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अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 5वीं सभा

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अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 5वीं सभा: यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता

जीएस 2 एवं जीएस 3: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान

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अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 5वीं सभा: चर्चा में क्यों है?

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (इंटरनेशनल सोलर अलायंस/आईएसए) की 5वीं सभा भारत की अध्यक्षता में 17 अक्टूबर को नई दिल्ली में प्रारंभ हुई।

 

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 5वीं सभा: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की सभा के बारे में जानें

  • सभा अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का सर्वोच्च निर्णय निर्मात्री निकाय है जो आईएसए के फ्रेमवर्क समझौते के कार्यान्वयन से संबंधित निर्णय लेती है।
  • सभा आईएसए की सीट पर मंत्रिस्तरीय स्तर पर वार्षिक रूप से मिलती है।

 

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 5वीं सभा: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन पर पेरिस घोषणा क्या है?

  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के शुभारंभ की घोषणा भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा फ्रांस के पूर्व माननीय राष्ट्रपति श्री फ्रैंकोइस ओलांद ने 30 नवंबर 2015 को पक्षकारों के संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के 21वें सत्र (COP-21) में  पेरिस, फ्रांस में की थी।
  • संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की-मून ने लगभग 120 देशों के प्रमुखों के साथ इस विमोचन में भाग लिया, जिन्होंने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के प्रयासों को समर्पित करने हेतु गठबंधन में अपनी भागीदारी की पुष्टि की।

 

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 5वीं सभा: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की सभा की इस वर्ष की बैठक का फोकस क्षेत्र

  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 5वीं सभा का मुख्य फोकस क्षेत्र उन देशों में सौर क्षेत्र के निवेश को सुव्यवस्थित करना है जहां वर्तमान में निवेश नहीं हो रहा है।
  • सभा (असेंबली) भुगतान गारंटी तंत्र के साथ सौर परियोजनाओं के लिए जोखिम शमन तंत्र निर्मित करने पर भी विचार करेगी।
  • 4 दिवसीय कार्यक्रम में 109 देशों के प्रतिभागी सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के माध्यम से निम्न कार्बन वाली अर्थव्यवस्था की दिशा में अपने अनुभव साझा करेंगे।

 

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 5वीं सभा: वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड पहल क्या है?

  • एक सूर्य एक विश्व एक ग्रिड घोषणा (वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड डिक्लेरेशन/OSOWOG) को संयुक्त रूप से ग्लासगो में कॉप 26 जलवायु बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा जारी किया गया था।
  • जबकि सूर्य समस्त ऊर्जा का स्रोत है एवं सौर ऊर्जा पूर्ण रूप से स्वच्छ एवं धारणीय है, यह केवल दिन के समय उपलब्ध है तथा मौसम पर निर्भर है। OSOWOG इस चुनौती का समाधान है।
  • इसका उद्देश्य एक विश्वव्यापी ग्रिड विकसित करने में सहायता करना है जिसके माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा को कहीं भी, कभी भी प्रसारित किया जा सकता है (विश्व के दूसरी तरफ उत्पन्न सौर ऊर्जा से  विश्व के एक तरफ रात्रि में बिजली का उपयोग करना जहां यह दिन का समय है)।
  • इसका उद्देश्य भंडारण की आवश्यकताओं को कम करने एवं सौर परियोजनाओं की व्यवहार्यता को बढ़ाने में सहायता करना है। इसका अंतिम लक्ष्य कार्बन फुटप्रिंट्स एवं ऊर्जा लागत को कम करना है।

 

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 5वीं सभा: सौर मिनी-ग्रिड क्या हैं?

  • एक मिनी-ग्रिड एक वितरण नेटवर्क से जुड़े छोटे पैमाने के विद्युत जनित्र (इलेक्ट्रिसिटी जनरेटर) का एक  समुच्चय है जो ग्राहकों के एक छोटे, स्थानीय समूह को विद्युत की आपूर्ति करता है।
  • यह आमतौर पर राष्ट्रीय पारेषण तंत्र (नेशनल ट्रांसमिशन ग्रिड) से स्वतंत्र रूप से संचालित होता है।
  • सौर, पवन अथवा जल द्वारा संचालित नवीकरणीय ऊर्जा मिनी-ग्रिड, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा पहुंच के सुपरस्टार के रूप में उभर रहे हैं, जहां वे ग्रामीण आबादी एवं व्यवसायों को विश्वसनीय तथा उच्च गुणवत्ता वाली बिजली प्रदान करने हेतु एक व्यवहार्य विकल्प बन गए हैं।

 

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 5वीं सभा: आईएसए क्या है?

  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) अपने सदस्य देशों में ऊर्जा पहुंच लाने, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं ऊर्जा पारगमन को संचालित करने के साधन के रूप में सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की बढ़ती तैनाती के लिए एक क्रिया-उन्मुख, सदस्य-संचालित, सहयोगी मंच है।
  • आईएसए सूर्य द्वारा संचालित लागत प्रभावी एवं परिवर्तनकारी ऊर्जा समाधान विकसित करने तथा तैनात करने का प्रयास करता है ताकि सदस्य देशों को निम्न कार्बन विकास प्रक्षेपवक्र विकसित करने में  सहायता प्राप्त हो सके, विशेष रूप से कम विकसित देशों (लीस्ट डेवलप्ड कंट्रीज/एलडीसी) एवं छोटे द्वीप विकासशील राज्यों (स्मॉल आईलैंड डेवलपिंग स्टेट्स/एसआईडीएस) के रूप में वर्गीकृत देशों में प्रभाव प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन अपनी ‘टुवर्ड्स 1000’ रणनीति द्वारा निर्देशित है, जिसका उद्देश्य 2030 तक सौर ऊर्जा समाधानों में 1,000 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश अभिनियोजित करना है, जबकि स्वच्छ ऊर्जा समाधानों का उपयोग करके 1,000 मिलियन लोगों तक ऊर्जा पहुँच प्रदान करना एवं परिणामस्वरूप 1,000 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता की स्थापना करना है।
  • इससे प्रत्येक वर्ष 1,000 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के वैश्विक सौर उत्सर्जन को कम करने में  सहायता प्राप्त हो।

 

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 5वीं सभा: आईएसए की कल्पना कैसे की गई थी?

  • सौर ऊर्जा समाधानों की तैनाती के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध प्रयासों को संगठित करने के लिए भारत एवं फ्रांस द्वारा संयुक्त प्रयास के रूप में आईएसए की कल्पना की गई थी।
  • 2015 में पेरिस में आयोजित संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) में पक्षकारों के 21वें सम्मेलन (सीओपी21) के अवसर पर इसकी अवधारणा की गई थी।
  • 2020 में इसके फ्रेमवर्क समझौते में संशोधन के साथ, संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राज्य अब आईएसए में शामिल होने के पात्र हैं।
  • वर्तमान में, 110 देश आईएसए फ्रेमवर्क समझौते के हस्ताक्षरकर्ता हैं, जिनमें से 90 देशों ने आईएसए के पूर्ण सदस्य बनने के लिए अनुसमर्थन के आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं।

 

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