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दैनिक समसामयिकी
वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुष
वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुष चर्चा में क्यों है?
- आयुष मंत्रालय 14 से 27 नवंबर 2022 तक प्रगति, मैदान, नई दिल्ली में अपने पवेलियन के माध्यम से 41 वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में अपनी पहल एवं विभिन्न उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए तैयार है।
- मंत्रालय “वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुष” की थीम के आसपास अपनी पहल पर प्रकाश डालेगा।
41 वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में आयुष
- विभिन्न आयुष संस्थान एवं आयुर्वेद, योग तथा प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा एवं होम्योपैथी शाखाओं के अनुसंधान निकाय अपने स्टॉल लगाएंगे।
- इसका उद्देश्य लोगों को इस बात से अवगत कराना है कि वे अपनी दिनचर्या में आयुष प्रणाली के तहत उपलब्ध अच्छी आहार आदतों के माध्यम से आयुष को अपनी जीवन शैली में शामिल करके अच्छे स्वास्थ्य को कैसे बनाए रख सकते हैं।
- इस वर्ष के आयुष पवेलियन का मुख्य आकर्षण दिलचस्प अंतः क्रियात्मक (इंटरैक्टिव) गतिविधियां हैं, जहां आगंतुकों को “अपना स्वयं का निर्मित करें” आयुष आइटम जैसे साबुन, जेल, क्रीम, गोली, इत्यादि, मसालों की पहचान एवं मिलान जैसी गतिविधियों के माध्यम से आयुष लाभों के बारे में पता चलेगा।
- आगंतुकों को अनेक स्वास्थ्य लाभ वाले औषधीय पौधों के पौध निशुल्क प्रदान किए जाएंगे। आयुष क्विज विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार मिलेंगे।
- आगंतुकों के लिए नि:शुल्क ओपीडी सुविधा, जहां आयुष चिकित्सक/आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, सिद्ध, सोवा रिग्पा, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के वैद्य स्वास्थ्य सलाह देंगे।
- मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान ( मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा/एमडीएनआईवाई), नई दिल्ली के विशेषज्ञों द्वारा योग फ्यूजन कार्यक्रम, लाइव योग प्रदर्शन, कार्यस्थल पर योग ब्रेकएवं योग चिकित्सा का प्रदर्शन किया जाएगा।
- आयुष मंत्रालय भारत के स्फूर्तिमान स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध तथा होम्योपैथी क्षेत्र में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित कर रहा है।
- विभिन्न श्रेणियों में 14 से अधिक स्टार्टअप आयुष की बढ़ती क्षमता को प्रदर्शित करेंगे।
- आयुष पवेलियन में दिलचस्प आयुष क्विज कियोस्क भी स्थापित किए जा रहे हैं, जहां विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार मिलेंगे।
आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर तीसरा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन
आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर सम्मेलन चर्चा में क्यों है?
- आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर तीसरा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन – “आतंक के लिए कोई धन नहीं”” 18 एवं 19 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली में आयोजित होने जा रहा है।
आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर सम्मेलन
- भागीदारी: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला 2022 पर सम्मेलन में भाग लेंगे।
- सम्मेलन दो दिनों में विस्तारित विचार-विमर्श के लिए 75 देशों तथा अंतर्राष्ट्रीय निकायों के प्रतिनिधियों को एक साथ लाने का उद्देश्य रखता है।
- मेजबान देश: आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर सम्मेलन 2022 की मेजबानी भारत द्वारा की जा रही है।
- प्रमुख उद्देश्य: सम्मेलन का उद्देश्य पेरिस (2018) एवं मेलबर्न (2019) में पिछले दो सम्मेलनों में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा आयोजित आतंकवाद वित्तपोषण का मुकाबला करने पर चर्चा को आगे बढ़ाना है।
- इसमें आतंकवाद के वित्तपोषण के सभी पहलुओं के तकनीकी, कानूनी, विनियामक तथा सहयोग पहलुओं पर चर्चा शामिल करने का भी लक्ष्य है।
- यह अन्य उच्च स्तरीय आधिकारिक एवं राजनीतिक विचार-विमर्श के लिए गति निर्धारित करने का भी प्रयास करता है, जो आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने पर केंद्रित है।
- महत्व: इस सम्मेलन की मेजबानी भारत द्वारा अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे के साथ-साथ इस खतरे के खिलाफ शून्य सहनशीलता (जीरो टॉलरेंस) की नीति एवं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए भारत द्वारा दिए जा रहे महत्व को दर्शाता है।
- भारत आतंकवाद के विरुद्ध अपनी लड़ाई में अपने दृढ़ संकल्प के साथ-साथ इसके विरुद्ध सफलता हासिल करने के लिए अपनी समर्थन प्रणाली से अवगत कराएगा।
19वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन 2022 चर्चा में क्यों है?
- उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने नोम पेन्ह, कंबोडिया में 19 वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर सहित भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन 2022 संयुक्त वक्तव्य
- 19वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में, आसियान एवं भारत ने एक संयुक्त वक्तव्य को अपनाया, जिसमें मौजूदा रणनीतिक साझेदारी को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने की घोषणा की गई।
- दोनों पक्षों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता, समुद्री सुरक्षा तथा रक्षा, नौवहन एवं ऊपरी उड़ानों (ओवरफ्लाइट) की स्वतंत्रता को बनाए रखने तथा प्रोत्साहित करने के महत्व की पुष्टि की।
- संयुक्त वक्तव्य ने विभिन्न क्षेत्रों में भारत-आसियान सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता को भी दोहराया, जैसे-
- समुद्री गतिविधियां,
- आतंकवाद का मुकाबला,
- अंतरराष्ट्रीय अपराध,
- साइबर सुरक्षा,
- डिजिटल अर्थव्यवस्था,
- क्षेत्रीय संपर्क,
- स्मार्ट कृषि,
- पर्यावरण,
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी,
- पर्यटन सहित अन्य क्षेत्र।
- संयुक्त वक्तव्य में आसियान-भारत माल व्यापार समझौते (आसियान इंडिया ट्रेड इन गुड्स एग्रीमेंट/एआईटीआईजीए) की समीक्षा में गति लाने का भी प्रस्ताव है ताकि इसे अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल, सरल एवं व्यापार-सुविधाजनक बनाया जा सके।
भारत-फ्रांस वायु अभ्यास गरुड़-VII
गरुड़ VII अभ्यास चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, भारतीय वायुसेना (इंडियन एयर फोर्स/IAF) एवं फ्रांसीसी वायु तथा अंतरिक्ष बल (फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स/FASF) के बीच द्विपक्षीय वायु अभ्यास का सातवां संस्करण, ‘अभ्यास गरुड़-VII’ जोधपुर के वायुसेना स्टेशन में संपन्न हुआ।
गरुड़ VII अभ्यास क्या है?
- गरुड़ अभ्यास के बारे में: गरुड़ अभ्यास भारतीय वायु सेना (IAF) एवं फ्रांसीसी वायु तथा अंतरिक्ष बल (FASF) के मध्य आयोजित एक संयुक्त द्वि-पार्श्व सैन्य अभ्यास है।
- पिछला गरुड़ अभ्यास (गरुड़ VI अभ्यास) 2019 में फ्रांस में आयोजित किया गया था।
- स्थान: गरुड़ अभ्यास फ्रांस एवं भारत में वैकल्पिक रूप से आयोजित होता है।
- गरुड़ VII अभ्यास भारत में आयोजित किया जा रहा है।
- उद्देश्य: गरुड़ अभ्यास का उद्देश्य भारत तथा फ्रांस के मध्य घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देना था ताकि ज्ञान एवं अनुभव के आदान-प्रदान के माध्यम से अंतःक्रियाशीलता को बढ़ावा दिया जा सके।
- गरुड़ अभ्यास ने सुनिश्चित किया कि भाग लेने वाले बलों को अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में परिचालन वातावरण से अवगत कराया गया।
गरुड़ VII अभ्यास का महत्व
- गरुड़-VII अभ्यास ने दोनों वायु सेनाओं को पेशेवर अंतः क्रिया एवं परिचालन ज्ञान तथा अनुभव साझा करने का अवसर प्रदान किया।
- अभ्यास के विभिन्न चरणों की सावधानीपूर्वक योजना तथा निष्पादन के साथ, भारतीय वायुसेना (इंडियन एयर फोर्स/IAF) एवं फ्रांसीसी वायु तथा अंतरिक्ष बल (फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स/FASF) के कर्मियों को यथार्थवादी वायु मुकाबला अनुरूपण (सिमुलेशन) एवं संबंधित कॉम्बैट सपोर्ट ऑपरेशंस से अवगत कराया गया।
- इसने भाग लेने वाले दलों को एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करते हुए व्यापक अंतः क्रिया में सम्मिलित होने में सक्षम बनाया।
- इस अभ्यास ने दोनों देशों के वायु सेना कर्मियों के मध्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक मंच भी प्रदान किया।
गरुड़ VII अभ्यास भागीदारी
- गरुड़ VII अभ्यास एलसीए तेजस एवं हाल ही में शामिल एलसीएच प्रचंड के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय अभ्यास में भाग लेने का पहला अवसर है।
- गरुड़ VII अभ्यास में चार FASF राफेल लड़ाकू विमान तथा एक A-330 मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (MRTT) विमान शामिल हैं।
- एलसीए तथा एलसीएच के अतिरिक्त, भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में सुखोई 30- एमकेआई, राफेल एवं जगुआर लड़ाकू विमान, साथ ही एमआई-17 हेलीकॉप्टर शामिल हैं।
- भारतीय वायु सेना के दल में फ्लाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट, AWACS, AEW&C तथा गरुड़ स्पेशल फोर्सेज जैसी कॉम्बैट एनेबलिंग एसेट्स भी शामिल हैं।