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आसियान-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन: आसियान-भारत शिखर सम्मेलन एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है जो भारत-आसियान संबंधों को मजबूत करती है। आसियान-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन भारत-आसियान आर्थिक संबंधों का हिस्सा है एवं यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 तथा यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- अंतर्राष्ट्रीय संबंध- आसियान एवं सार्क जैसे क्षेत्रीय समूह) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
आसियान-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन चर्चा में क्यों है?
आसियान-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन 2023 को हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में भारत का तीव्र गति से डिजिटलीकरण आसियान देशों के साथ इसकी साझेदारी के लिए काफी संभावनाएं रखता है।
आसियान-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन 2023
5 वां आसियान-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन दोनों पक्षों के व्यापार एवं आर्थिक जुड़ाव के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार करने हेतु एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। 5 वां आसियान-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन भारत एवं 10 सदस्यीय ब्लॉक के मध्य तीन दशक से अधिक लंबे जुड़ाव के उपलक्ष्य में आसियान-भारत मित्रता वर्ष के एक भाग के रूप में आयोजित किया जा रहा है।
- समय एवं स्थान:आसियान-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन 2023 6 मार्च को बर्जया टाइम्स स्क्वायर होटल में आयोजित किया गया है।
- थीम: 5 वें आसियान-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन की थीम “रणनीतिक व्यापार साझेदारी के लिए आसियान-भारत आर्थिक संबंधों को मजबूत करना एवं आगे बढ़ाना” (स्ट्रैंथनिंग एंड मूविंग फॉरवर्ड आसियान इंडिया इकोनामिक रिलेशंस फॉर ए स्ट्रैटेजिक बिजनेस पार्टनरशिप) है।
- मेजबान: शिखर सम्मेलन को भारत सरकार द्वारा भारत के विदेश मंत्रालय के आर्थिक कूटनीति प्रभाग के माध्यम से मलेशिया के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय तथा फेडरेशन ऑफ़ चैम्बर्स एंड कॉमर्स ऑफ इंडिया के भागीदार संगठनों के रूप में समर्थन किया जा रहा है।
5वां आसियान-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन का महत्व
भारत-मलेशिया द्विपक्षीय संबंधों के 65 वर्षों के मद्देनजर, शिखर सम्मेलन में भारत-मलेशिया द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश जुड़ाव पर एक केंद्रित सत्र होगा।
- आसियान-भारत व्यापार सम्मेलन (आसियान-इंडिया बिजनेस समिट) 2023 भारत-मलेशिया व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने एवं डिजिटल प्रौद्योगिकी साझेदारी तथा फिनटेक में व्यापार जुड़ाव बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- यह भारत एवं आसियान के पारस्परिक लाभ के लिए हमारे द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश संबंधों को बढ़ावा देने के अवसरों एवं मार्गों का पता लगाएगा।
- शिखर सम्मेलन ने आसियान एवं भारतीय कंपनियों को बढ़ती क्षेत्रीय एवं वैश्विक मूल्य श्रृंखला गतिविधियों में अपनी भागीदारी तथा भूमिका को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त पहल अथवा उद्यमों के माध्यम से सहयोग करने का अवसर प्रदान किया।
आसियान क्या है?
एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस एक क्षेत्रीय संगठन है जिसे 1967 में आसियान घोषणा (बैंकॉक घोषणा) पर हस्ताक्षर के साथ स्थापित किया गया था। एशिया-प्रशांत के उत्तर-औपनिवेशिक राज्यों के मध्य बढ़ते तनाव के बीच राजनीतिक एवं सामाजिक स्थिरता को प्रोत्साहित करने हेतु आसियान की स्थापना की गई थी।
- 8 अगस्त को आसियान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- आसियान का आदर्श वाक्य है “एक दृष्टि, एक पहचान, एक समुदाय” (वन विजन, वन आइडेंटिटी, वन कम्युनिटी)।
- आसियान सचिवालय –इंडोनेशिया, जकार्ता।
- आसियान के संस्थापक देश हैं: इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर एवं थाईलैंड।
आसियान के सदस्य राष्ट्र
आसियान समूह के सदस्य निम्नलिखित हैं-
- इंडोनेशिया
- मलेशिया
- फिलीपींस
- सिंगापुर
- थाईलैंड
- ब्रुनेई
- वियतनाम
- लाओस
- म्यांमार
- कंबोडिया
भारत-आसियान संबंध
स्वतंत्रता के पश्चात आसियान के साथ वैचारिक मतभेद के कारण भारत के आसियान के साथ अच्छे संबंध नहीं थे जो शीत युद्ध के दौरान अमेरिकी खेमे के अधीन था। शीत युद्ध की समाप्ति के बाद, सामान्य खतरों एवं आकांक्षाओं के कारण भारत-आसियान संबंध आर्थिक संबंधों मात्र से रणनीतिक ऊंचाइयों तक विकसित हुए हैं।
- 1996 – भारत एशिया में सुरक्षा वार्ता के लिए आसियान क्षेत्रीय मंच (आसियान रीजनल फोरम/एआरएफ) का सदस्य बना, जिसमें सदस्य वर्तमान क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं एवं क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा में वृद्धि करने सहकारी उपाय विकसित कर सकते हैं।
- 2002 – भारत एवं आसियान ने वार्षिक शिखर स्तरीय बैठकें प्रारंभ कीं।
- 2009 – भारत-आसियान वस्तुओं में मुक्त व्यापार समझौता संपन्न हुआ।
- 2012 – भारत – आसियान रणनीतिक साझेदारी संपन्न हुई।
- 2014 – भारत – आसियान मुक्त व्यापार समझौते पर सेवाओं एवं निवेश में भारत तथा आसियान के मध्य कार्यबल एवं निवेश के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से हस्ताक्षर किए गए थे।
- 2018- भारत आसियान ने एक स्मारक शिखर सम्मेलन आयोजित करके अपने संबंधों के 25 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मनाया। 26 जनवरी, 2018 को गणतंत्र दिवस परेड के लिए आसियान के सभी दस देशों के नेताओं को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
भारत-आसियान आर्थिक सहयोग
आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। आसियान-भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र पूरा हो गया है।
- आसियान भारत-व्यापार परिषद (आसियान इंडिया बिजनेस काउंसिल/AIBC) की स्थापना 2003 में भारत एवं आसियान देशों के निजी क्षेत्र के प्रमुख प्रतिभागियों को एक मंच पर लाने के लिए की गई थी।
- आसियान देशों को निम्नलिखित निधियों से वित्तीय सहायता प्रदान की गई है:
- आसियान-भारत सहयोग कोष
- आसियान-भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास कोष
- आसियान-भारत हरित निधि
- दिल्ली घोषणा समुद्री क्षेत्र में सहयोग की पहचान करती है।
- दिल्ली संवाद: आसियान एवं भारत के मध्य राजनीतिक-सुरक्षा एवं आर्थिक मुद्दों पर चर्चा के लिए वार्षिक संवाद।
- आसियान-भारत केंद्र (आसियान इंडिया सेंटर/एआईसी): भारत एवं आसियान में संगठनों तथा थिंक-टैंक के साथ नीतिगत अनुसंधान, पक्षपोषण एवं नेटवर्किंग गतिविधियां आयोजित करना।
- राजनीतिक सुरक्षा सहयोग: भारत आसियान को क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास के अपने भारत-प्रशांत दृष्टिकोण के केंद्र में रखता है।
आसियान-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन 2023 के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
- आसियान-इंडिया व्यापार सम्मेलन 2023 की थीम क्या है?
उत्तर. 5 वें आसियान-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन की थीम “रणनीतिक व्यापार साझेदारी के लिए आसियान-भारत आर्थिक संबंधों को मजबूत करना एवं आगे बढ़ाना” (स्ट्रैंथनिंग एंड मूविंग फॉरवर्ड आसियान इंडिया इकोनामिक रिलेशंस फॉर ए स्ट्रैटेजिक बिजनेस पार्टनरशिप) है।
- आसियान-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन 2023 की मेजबानी किसने की?
उत्तर. शिखर सम्मेलन को भारत सरकार द्वारा भारत के विदेश मंत्रालय के आर्थिक कूटनीति प्रभाग के माध्यम से मलेशिया के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय तथा फेडरेशन ऑफ़ चैम्बर्स एंड कॉमर्स ऑफ इंडिया के भागीदार संगठनों के रूप में समर्थन किया जा रहा है।
- आसियान समूह के संस्थापक सदस्य कौन हैं?
उत्तर. आसियान के संस्थापक देश इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर एवं थाईलैंड हैं।