आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली (आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम/AePS): आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली (आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम/AePS) एक बैंकिंग-संचालित ढांचा है जो आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से किसी भी बैंक के पॉइंट-ऑफ-सेल (PoS) उपकरणों एवं माइक्रो एटीएम पर डिजिटल वित्तीय लेनदेन को सक्षम बनाता है। आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- विभिन्न शासन पहल तथा संबंधित मुद्दों) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
एक ट्विटर थ्रेड में, लोकप्रिय यूट्यूब पर यूट्यूबर पुष्पेंद्र सिंह ने एक ऐसी घटना का जिक्र किया जिसमें द्वि-कारक प्रमाणीकरण (टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन) की आवश्यकता के बिना आधार से जुड़े फिंगरप्रिंट का उपयोग करके उनकी मां के बैंक खाते को खाली कर दिया गया था। चिंतित करने वाली बात यह है कि बैंक ने किसी भी प्रकार की अधिसूचना के माध्यम से उसकी माँ को इन लेन-देन के बारे में सूचित नहीं किया। गूगल पर आगे के शोध से पता चलता है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में इसी तरह की घटनाओं की सूचना प्राप्त हुई है। साइबर अपराधियों ने बायोमेट्रिक प्वाइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) उपकरणों एवं एटीएम में हेरफेर करने के लिए सिलिकॉन अंगूठे का आश्रय लिया है, जिसके परिणामस्वरूप उपयोगकर्ताओं के बैंक खातों में अनधिकृत पहुंच हो गई है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के अनुसार, आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली (आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम/AePS) एक बैंकिंग-संचालित मॉडल है, जो किसी भी बैंक के आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करने वाले पॉइंट-ऑफ-सेल (PoS) उपकरणों तथा माइक्रो एटीएम पर ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। यह अभिनव दृष्टिकोण ओटीपी, बैंक खाते की जानकारी एवं अन्य वित्तीय विवरणों की आवश्यकता को समाप्त करता है। फंड ट्रांसफर केवल बैंक के नाम, आधार संख्या तथा आधार नामांकन के दौरान रिकॉर्ड किए गए फिंगरप्रिंट का उपयोग करके किया जा सकता है।
आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) की डिफ़ॉल्ट सक्रियण स्थिति के बारे में स्पष्टता का स्पष्ट रूप से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया/UIDAI) अथवा भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया/NPCI) द्वारा उल्लेख नहीं किया गया है।
2018, 2019 एवं 2022 में आधार डेटा उल्लंघनों की रिपोर्ट के बावजूद, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने किसी भी डेटा उल्लंघनों का लगातार खंडन किया है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) आधार (सूचना का साझाकरण) विनियम, 2016 में संशोधन का प्रस्ताव कर रहा है। यह संशोधन अपेक्षा करता है कि आधार संख्या रखने वाली संस्थाओं को विवरण साझा करने से बचना होगा, जब तक कि आधार संख्या को प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक दोनों स्वरूपों में उचित रूप से संशोधित अथवा ब्लैक आउट नहीं किया गया हो। ।
अपने बैंक खातों में किसी भी संदिग्ध गतिविधि के पाए जाने की स्थिति में, यह दृढ़ता से अनुशंसा की जाती है कि उपयोगकर्ता अपने आधार की बायोमेट्रिक जानकारी को शीघ्र लॉक कर दें यदि उन्होंने ऐसा पहले से नहीं किया है।
Federalism in India means that power is shared between the central government and individual states.…
UPSC Mains Syllabus is a crucial part of the Civil Services examination because it covers…
The UKPSC Admit Card 2024 has been declared by Uttarakhand Public Service Commission (UKPSC) on the official…
Being an IAS officer involves significant responsibility, accompanied by a favorable salary package. IAS officers…
The highly reputed exam of India "UPSC" is conducted every year to recruit for the…
The Uttar Pradesh Public Service Commission (UPPSC) conducts the UPPSC Exam annually. UPPSC Salary 2024…