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आपदा प्रबंधन पर पांचवीं विश्व कांग्रेस: प्रासंगिकता
- जीएस 3: आपदा और आपदा प्रबंधन।
आपदा प्रबंधन पर पांचवीं विश्व कांग्रेस: प्रसंग
- आपदा प्रबंधन पर पांचवीं विश्व कांग्रेस का आयोजन 24-27 नवंबर, 2021 को आईआईटी दिल्ली परिसर में “कोविड –19 के संदर्भ में आपदाओं के लिए प्रतिरोधक क्षमता निर्माण हेतु प्रौद्योगिकी, वित्त एवं क्षमता निर्माण“ के सर्वसमावेशक विषय वस्तु के साथ किया गया था।
आपदा प्रबंधन पर विश्व कांग्रेस के बारे में
- डब्ल्यूसीडीएम आपदा जोखिम प्रबंधन के विभिन्न चुनौतीपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने हेतु संपूर्ण विश्व के शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं एवं चिकित्सकों को एक ही मंच पर लाने के लिए डीएमआईसीएस (आपदा प्रबंधन पहल एवं अभिसरण सोसायटी) की एक विशिष्ट पहल है।
- डब्ल्यूसीडीएम संयुक्त राष्ट्र तंत्र के बाहर आपदा प्रबंधन पर सर्वाधिक परिषद वैश्विक सम्मेलन के रूप में उभरा है।
- अब तक डब्ल्यूसीडीएम के चार संस्करण आयोजित किए जा चुके हैं। पहला डब्ल्यूसीडीएम 2008 में हैदराबाद के हाईटेक शहर में हुआ था।
आपदा प्रबंधन पर पांचवीं विश्व कांग्रेस: मुख्य बिंदु
- 5वें डब्ल्यूसीडीएम की मेजबानी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा की गई थी।
- केंद्रीय मंत्री ने बल देकर कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारत ने बार-बार स्वयं को “प्रथम प्रतिक्रियादाता“ सिद्ध किया है।
- कोविड-19 महामारी ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन के मामलों के लिए हमारे अंतर्योजित विश्व में “बहुपक्षवाद की केंद्रीयता” की पुनः पुष्टि की है।
भारत: प्रथम प्रतिक्रियादाता
- आईओआर में भारत की एक विशिष्ट स्थिति है, जो एक सक्षम सशस्त्र बल द्वारा पूरक है।
- ये कारक भारत को मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) परिस्थितियों में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनाते हैं।
- हाल के वर्षों में भारत द्वारा आईओआर में कतिपय एचएडीआर मिशन प्रारंभ किए गए हैं
- 2015 में यमन में ऑपरेशन राहत,
- 2016 में श्रीलंका में चक्रवात;
- 2019 में इंडोनेशिया में भूकंप;
- मोजाम्बिक में चक्रवात इडाई एवं
- जनवरी 2020 में मेडागास्कर में बाढ़ एवं भूस्खलन
- भारत पड़ोसियों एवं मित्र देशों के मध्य एचएडीआर सहयोग एवं समन्वय को और गहन करने हेतु नियमित अभ्यास भी कर रहा है।
- सक्रिय दृष्टिकोण: सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास), आपदा प्रतिरोधी आधारिक अवसंरचना हेतु गठबंधन (सीडीआरआई) जैसी पहल
आपदा प्रबंधन पर पांचवीं विश्व कांग्रेस: आगे की राह
- 2030 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) कार्य सूची पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव का व्यापक मूल्यांकन किया जाना चाहिए एवं सीखे गए सबक को एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) केक्रियान्वयन हेतु वैश्विक एवं राष्ट्रीय रणनीतियों में सम्मिलित किया जाना चाहिए।
- अंतरिक्ष, संचार, जैव-अभियांत्रिकी (बायो-इंजीनियरिंग), जैव- चिकित्सा (बायो-मेडिक्स) एवं कृत्रिम प्रज्ञान (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के क्षेत्र में उदीयमान अत्याधुनिक तकनीकों के लाभों को सभी के साथ साझा किया जाना चाहिए, साथ ही स्थानीय संदर्भ में इन प्रौद्योगिकियों के बेहतर अनुप्रयोग एवं उपयोग के लिए क्षमता विकास हेतु वित्त पोषण पहल के साथ साझा किया जाना चाहिए। ।