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एडीआईपी योजना- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
- केंद्र एवं राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं तथा इन योजनाओं का प्रदर्शन।
एडीआईपी योजना चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने राष्ट्रीय वयोश्री तथा एडीआईपी (विकलांग व्यक्तियों की सहायता) योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों एवं अन्यथा सक्षम व्यक्तियों को निशुल्क उपकरण तथा सामग्रियां प्रदान की।
एडीआईपी (ADIP) योजना
- एडीआईपी (ADIP) योजना के बारे में: टिकाऊ, परिष्कृत एवं वैज्ञानिक रूप से निर्मित, आधुनिक, मानक सहायता तथा उपकरणों की खरीद में जरूरतमंद विकलांग व्यक्तियों की सहायता करने के प्रमुख उद्देश्य के साथ एडीआईपी योजना 1981 से चल रही है।
- ये उपकरण विकलांगों के प्रभाव को कम करके एवं उनकी आर्थिक क्षमता को बढ़ाकर उनके शारीरिक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक पुनर्वास को प्रोत्साहित करेंगे।
- अधिदेश: एडीआईपी योजना का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के शारीरिक, सामाजिक तथा मनोवैज्ञानिक पुनर्वास को प्रोत्साहित करना है ताकि विकलांगों के प्रभाव को कम किया जा सके एवं उनकी आर्थिक क्षमता को बढ़ाया जा सके।
- कार्यान्वयन मंत्रालय: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत विकलांग व्यक्तियों की सहायता (असिस्टेंट टू डिजेवर्ल्ड पर्सन्स/एडीआईपी) योजना लागू की जा रही है।
- एडीआईपी योजना कार्यान्वयन एजेंसियों जैसे गैर सरकारी संगठनों, इस मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय संस्थानों एवं एलिम्को (सार्वजनिक क्षेत्र के एक उपक्रम/पीएसयू) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।
एडीआईपी योजना के तहत लाभार्थियों के लिए पात्रता मानदंड
निम्नलिखित शर्तों को पूरा करने वाला विकलांग व्यक्ति अधिकृत एजेंसियों के माध्यम से एडीआईपी योजना के तहत सहायता हेतु पात्र होगा:
- वह किसी भी आयु का भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- एक पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी द्वारा प्रमाणित किया जाना चाहिए कि वह विकलांग है तथा निर्धारित सहायता/उपकरण का उपयोग करने के लिए उपयुक्त है। 40% विकलांगता प्रमाण पत्र धारण करता है।
- व्यक्ति जो कार्यरत/स्व-नियोजित है अथवा पेंशन प्राप्त कर रहा है एवं जिसकी सभी स्रोतों से मासिक आय 20,000/- रूपए प्रति माह से अधिक नहीं है।
- आश्रितों के मामले में, माता-पिता/अभिभावकों की आय 20,000/- रूपए प्रति माह से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- जिन व्यक्तियों को समान उद्देश्य के लिए विगत 3 वर्षों के दौरान सरकार, स्थानीय निकायों एवं गैर-सरकारी संगठनों से सहायता प्राप्त नहीं हुई है। हालांकि, 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए यह सीमा 1 वर्ष की होगी।
कार्यान्वयन एजेंसियों के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
निम्नलिखित एजेंसियां सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से योजना को लागू करने हेतु पात्र होंगी, जो निर्धारित नियमों एवं शर्तों को पूरा किए जाने के अधीन हैं:
- सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत सोसायटी एवं उनकी शाखाएं, पृथक रूप से यदि कोई हों।
- पंजीकृत धर्मार्थ न्यास (ट्रस्ट)।
- जिला ग्रामीण विकास एजेंसियां, भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी एवं जिला परिषद के जिला कलेक्टर / मुख्य कार्यकारी अधिकारी / जिला विकास अधिकारी की अध्यक्षता में अन्य स्वायत्त निकाय।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय/स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत एलिम्को सहित राष्ट्रीय/शीर्ष संस्थान।
- राज्य विकलांग विकास निगम।
- स्थानीय निकाय- जिला परिषद, नगर पालिकाएं, जिला स्वायत्त विकास परिषदें तथा पंचायतें।
- राज्य/केंद्र सरकार की संस्तुति के अनुसार पृथक इकाई के रूप में पंजीकृत अस्पताल।
- नेहरू युवा केंद्र।
राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई) – प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई) के बारे में: राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई) बीपीएल श्रेणी से संबंधित वरिष्ठ नागरिकों के लिए शारीरिक सहायता एवं जीवन-सहायक उपकरण प्रदान करने की एक योजना है।
- मंत्रालय: राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई) सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
- वित्त पोषण: राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई) के कार्यान्वयन का व्यय “वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष” से वहन किया जाएगा।
- कार्यान्वयन एजेंसी: इसे एकमात्र कार्यान्वयन एजेंसी – कृत्रिम अंग निर्माण निगम (आर्टिफिशियल लिंब्स मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन/ALIMCO), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के माध्यम से लागू किया जाएगा।
- पात्रता: वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई) योजना का पूरा लाभ पाने हेतु प्रमुख मानदंड यह है कि उन्हें बीपीएल परिवार से संबंधित होना चाहिए एवं उनके पास संबंधित प्राधिकरण द्वारा जारी वैध बीपीएल कार्ड होना चाहिए।