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दूसरा भारत-नॉर्डिक सम्मेलन

दूसरा भारत-नॉर्डिक सम्मेलन-यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह  तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

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समाचारों में दूसरा भारत-नॉर्डिक सम्मेलन

  • प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने फिनलैंड की प्रधानमंत्री एच.ई. सुश्री सना मारिन से दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के अवसर पर कोपेनहेगन में भेंट की।
    • दोनों नेताओं के मध्य यह प्रथम व्यक्तिगत मुलाकात थी।
  • इससे पूर्व, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नॉर्डिक देशों के अन्य नेताओं के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया।

 

भारत-नॉर्डिक सम्मेलन

  • भारत-नॉर्डिक सम्मेलन के बारे में: भारत-नॉर्डिक सम्मेलन भारत एवं छह नॉर्डिक देशों को उनके  मध्य सहयोग को सुदृढ़ करने हेतु एक मंच प्रदान करता है।
  • प्रतिभागी देश: भारत-नॉर्डिक सम्मेलन भारत एवं पांच नॉर्डिक देशों- डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन एवं नॉर्वे के मध्य आयोजित होता है।
  • उद्देश्य: भारत-नॉर्डिक सम्मेलन ने भारत-नॉर्डिक संबंधों की प्रगति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान किया।
  • प्रथम भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन: प्रथम भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन 2018 में स्टॉकहोम में आयोजित किया गया था।
    • पहले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में, महामारी पश्च आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, नवाचार, डिजिटलीकरण एवं हरित तथा स्वच्छ विकास में बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई।

 

दूसरा भारत-नॉर्डिक सम्मेलन

  • दूसरे भारत नॉर्डिक सम्मेलन के बारे में: दूसरा भारत नॉर्डिक सम्मेलन, जो पहले जून 2021 में आयोजित होने वाला था, को पुनः संयोजित किया गया है।
  • दूसरा भारत-नॉर्डिक सम्मेलन स्थल: दूसरा भारत-नॉर्डिक सम्मेलन डेनमार्क द्वारा कोपेनहेगन में आयोजित किया जा रहा है।
  • चर्चा किए गए मुद्दे:
    • सतत महासागर प्रबंधन पर ध्यान देने के साथ समुद्री क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा हुई।
    • प्रधान मंत्री ने नॉर्डिक कंपनियों को ब्लू इकोनॉमी क्षेत्र में, विशेष रूप से भारत की सागरमाला परियोजना में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
    • आर्कटिक क्षेत्र में नॉर्डिक क्षेत्र के साथ भारत की साझेदारी पर चर्चा की गई। प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत की आर्कटिक नीति आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग के विस्तार के लिए एक समुचित ढांचा प्रदान करती है।
    • प्रधान मंत्री ने भारत में निवेश करने हेतु नॉर्डिक देशों के संप्रभु धन कोष को आमंत्रित किया।
    • क्षेत्रीय एवं वैश्विक विकास पर भी चर्चा हुई।

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नॉर्डिक देशों के बारे में 

  • नॉर्डिक देशों के बारे में: नॉर्डिक देश उत्तरी यूरोप में पांच देशों का एक समूह है। ये पांच नॉर्डिक देश डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे, फिनलैंड एवं आइसलैंड हैं।
  • राजनीतिक व्यवस्था: डेनमार्क, स्वीडन एवं नॉर्वे संवैधानिक राजतंत्र तथा संसदीय लोकतंत्र हैं। फिनलैंड एवं आइसलैंड लोकतांत्रिक गणराज्य हैं।
    • आइसलैंड की संसद, अलथिंग, विश्व की सर्वाधिक प्राचीन संसद है।
  • जनसंख्या: स्वीडन नॉर्डिक देशों में सबसे बड़ा तथा सर्वाधिक आबादी वाला देश है। आइसलैंड सबसे कम आबादी वाला है। डेनमार्क सबसे छोटा है।
  • आर्थिक क्षमता: नॉर्डिक देश सामूहिक रूप से 1.6 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • भारत-नॉर्डिक देश व्यापार संतुलन: भारत एवं नॉर्डिक देशों के मध्य वस्तुओं एवं सेवाओं में कुल द्विपक्षीय व्यापार 13 बिलियन डॉलर है।

 

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