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कुरुक्षेत्र पत्रिका का विश्लेषण: ”महिलाओं का स्वास्थ्य से संबंधित सशक्तिकरण”
परिचय
- महिलाओं एवं बच्चों का सशक्तिकरण तथा सुरक्षा, जो भारत की आबादी का 67.7% है एवं एक सुरक्षित तथा संरक्षित वातावरण में उनका संपूर्ण विकास सुनिश्चित करना देश के सतत तथा न्याय संगत विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
- मुख्य उद्देश्य महिलाओं एवं बच्चों के लिए राज्य की कार्रवाई में अंतराल को दूर करना तथा लैंगिक समानता एवं बाल-केंद्रित कानून, नीतियों एवं कार्यक्रमों को बनाने के लिए अंतर-मंत्रालयी तथा अंतर-क्षेत्रीय अभिसरण को बढ़ावा देना है।
- 3 महत्वपूर्ण प्रछत्र योजनाएं: मिशन पोषण 2.0, मिशन शक्ति एवं मिशन वात्सल्य।
- सभी 3 मिशनों को 2021-22 से 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग की अवधि के दौरान लागू किया जाएगा।
मिशन पोषण 2.0
- यह एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम है।
- यह पोषण सामग्री तथा वितरण में एक रणनीतिक परिवर्तन के माध्यम से बच्चों, किशोर बालिकाओं, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण की चुनौतियों का समाधान करना चाहता है एवं स्वास्थ्य, कल्याण तथा प्रतिरक्षा का पोषण करने वाली पद्धतियों को विकसित करने एवं प्रोत्साहित करने हेतु एक अभिसरण पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना चाहता है।
- पोषण 2.0 पूरक पोषण कार्यक्रम के तहत भोजन की गुणवत्ता एवं वितरण को अनुकूलित करने का प्रयास करेगा।
- कार्यक्रम के तहत, पोषण संबंधी मानदंडों एवं मानकों तथा टीएचआर की गुणवत्ता एवं परीक्षण में सुधार किया जाएगा तथा पारंपरिक सामुदायिक भोज्य व्यवहार के अतिरिक्त अधिक से अधिक हितधारक एवं लाभार्थी की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।
- पोषण 2.0 ने 3 महत्वपूर्ण कार्यक्रमों/योजनाओं, अर्थात आंगनवाड़ी सेवाएं, किशोरियों के लिए योजना एवं पोषण अभियान को अपने दायरे में लाया।
- पोषण 2.0 मातृ पोषण, शिशु एवं छोटे बच्चे के आहार के मानदंड, एमएएम / एसएएम के उपचार तथा आयुष के माध्यम से कल्याण पर केंद्रित है। यह अभिसरण, शासन एवं क्षमता-निर्माण के स्तंभों पर टिकी हुई है।
मिशन शक्ति मिशन के बारे में
- मिशन शक्ति महिलाओं के लिए एकीकृत देखभाल, सुरक्षा, संरक्षण, पुनर्वास एवं सशक्तिकरण के माध्यम से महिलाओं के लिए एकीकृत नागरिक-केंद्रित जीवन चक्र समर्थन की परिकल्पना करता है क्योंकि वे अपने जीवन के विभिन्न चरणों में प्रगति करती हैं।
- मिशन शक्ति की दो उप-योजनाएं ‘संबल‘ एवं ‘समर्थ‘ हैं।
- जहां “संबल” उप-योजना महिलाओं की सुरक्षा के लिए है, वहीं “समर्थ” उप-योजना महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए है।
संबल उप-योजना
- इसमें वन स्टॉप सेंटर (ओएससी), महिला हेल्पलाइन (181-डब्ल्यूएचएल) तथा बेटी बचाओ बेटी पढाओ (बीबीबीपी) की वर्तमान योजना शामिल है।
- इसके अतिरिक्त, नारी अदालतों के एक नए घटक को समाज में तथा परिवारों के भीतर वैकल्पिक विवाद समाधान एवं लैंगिक न्याय को प्रोत्साहन देने एवं सुविधाजनक बनाने के लिए महिलाओं के समूह के रूप में जोड़ा गया है।
“सामर्थ्य” उप-योजना
- यह महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए है, जिसमें उज्ज्वला, स्वाधार गृह तथा कामकाजी महिला छात्रावास की मौजूदा योजनाएं शामिल हैं।
- इसके अतिरिक्त, कामकाजी माताओं के बच्चों के लिए राष्ट्रीय क्रेच योजना एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई), जो अब तक समग्र आईसीडीएस योजना के तहत रही है, को भी ‘सामर्थ्य’ में सम्मिलित किया गया है।
मिशन वात्सल्य
- नीति निर्माताओं द्वारा बच्चों को सर्वोच्च राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में मान्यता प्रदान की गई है।
- मिशन वात्सल्य का उद्देश्य भारत में प्रत्येक बच्चे के लिए एक स्वस्थ एवं खुशहाल बचपन सुनिश्चित करना है; बच्चों के विकास के लिए एक संवेदनशील, सहायक एवं समकालिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना; किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अधिदेश को पूरा करने में राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की सहायता करना; एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करना है।
प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई)
- यह 01.01.2017 से संपूर्ण देश में क्रियान्वित करने हेतु एक केंद्र प्रायोजित सशर्त नकद हस्तांतरण योजना है।
- पीएमएमवीवाई के तहत मातृत्व लाभ समस्त गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं (प्रेगनेंट वूमेन एंड लेक्टेटिंग वूमेन/PW&LM) के लिए उपलब्ध है।