Table of Contents
कृषि एवं वानिकी पर 7वीं आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक
आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक कृषि और वानिकी पर
कृषि एवं वानिकी पर 7वीं आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक हाल ही में भारत की अध्यक्षता में संपन्न हुई। यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम एवं संगठन) तथा यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- अंतर्राष्ट्रीय संबंध एवं जीएस पेपर 3- जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण संरक्षण) के लिए कृषि तथा वानिकी पर आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक महत्वपूर्ण है।
कृषि एवं वानिकी पर 7वीं आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक
- हाल ही में, कृषि एवं वानिकी पर 7वीं आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक ( आसियान इंडिया मिनिस्ट्रियल मीटिंग ऑन एग्रीकल्चर एंड फॉरेस्ट्री/AIMMAF) आभासी रूप से आयोजित की गई थी।
- 7वीं आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक ने भी आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ का स्वागत किया।
कृषि एवं वानिकी 2022 पर आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत
- भारतीय केंद्रीय मंत्री ने आसियान को भारत की एक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में रखने के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को दोहराया।
- उन्होंने क्षेत्र में कृषि विकास के लिए सतत एवं समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए आसियान के साथ पारस्परिक रूप से घनिष्ठ क्षेत्रीय सहयोग पर भी बल दिया।
- भारत ने आसियान के सदस्य देशों से बाजरे के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन एवं उपभोग में वृद्धि करने में उसके प्रयासों का समर्थन करने का भी आग्रह किया।
- पौष्टिक भोजन के रूप में बाजरा (पोषक-अनाज) के महत्व तथा अंतर्राष्ट्रीय पोषण-अनाज वर्ष 2023 का उल्लेख करते हुए इस पर प्रकाश डाला गया।
- पोषक अनाज अल्प संसाधन आवश्यकताओं एवं अधिक कुशल कृषि-खाद्य प्रणालियों के साथ पोषक तत्वों के निर्माण में सहायता करते हैं।
कृषि एवं वानिकी पर आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक में प्रमुख घटनाक्रम
- आसियान-भारत सहयोग (वर्ष 2021-2025) की मध्यावधि कार्य योजना के तहत विभिन्न कार्यक्रमों एवं क्रियाकलापों के कार्यान्वयन में प्रगति की समीक्षा की गई।
- बैठक में कृषि तथा वानिकी में आसियान-भारत सहयोग की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।
- महामारी पश्चात की पुनर्प्राप्ति के कार्यान्वयन के लिए आसियान-भारत सहयोग के तहत निरंतर उपाय करने पर भी सहमति व्यक्त की गई।
- कोविड-19 महामारी के अभूतपूर्व प्रभाव को कम करने के लिए आसियान तथा भारत में सुरक्षित एवं पौष्टिक कृषि उत्पादों का निर्बाध प्रवाह।
- भारत ने कहा कि वह खाद्य सुरक्षा, पोषण, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, डिजिटल खेती, प्रकृति के अनुकूल कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, मूल्य श्रृंखला, कृषि विपणन एवं क्षमता निर्माण में आसियान के साथ अपना सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत-आसियान संबंध
स्वतंत्रता के पश्चात आसियान के साथ वैचारिक मतभेदों के कारण भारत के आसियान के साथ अच्छे संबंध नहीं थे जो शीत युद्ध के दौरान अमेरिकी गुट के साथ था। शीत युद्ध की समाप्ति के बाद, भारत-आसियान संबंध सामान्य संकटों एवं आकांक्षाओं के कारण आर्थिक संबंधों से रणनीतिक ऊंचाइयों तक विकसित हुए हैं।
- 1996 – भारत एशिया में सुरक्षा वार्ता के लिए आसियान क्षेत्रीय मंच (आसियान रीजनल फोरम/एआरएफ) का सदस्य बना जिसमें सदस्य वर्तमान क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं एवं क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा में वृद्धि करने हेतु सहकारी उपाय विकसित कर सकते हैं।
- 2002- भारत एवं आसियान ने वार्षिक शिखर स्तरीय बैठकें प्रारंभ कीं।
- 2009- भारत-आसियान के मध्य वस्तुओं का मुक्त व्यापार समझौता संपन्न हुआ।
- 2012- भारत-आसियान सामरिक साझेदारी संपन्न हुई।
- 2014- भारत तथा आसियान के मध्य कार्यबल एवं निवेश के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से सेवाओं तथा निवेश में आसियान मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- 2018- भारत आसियान ने एक स्मारक शिखर सम्मेलन आयोजित करके अपने संबंधों के 25 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मनाया।
- 26 जनवरी 2018 को गणतंत्र दिवस परेड के लिए सभी दस आसियान देशों के नेताओं को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
भारत-आसियान आर्थिक सहयोग
- आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- आसियान-भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र पूर्ण हो गया है।
- भारत तथा आसियान देशों के निजी क्षेत्र के प्रमुख प्रतिभागियों को एक मंच पर लाने के लिए 2003 में आसियान-भारत व्यापार परिषद (आसियान इंडिया बिजनेस काउंसिल/AIBC) की स्थापना की गई थी।
- आसियान देशों को निम्नलिखित निधियों से वित्तीय सहायता प्रदान की गई है:
- आसियान-भारत सहयोग कोष
- आसियान-भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास कोष
- आसियान-भारत हरित निधि
- दिल्ली घोषणा समुद्री क्षेत्र में सहयोग का अभिनिर्धारण करती है।
- दिल्ली संवाद: आसियान तथा भारत के मध्य राजनीतिक-सुरक्षा एवं आर्थिक मुद्दों पर चर्चा के लिए वार्षिक संवाद।
- आसियान-भारत केंद्र (आसियान-इंडिया सेंटर/एआईसी): भारत तथा आसियान में संगठनों एवं थिंक-टैंक के साथ नीति अनुसंधान, पक्षपोषण तथा नेटवर्किंग गतिविधियों को प्रारंभ करने हेतु।
- राजनीतिक सुरक्षा सहयोग: भारत ने आसियान को क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा तथा विकास के अपने हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण (इंडो-पैसिफिक विजन) के केंद्र में रखा है।