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6जी तकनीक: प्रासंगिकता
- जीएस 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- दैनिक जीवन में विकास पता उनके अनुप्रयोग एवं प्रभाव।
6जी तकनीक: प्रसंग
- हाल ही में, दूरसंचार सचिव ने सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) को 6जी एवं भविष्य की अन्य प्रौद्योगिकियों का विकास प्रारंभ करने के लिए कहा है ताकि हम स-समय वैश्विक बाजार से प्रतिस्पर्धी रह सकें।
6जी तकनीक: मुख्य बिंदु
- सैमसंग, हुआवेई, एलजी जैसी कंपनियों ने 6जी तकनीक पर कार्य करना प्रारंभ कर दिया है।
- एक क्वांटम कम्युनिकेशन लैब एवं क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (क्यूकेडी) सुविधा का प्रारंभ हुई किया गया।
- क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (क्यूकेडी) एक सुरक्षित संचार पद्धति है जो क्वांटम यांत्रिकी के घटकों को शामिल करते हुए एक क्रिप्टोग्राफिक नवाचार को लागू करता है।
- क्वांटम कुंजी वितरण (क्यूकेडी) की एक महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट गुण दो संचार कर्ता उपयोगकर्ताओं की कुंजी का ज्ञान प्राप्त करने का प्रयत्न कर रहे किसी तीसरे पक्ष की उपस्थिति का पता लगाने की क्षमता है।
कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी इन)
6जी तकनीक
- 6जी (छठी पीढ़ी का वायरलेस) 5जी सेलुलर तकनीक का उत्तरवर्ती है।
- 6 जी नेटवर्क 5जी नेटवर्क की तुलना में उच्च आवृत्तियों का उपयोग करने में सक्षम होंगे एवं अत्यंत न्यून प्रसुप्ति के साथ पर्याप्त रूप से उच्च क्षमता प्रदान करेंगे।
- 6जी इंटरनेट के लक्ष्यों में से एक माइक्रोसेकंड- प्रसुप्ति संचार का समर्थन करना होगा।
- यह एक मिलीसेकंड संदेश प्रवाह (थ्रूपुट) की तुलना में 1,000 गुना तीव्र अथवा प्रसुप्ति का 1/1000 वां हिस्सा होने की संभावना है।
5जी की तुलना में 6 जी के लाभ
- 6जी से 1 टेराबाईट प्रति सेकंड की डेटा दरों का समर्थन करने की संभावना है
- 6जी के 5जी से 50 गुना तेज होने की संभावना है।
- मोबाइल एज कंप्यूटिंग (एमईसी) को सभी 6जी नेटवर्क में निर्मित किया जाएगा, जहां इसे वर्तमान 5जी नेटवर्क में जोड़ा जाना चाहिए।
6जी किस प्रकार कार्य करेगा?
- 6जी वायरलेस संवेदन समाधान आत्मसात्करण को मापने एवं तदनुसार आवृत्तियों को समायोजित करने हेतु विभिन्न आवृत्तियों का चयन करेंगे।
6जी अनुप्रयोग
- खतरे का पता लगाना,
- स्वास्थ्य सेवाओं का अनुश्रवण,
- आकृति एवं चेहरे की पहचान,
- विधि प्रवर्तन एवं सामाजिक ऋण व्यवस्था जैसे क्षेत्रों में निर्णय निर्माण,
- वायु गुणवत्ता माप, एवं
- गैस एवं विषाक्तता संवेदन।
सी-डॉट के बारे में
- द सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स केंद्र इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत भारत सरकार के स्वामित्व वाली दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास केंद्र है।
- इसकी स्थापना 1984 में डिजिटल एक्सचेंजों की अभिकल्पना एवं विकास करने के प्रारंभिक अधिदेश के साथ की गई थी।