हेतु एक मुक्त मंच प्रदान करता है।
- भारतीय जड़ों से जुड़ना: प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन विश्व के सभी देशों में प्रवासी भारतीयों (नॉन रेजिडेंट इंडियंस/एनआरआई) का एक नेटवर्क बनाता है एवं युवा पीढ़ी को अप्रवासियों से जोड़ता है।
- विकास को प्रोत्साहित करता है: प्रवासी भारतीय दिवस अनिवासी भारतीयों को अपनी मातृभूमि अर्थात भारत पर अपने विचारों एवं अनुभवों को लागू करके विकास प्रक्रिया में योगदान करने का अवसर प्रदान करता है।
- प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) कार्यक्रम अनिवासी भारतीयों को अपने ज्ञान एवं विशेषज्ञता को अपनी मातृभूमि में लाने तथा इसके विकास में योगदान करने हेतु प्रेरित करता है।
- प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) की उपलब्धियों का उत्सव मनाता है: प्रवासी भारतीय दिवस संपूर्ण विश्व में विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय मूल के व्यक्तियों की उपलब्धियों का उत्सव मनाने है भारतीय डायस्पोरा को एक मंच प्रदान करता है।
प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) 2023 कहाँ आयोजित किया जा रहा है?
उत्तर. प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) 2023 इंदौर, मध्य प्रदेश में आयोजित किया जा रहा है।
प्र. प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन क्या है?
उत्तर. प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन भारत सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है जो प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ने तथा संपर्क स्थापित करने एवं डायस्पोरा को एक-दूसरे के साथ अंतः क्रिया करने में सक्षम बनाने हेतु एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।
प्र. प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन 2023 की थीम क्या है?
उत्तर. प्रवासी भारतीय दिवस 2023 सम्मेलन की थीम ‘प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार’ (‘डायस्पोरा:रिलायबल पार्टनर्स फॉर इंडियाज प्रोग्रेस इन अमृत काल’) है।