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एक विश्वसनीय जांच- पेगासस जासूसी कांड

पेगासस जासूसी कांड- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- शासन के महत्वपूर्ण पहलू, पारदर्शिता एवं जवाबदेही।

 

पेगासस जासूसी कांड- प्रसंग

  • हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के संभावित दुरुपयोग की एक स्वतंत्र जांच का आदेश दिया।
    • यह नागरिकों को गैरकानूनी अवेक्षण (निगरानी) से बचाने हेतु एक प्रभावी हस्तक्षेप है।
  • यह ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के हथकंडे का उपयोग कर इस मुद्दे को छिपाने की सरकार की कोशिश का भी कड़ा विरोध है।

 

पेगासस जासूसी कांड- प्रमुख बिंदु

  • पेगासस के बारे में: यह सैन्य स्तर (मिलिट्री-ग्रेड) का स्पाइवेयर है जिसे न केवल डेटा हथियाने के लिए बल्कि उपकरणों को नियंत्रित करने के लिए भी डिज़ाइन किया गया है।
  • मुद्दा: इससे पूर्व, पेगासस द्वारा अवेक्षण हेतु कथित रूप से अभिनिर्धारित किए गए लगभग 50,000 फोन नंबरों में से लगभग 300 भारतीयों के थे।
    • पत्रकारों, कार्यकर्ताओं एवं यहां तक ​​कि चिकित्सकों एवं न्यायालय के कर्मचारियों के इतने सारे फोन सैन्य- स्तर के स्पाइवेयर पेगासस के निशाने पर थे।
  • सरकार का रुख: सरकार एक विश्वसनीय जांच कराने या सुविधा प्रदान करने के स्थान पर, इस मुद्दे की पूर्ण रूप से  उपेक्षा करना चाहती है।
    • सरकार, सरकारी एजेंसियों के लिए स्पाइवेयर उपलब्ध है या नहीं, यह स्वीकार किए बिना, सरकार किसी भी गलत कार्य से पूरी तरह इनकार कर रही है।
    • सरकार ने कहा कि भारत में अवैध अवेक्षण (निगरानी) संभव नहीं है।
    • सरकार ने यह भी कहा कि उसकी एजेंसियों द्वारा किसी विशेष सॉफ्टवेयर समुच्चय का उपयोग किया गया था अथवा नहीं, इसे प्रकट करना राष्ट्रीय सुरक्षा को जोखिम में डालना होगा।

भारत में अवेक्षण का मुद्दा: पेगासस स्पाइवेयर, संबद्ध चिंताएं और आगे की राह

पेगासस जासूसी कांड- सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय

  • सर्वोच्च न्यायालय ने स्पाइवेयर पेगासस मामले में दो स्पष्ट सिद्धांत प्रतिपादित किए:
  1. अवेक्षण, ​​या यहां तक ​​कि वह जानकारी जिस पर किसी की जासूसी की जा सकती है, अदालत के हस्तक्षेप कीप्रत्याभूति प्रदान करते हुए व्यक्तियों के अपने अधिकारों का प्रयोग करने के तरीके को प्रभावित करता है; तथा
  2. न्यायिक समीक्षा पर केवल इसलिए कोई प्रतिबंध नहीं है क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रेतछाया खड़ा किया जा रहा है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षापर: नागरिकों के अधिकारों के संभावित उल्लंघन के लिए राज्य द्वारा मुक्त मार्ग प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा विचार का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
  • प्रेस की स्वतंत्रता पर: सर्वोच्च न्यायालय ने माना कि घुसपैठ करने वाला अवेक्षण न केवल निजता के अधिकार का उल्लंघन करती है, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार द्वारा स्वयं के कार्यों की जांच को खारिज कर दिया क्योंकि इसकी विश्वसनीयता कम होगी।

पेगासस जासूसी कांड- आगे की राह

  • सरकार एवं उसकी निगरानी एजेंसियों को सर्वोच्च न्यायालय के पर्यवेक्षण वाले पैनल को आवश्यक सूचनाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध  करानी चाहिए।
  • सरकार को सहयोगात्मक रुख अपनाना चाहिए एवं स्पाइवेयर पेगासस मुद्दे की विश्वसनीय एवं सफल जांच करने में पैनल की सहायता करनी चाहिए।

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980

manish

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