Home   »   Animal Welfare Board of India   »   Animal Welfare Board of India
Top Performing

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड: इसका अधिदेश क्या है?

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता

एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया: भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया) यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस-3: पर्यावरण) दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

What is India-Australia FTA?_70.1

 चर्चा में क्यों है?

  • भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने आवारा कुत्तों एवं पालतू कुत्तों के संबंध में परामर्शिका (एडवाइजरी) जारी की है।
  • हाल के दिनों में, यह भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया/AWBI) के ध्यान में लाया गया है कि कुत्तों, कुत्तों को खिलाने वालों एवं देखभाल करने वालों के प्रति अत्याचार एवं शहरी निवासियों के मध्य संघर्ष में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है।

 

पृष्ठभूमि

  • केंद्र सरकार ने पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ता) नियम, 2001 निर्मित किया है जिसे आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय प्राधिकरण द्वारा लागू किया जाना है।
  • नियमों का मुख्य फोकस जनसंख्या स्थिरीकरण के साधन के रूप में आवारा कुत्तों के एंटी-रेबीज टीकाकरण एवं आवारा कुत्तों की नसबंदी पर है।

 

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन

  • भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 (प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एक्ट/PCA अधिनियम) के तहत स्थापित एक सांविधिक निकाय है।
  • भारत का पशु कल्याण बोर्ड, विश्व में किसी भी सरकार द्वारा स्थापित किया जाने वाला अपनी प्रकार का प्रथम, 1962 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 4 के अनुसार स्थापित किया गया था।
  • श्रीमती रुक्मिणी देवी अरुंडेल ने चेन्नई में अपने मुख्यालय के साथ बोर्ड की स्थापना का बीड़ा उठाया। उन्होंने 1986 में अपने निधन तक लगभग बीस वर्षों तक बोर्ड की गतिविधियों का मार्गदर्शन किया।

 

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का अधिदेश क्या है?

  • भारतीय पशु कल्याण बोर्ड पशु कल्याण कानूनों पर एक वैधानिक सलाहकार निकाय है एवं देश में पशु कल्याण को प्रोत्साहित करता है।
  • 1962 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 (1960 की संख्या 59) की धारा 4 के तहत स्थापित, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड स्वर्गीय श्रीमती रुक्मिणी देवी अरुंडेल, प्रसिद्ध मानवतावादी के नेतृत्व में शुरू किया गया था। ।
  • भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के लिए एक सलाहकार निकाय है तथा  पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 एवं इस अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों के कार्यान्वयन के मामले को भी देखता है।
  • यह सुनिश्चित करने से लेकर कि देश में पशु कल्याण कानूनों का निष्ठापूर्वक पालन किया जाता है, पशु कल्याण संगठनों को अनुदान प्रदान करने एवं पशु कल्याण के मुद्दों पर भारत सरकार को परामर्श प्रदान करने के लिए, बोर्ड विगत 50 वर्षों से देश में पशु कल्याण आंदोलन का चेहरा रहा है।
  • बोर्ड में 28 सदस्य होते हैं। सदस्यों के पद का कार्यकाल 3 वर्ष की अवधि के लिए होता है।

 

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने आवारा कुत्तों पर किस तरह की एडवाइजरी जारी की है?

पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम, 2001 का पालन करने हेतु: 

  • केंद्र सरकार ने पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ता) नियम, 2001 निर्मित किया है जिसे आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय प्राधिकरण द्वारा लागू किया जाना है।
  • नियमों का मुख्य फोकस जनसंख्या स्थिरीकरण के साधन के रूप में आवारा कुत्तों के एंटी-रेबीज टीकाकरण तथा आवारा कुत्तों की नसबंदी पर है।
  • यद्यपि, यह देखा गया है कि नगर निगम/स्थानीय निकायों द्वारा पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम, 2001 के उचित कार्यान्वयन की कमी है एवं इसके स्थान पर शहरी क्षेत्रों से कुत्तों के पुनर्वास के प्रयास किए जाते हैं।
  • अतः, नगर निगमों को संयुक्त रूप से पशु जन्म नियंत्रण एवं एंटी रेबीज कार्यक्रम को लागू करने की आवश्यकता है।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का अनुपालन करने हेतु:

  • सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न आदेशों में विशेष रूप से उल्लेख किया है कि कुत्तों के स्थानांतरण की अनुमति नहीं दी जा सकती है। नगर निगमों को पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) एवं एंटी रेबीज कार्यक्रम को संयुक्त रूप से लागू करने की आवश्यकता है।
  • निवासी कल्याण संघ (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन/आरडब्ल्यूए) कुत्तों को खाना खिलाने या उन इलाकों में फीडिंग स्पॉट बनाने से भी इनकार नहीं कर सकता जहां ये कुत्ते रह रहे हैं। पशुओं को भोजन देने वाले/देखभाल करने वाले इन पशुओं को अपने संसाधनों से एवं करुणा से खिला रहे हैं।

संवैधानिक प्रावधानों का पालन करने हेतु:

  • सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न आदेशों में विशेष रूप से उल्लेख किया है कि कुत्तों के स्थानांतरण की अनुमति नहीं दी जा सकती है। नगर निगमों को पशु जन्म नियंत्रण तथा एंटी रेबीज कार्यक्रम को संयुक्त रूप से लागू करने की आवश्यकता है।
  • आरडब्ल्यूए कुत्तों को खाना खिलाने या उन इलाकों में फीडिंग स्पॉट बनाने से भी इनकार नहीं कर सकता जहां ये कुत्ते रह रहे हैं। पशुओं को भोजन देने वाले/देखभाल करने वाले इन जानवरों को अपने संसाधनों से एवं करुणा से खिला रहे हैं।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) क्या है?

उत्तर. भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया/AWBI) पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 (PCA अधिनियम) के तहत स्थापित एक सांविधिक निकाय है।

प्र. भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद हमें पशुओं को खिलाने का अधिकार देता है?

उत्तर. भारत के संविधान ने भारत के नागरिक को 51 ए (जी) के तहत पशुओं (आवारा या पालतू) को खिलाने की अनुमति प्रदान की है।

प्र. भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) में कितने सदस्य हैं?

उत्तर. बोर्ड में 28 सदस्य होते हैं। सदस्यों के पद का कार्यकाल 3 वर्ष की अवधि के लिए होता है।

 

एनएसए की भारत-मध्य एशिया पहली बैठक: क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए महत्व? भारत के राष्ट्रीय प्रतीक, उनका महत्व, प्रासंगिकता एवं अर्थ यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी- 08 दिसंबर 2022 | प्रीलिम्स बिट्स टेक्नोटेक्स 2023- तकनीकी वस्त्रों को प्रोत्साहन
दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता में संशोधन करेगी सरकार पैरोल एवं फरलो नियमों में एकरूपता नहीं- द हिंदू संपादकीय विश्लेषण विझिनजाम बंदरगाह परियोजना: विरोध क्यों कर रहे हैं मछुआरे यूपीएससी दैनिक समसामयिकी – 06 दिसंबर 2022 | प्रीलिम्स बिट्स
ाजरा-स्मार्ट पोषक आहार सम्मेलन- पोषक-अनाज के निर्यात को बढ़ावा देना भारत की जी-20 की अध्यक्षता- पहली शेरपा बैठक प्रारंभ एक मजबूत त्रिमूर्ति की ओर- द हिंदू संपादकीय विश्लेषण कौन थे स्वर्गदेव सौलुंग सुकफा? | असम दिवस समारोह 2022

Sharing is caring!

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड: इसका अधिदेश क्या है?_3.1