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एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
- सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति के तहत एनीमिया को समाप्त करने हेतु सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न अंतःक्षेपों के बारे में राज्यसभा को सूचित किया।
एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति
- एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति के बारे में: भारत सरकार भारतीय लोगों में एनीमिया को समाप्त करने के लक्ष्य के साथ पोषण अभियान के तहत एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति लागू करती है।
- अधिदेश: एनीमिया मुक्त भारत रणनीति को वर्ष 2018 एवं 2022 के मध्य प्रजनन आयु वर्ग (15-49 वर्ष) में बच्चों, किशोरों एवं महिलाओं में प्रति वर्ष 3% अंक तक एनीमिया के प्रसार को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- 6X6X6 रणनीति: सरकार का लक्ष्य 6X6X6 रणनीति के माध्यम से निवारक एवं उपचारात्मक तंत्र प्रदान करना है जिसमें रणनीति को लागू करने हेतु समस्त हितधारकों के लिए छह लक्षित लाभार्थियों, छह अंतःक्षेप एवं छह संस्थागत तंत्र सम्मिलित हैं।
- लक्ष्य समूह: एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति का उद्देश्य छह जनसंख्या समूहों में एनीमिया को कम करना है –
- बच्चे (6-59 माह),
- बच्चे (5-9 वर्ष),
- किशोर बालिकाएं एवं बालक (10-19 वर्ष),
- गर्भवती महिलाएं,
- स्तनपान कराने वाली महिलाएं तथा
- जीवन चक्र दृष्टिकोण में प्रजनन आयु (डब्ल्यूआरए) समूह (15-49 वर्ष) की महिलाएं।
- कार्यान्वयन मंत्रालय: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति को क्रियान्वित कर रहा है।
- क्रियान्वयन के क्षेत्र: एनीमिया मुक्त भारत की रणनीति भारत के समस्त राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सभी गांवों, प्रखंडों एवं जिलों में लागू की जाएगी।
- राष्ट्रीय आयरन प्लस पहल (नेशनल आयरन प्लस इनीशिएटिव/एनआईपीआई) एवं साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड पूरकता (वीकली आयरन फोलिक एसिड सप्लीमेंटेशन/डब्ल्यूआईएफएस) कार्यक्रम में परिकल्पित मौजूदा वितरण प्लेटफार्मों के माध्यम से कार्यान्वयन किया जाएगा।
भारत में एनीमिया की स्थिति
- वर्ष 2019-21 के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर/MoHFW) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे/NFHS) के पांचवें दौर के अनुसार, एनीमिया की व्यापकता है –
- पुरुषों में 0 प्रतिशत (15-49 वर्ष)
- महिलाओं में 0 प्रतिशत (15-49 वर्ष)
- किशोर बालकों में 1 प्रतिशत (15-19 वर्ष),
- किशोरियों में 1 प्रतिशत,
- गर्भवती महिलाओं में 2 प्रतिशत (15-49 वर्ष) एवं
- बच्चों में 1 प्रतिशत (6-59 माह)।
- 13 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने एनएफएचएस-4 की तुलना में एनएफएचएस-5 में 15-49 आयु वर्ग की महिलाओं में एनीमिया के प्रसार में गिरावट दर्ज की है। इन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के नाम हैं-
- आंध्र प्रदेश,
- अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह,
- अरुणाचल प्रदेश,
- चंडीगढ़,
- दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव,
- हरियाणा,
- हिमाचल प्रदेश,
- लक्षद्वीप,
- मेघालय,
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली,
- तमिलनाडु,
- उत्तर प्रदेश एवं
- उत्तराखंड
एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति के तहत सरकार द्वारा प्रमुख अंतः क्षेप
- रोगनिरोधी आयरन एवं फोलिक एसिड अनुपूरक।
- साल भर का गहन व्यवहार परिवर्तन संचार (बिहेवियर चेंज कम्युनिकेशन/बीसीसी) अभियान एवं विलंबित कॉर्ड क्लैम्पिंग।
- डिजिटल पद्धतियों एवं देखभाल उपचार के बिंदु का उपयोग करके एनीमिया का परीक्षण।
- मलेरिया, हीमोग्लोबिन विकृति (हीमोग्लोबिनोपैथी) एवं फ्लुओरीनमयता (फ्लोरोसिस) पर विशेष ध्यान देने के साथ स्थानिक क्षेत्रों में एनीमिया के गैर-पोषकीय कारणों को संबोधित करना।
- संबंधित विभागों एवं अन्य मंत्रालयों के साथ अभिसरण तथा समन्वय।
- स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं की क्षमता निर्माण के लिए एनीमिया नियंत्रण पर राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र तथा उन्नत अनुसंधान को सम्मिलित करना।
- एनीमिया मुक्त भारत डैशबोर्ड का उपयोग कर राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में प्रगति का अनुश्रवण करना।