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पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की शासी परिषद की 8वीं बैठक

नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक: नीति आयोग की शासी परिषद (गवर्निंग काउंसिल) की बैठक एक उच्च स्तरीय बैठक है जहां प्रमुख हितधारक, जिनमें प्रधानमंत्री, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री तथा अन्य संबंधित अधिकारी सम्मिलित होते हैं एवं राष्ट्र की प्रगति हेतु महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों, विकास योजनाओं तथा रणनीतियों पर चर्चा तथा विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ आते हैं। नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- भारतीय संविधान, भारतीय संघवाद एवं संबंधित मुद्दे; भारत में विभिन्न संवैधानिक, नियामक, वैधानिक, संविधानेत्तर एवं परामर्शी निकाय) के लिए भी महत्वपूर्ण है।

नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक चर्चा में क्यों है?

हाल ही में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग की शासी परिषद की 8 वीं बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने आगामी 25 वर्षों के लिए अपनी रणनीति तैयार करने एवं उन्हें राष्ट्रीय विकास एजेंडा के साथ संरेखित करने में राज्यों की सहायता करने में नीति आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

नीति आयोग की शासी परिषद की 8वीं बैठक में पीएम मोदी 

प्रधानमंत्री ने 2047 तक एक विकसित भारत के लिए लोगों के स्वप्न तथा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए टीम इंडिया के रूप में मिलकर कार्य करते हुए केंद्र, राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा एकीकृत दृष्टिकोण के महत्व पर बल दिया।

  • उन्होंने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से नीति आयोग के साथ मिलकर सहयोग करने का आग्रह किया ताकि देश समृद्ध भविष्य के अपने दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा सके।
  • प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि नीति आयोग सक्रिय रूप से सहकारी एवं प्रतिस्पर्धी संघवाद को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न पहल कर रहा है, जिसका उदाहरण एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स प्रोग्राम (एडीपी) एवं एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम (एबीपी) है।
    • ये कार्यक्रम केंद्र, राज्यों एवं जिलों के मध्य सहयोग की सामूहिक शक्ति के साथ-साथ जमीनी स्तर पर आम नागरिकों  के कल्याण में वृद्धि करने में डेटा-संचालित शासन के महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणामों को प्रकट करते हैं।
  • प्रधानमंत्री ने बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के दौरान बाजरा, जिसे श्री अन्न के नाम से जाना जाता है, के महत्व को प्रोत्साहित करने में राज्यों तथा केंद्र दोनों के महत्व पर बल दिया।
  • इसके अतिरिक्त, उन्होंने इस उद्देश्य को प्राप्त करने के साधन के रूप में अमृत सरोवर कार्यक्रम पर बल देते हुए जल संरक्षण में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

नीति आयोग की शासी परिषद की 8वीं बैठक 

नीति आयोग की शासी परिषद की 8वीं बैठक का आयोजन नई दिल्ली के प्रगति मैदान में नवनिर्मित कन्वेंशन सेंटर में किया गया।

  • थीम: नीति आयोग की शासी परिषद की आठवीं बैठक का आयोजन ‘विकसित भारत @ 2047: रोल ऑफ टीम इंडिया’ की थीम पर किया गया था।
  • केंद्र बिंदु के क्षेत्र: दिन भर चली बैठक के दौरान आठ प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें निम्न शामिल हैं:
    • विकसित भारत @ 2047,
    • एमएसएमई पर बल,
    • अवसंरचना तथा निवेश,
    • न्यूनतम अनुपालन,
    • महिला सशक्तिकरण,
    • स्वास्थ्य एवं पोषण,
    • कौशल विकास, तथा
    • क्षेत्रीय विकास एवं सामाजिक आधारिक अवसंरचना के लिए गति शक्ति।
  • भागीदारी: नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों/उप-राज्यपालों, पदेन सदस्यों के रूप में केंद्रीय मंत्रियों तथा नीति आयोग के उपाध्यक्ष एवं सदस्यों ने भाग लिया।
  • अध्यक्ष: नीति आयोग के अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री नीति आयोग की शासी परिषद की 8वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

नीति आयोग की शासी परिषद की 8वीं बैठक का महत्व

विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था एवं सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश के रूप में अपनी स्थिति को देखते हुए, भारत अपनी आर्थिक विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण चरण पर पहुंच गया है, जो आगामी 25 वर्षों में त्वरित विकास का अवसर प्रस्तुत करता है।

  • इस पृष्ठभूमि में, शासी परिषद की आठवीं बैठक 2047 तक एक विकसित भारत प्राप्त करने के लिए एक व्यापक रोडमैप स्थापित करने हेतु एक मंच के रूप में कार्य करती है, जिसमें केंद्र तथा राज्य टीम इंडिया के रूप में सहयोग करते हैं।
  • इस तरह के सहयोग का न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्व है, क्योंकि भारत की सामाजिक आर्थिक प्रगति एवं परिवर्तन का संपूर्ण विश्व में गुणक प्रभाव के साथ दूरगामी सकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
  • शासी परिषद की आठवीं बैठक भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान हो रही है, जो इस आयोजन को और अधिक महत्व प्रदान करती है।
  • भारत का जी-20 का आदर्श वाक्य, ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’, (वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर) इसके सभ्यतागत मूल्यों एवं हमारे ग्रह के भविष्य को आकार देने में प्रत्येक राष्ट्र की सामूहिक जिम्मेदारी के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है।
  • मूल्यों के आधार पर नेतृत्व प्रदान करने तथा व्यापक स्तर पर विकास करने की भारत की क्षमता के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अत्यधिक अपेक्षाएं रखता है।
  • केंद्र तथा राज्यों के संयुक्त प्रयासों ने इस अद्वितीय विकास पथ को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

 

नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक क्या है?

उत्तर. नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक एक उच्च स्तरीय बैठक है जहां प्रमुख हितधारक, जिनमें प्रधानमंत्री, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री तथा अन्य संबंधित अधिकारी सम्मिलित होते हैं एवं राष्ट्र की प्रगति हेतु महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों, विकास योजनाओं तथा रणनीतियों पर चर्चा तथा विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ आते हैं।

प्र. शासी परिषद की बैठक के क्या उद्देश्य हैं?

उत्तर. शासी परिषद के बैठक के उद्देश्य भारत में सतत एवं समावेशी विकास को संचालित करने हेतु केंद्र तथा राज्यों को सहयोग करने, विचारों का आदान-प्रदान करने तथा नीतियों एवं रणनीतियों को तैयार करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। यह चुनौतियों का समाधान करने, प्राथमिकताओं को निर्धारित करने एवं राष्ट्र के विकास के लिए एक साझा दृष्टिकोण स्थापित करने हेतु एक मंच के रूप में कार्य करता है।

प्र. शासी परिषद की बैठक में कौन भाग लेता है?

उत्तर. शासी परिषद की बैठक में आम तौर पर भारत के प्रधानमंत्री, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ चुनिंदा केंद्रीय मंत्रियों तथा अन्य अधिकारियों की भागीदारी शामिल होती है। नीति आयोग, मेजबान एवं आयोजनकर्ता निकाय के रूप में, बैठक को सुविधाजनक बनाने एवं चर्चाओं के समन्वय में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है।

 

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FAQs

नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक क्या है?

नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक एक उच्च स्तरीय बैठक है जहां प्रमुख हितधारक, जिनमें प्रधानमंत्री, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री तथा अन्य संबंधित अधिकारी सम्मिलित होते हैं एवं राष्ट्र की प्रगति हेतु महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों, विकास योजनाओं तथा रणनीतियों पर चर्चा तथा विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ आते हैं।

शासी परिषद की बैठक के क्या उद्देश्य हैं?

शासी परिषद के बैठक के उद्देश्य भारत में सतत एवं समावेशी विकास को संचालित करने हेतु केंद्र तथा राज्यों को सहयोग करने, विचारों का आदान-प्रदान करने तथा नीतियों एवं रणनीतियों को तैयार करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। यह चुनौतियों का समाधान करने, प्राथमिकताओं को निर्धारित करने एवं राष्ट्र के विकास के लिए एक साझा दृष्टिकोण स्थापित करने हेतु एक मंच के रूप में कार्य करता है।

शासी परिषद की बैठक में कौन भाग लेता है?

शासी परिषद की बैठक में आम तौर पर भारत के प्रधानमंत्री, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ चुनिंदा केंद्रीय मंत्रियों तथा अन्य अधिकारियों की भागीदारी शामिल होती है। नीति आयोग, मेजबान एवं आयोजनकर्ता निकाय के रूप में, बैठक को सुविधाजनक बनाने एवं चर्चाओं के समन्वय में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है।