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राष्ट्रीय पोषण माह 2022- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतःक्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
राष्ट्रीय पोषण माह 2022 चर्चा में क्यों है
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय 1 से 30 सितंबर 2022 तक 5वां राष्ट्रीय पोषण माह 2022 मना रहा है।
राष्ट्रीय पोषण माह 2022 के बारे में
- राष्ट्रीय पोषण माह के बारे में: राष्ट्रीय पोषण माह पोषण एवं अच्छे स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
- लक्ष्य: 5 वें राष्ट्रीय पोषण माह में माननीय प्रधानमंत्री के सुपोषित भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए जन आंदोलन को जन भागीदारी में परिवर्तित करना है।
- उद्देश्य: इस वर्ष, राष्ट्रीय पोषण माह 2022 का उद्देश्य “महिला एवं स्वास्थ्य” तथा “बच्चा और शिक्षा” पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित करने के साथ पोषण पंचायत के रूप में ग्राम पंचायतों के माध्यम से पोषण माह को प्रेरित करना है।
- मूल मंत्रालय: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों तथा स्थानीय सरकारों के सहयोग से राष्ट्रीय पोषण माह 2022 के आयोजन हेतु उत्तरदायी है।
- प्रमुख गतिविधियां: ‘स्वस्थ भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए, माह भर चलने वाले राष्ट्रीय पोषण माह 2022 कार्यक्रम के माध्यम से जमीनी स्तर पर पोषण के बारे में जागरूकता हेतु संपूर्ण देश में गहन गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा-
- संवेदीकरण अभियान,
- पहुंच कार्यक्रम,
- गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं, छह वर्ष से कम आयु के बच्चों एवं किशोर बालिकाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ पहचान अभियान, शिविर तथा मेले।
- जागरूकता अभियान: आंगनवाड़ी सेवाओं एवं अच्छी स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर जागरूकता अभियान भी आयोजित किए जाएंगे।
- अधिक लाभार्थियों को आंगनवाड़ी सेवाओं के दायरे में लाने के लिए वृद्धि माप अभियान चलाया जाएगा।
- स्वस्थ बालक स्पर्धा के तहत राज्यों द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा, जिला पदाधिकारियों एवं लायंस क्लब, रोटरी क्लब इत्यादि एजेंसियों की सहायता से वृद्धि मापन अभियान संचालित किया जाएगा।
- किशोरियों के लिए विशेष रूप से आंगनवाड़ी केंद्रों में रक्ताल्पता (एनीमिया) जांच के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे।
विभिन्न स्तरों पर राष्ट्रीय पोषण माह 2022
- राष्ट्रीय स्तर पर आंगनबाड़ी केन्द्रों में सीखने के लिए देशी एवं स्थानीय खिलौनों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर खिलौना निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा।
- राज्य स्तरीय: राज्य स्तरीय गतिविधियों के तहत पारंपरिक पौष्टिक व्यंजनों की ‘अम्मा की रसोई’ या दादी की रसोई का आयोजन किया जाएगा।
- माह के दौरान स्थानीय त्योहारों के साथ पारंपरिक खाद्य पदार्थों को जोड़ने के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे।
- राज्य/संघ राज्य क्षेत्र महिला एवं बाल विकास विभाग अपने पदाधिकारियों के माध्यम से, विभिन्न विषयगत क्रियाकलापों को कार्यान्वित करेगा एवं महिलाओं तथा बच्चों के स्वस्थ भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए पूरे महीने समग्र पोषण के महत्व का संदेश को प्रसारित करेगा।
- पंचायत स्तर : संबंधित जिला पंचायती राज अधिकारियों एवं सीडीपीओ के मार्गदर्शन में स्थानीय पदाधिकारियों द्वारा जागरूकता गतिविधियों का संचालन किया जायेगा।
- पोषण पंचायत समितियां क्षेत्रीय स्तर के कार्यकर्ताओं (एफएलडब्ल्यू) – आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा, एएनएम के साथ मिलकर कार्य करेंगी।
- यह आंगनबाड़ी केंद्रों (AWCs), ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (VHNDs) तथा अन्य प्रासंगिक प्लेटफार्मों के माध्यम से समस्या निवारण एवं सेवा वितरण को सक्षम करने में सहायता करने हेतु है।
- इसका उद्देश्य सभी गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं, छह वर्ष से कम आयु के बच्चों एवं किशोरियों को बुनियादी एकीकृत बाल विकास सेवाएं प्राप्त करना सुनिश्चित करना है।
पोषण अभियान
- पोषण अभियान के बारे में: पोषण अभियान 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार के लिए भारत सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है।
- पोषण का पूर्ण रूप: समग्र पोषण अभियान के लिए प्रधानमंत्री की व्यापक योजना (प्राइम मिनिस्टर ओवरआर्चिग स्कीम फॉर हॉलिस्टिक न्यूट्रिशन अभियान)।
- अधिदेश: पोषण अभियान का उद्देश्य मिशन-मोड में कुपोषण की चुनौती को हल करना है।
- मिशन पोषण 2.0: पोषण अभियान के उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मिशन पोषण 2.0 (सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0) आरंभ किया गया है।
- यह पोषण संबंधी सामग्री, वितरण, पहुंच एवं परिणामों को मजबूत करने हेतु एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम है, जो विकासशील पद्धतियों पर ध्यान केंद्रित करता है जो स्वास्थ्य, कल्याण एवं रोग तथा कुपोषण के प्रति प्रतिरक्षा का पोषण करते हैं।