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AQEES: क्यूईएस रिपोर्ट का तीसरा दौर जारी

AQEES यूपीएससी: प्रासंगिकता

  •  जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं नियोजन, संसाधन,वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।

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QES रिपोर्ट: प्रसंग

 

क्यूईएस रिपोर्ट का तीसरा दौर जारी: प्रमुख निष्कर्ष

  • छठी आर्थिक जनगणना में ये नौ क्षेत्र 10 या अधिक श्रमिकों वाली इकाइयों में कुल रोजगार का लगभग 85% हिस्सा गठित करते थे।
  • रिपोर्ट चयनित नौ क्षेत्रों में से 10 या अधिक श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने वाले संगठित क्षेत्रों में रोजगार में बढ़ती प्रवृत्ति को इंगित करती है।
  • विनिर्माणक्षेत्र सबसे बड़ा नियोक्ता है, जो अनुमानित कुल श्रमिकों की संख्या के लगभग 39%  का गठन करता है, जिसके बाद शिक्षा क्षेत्र 22% है।
  • लगभग सभी (99.4%) प्रतिष्ठान विभिन्न कानूनों के  अंतर्गत पंजीकृत थे।
  • कुल मिलाकर, लगभग 23.55% इकाइयों ने अपने कर्मचारियों को सेवाकालीन प्रशिक्षण प्रदान किया।
  • 9 क्षेत्रों में, स्वास्थ्य क्षेत्र में 34.87 प्रतिशत इकाइयों ने सेवाकालीन प्रशिक्षण प्रदान किया, इसके बाद आईटी / बीपीओ ने 31.1% पर सेवाकालीन प्रशिक्षण दिया।
  • 9 सेक्टरों में लगभग 1.85 लाख रिक्तियां उद्धृत की गईं।
  • 85.3% श्रमिक नियमित कर्मचारी तथा 8.9% संविदा कर्मचारी थे।

 

QES रिपोर्ट का तीसरा दौर जारी: क्षेत्र-वार नियोजन

क्षेत्र कुल रोजगार  का अंश
निर्माण 39.4%
शिक्षा 22%
आईटी / बीपीओ 11%
स्वास्थ्य 10.4%
व्यापार 5.3%
परिवहन 4.2%
वित्तीय सेवाएं 2.8%
आवास तथा रेस्तरां 2.6%
विनिर्माण 2%

 

एक्यूईईएस क्या है?

  • AQEES का उद्देश्य नौ चयनित क्षेत्रों के संगठित एवं असंगठित दोनों क्षेत्रों में रोजगार तथा प्रतिष्ठानों के संबंधित चर के बारे में त्रैमासिक अद्यतन प्रदान करना है।
  • ये क्षेत्र गैर-कृषि प्रतिष्ठानों में कुल रोजगार का अधिकांश हिस्सा गठित करते हैं।
  • क्यूईएस नौ चयनित क्षेत्रों में 10 या अधिक श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने वाले प्रतिष्ठानों के संबंध में रोजगार के आंकड़ों को प्रग्रहित करता है, जो अधिकांशतः संगठित खंड का गठन करते हैं।
  • नौ क्षेत्र: विनिर्माण, निर्माण, व्यापार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास एवं रेस्तरां, आईटी / बीपीओ तथा वित्तीय सेवाएं।

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AQEES के बारे में

  • अप्रैल 2021 में, भारत सरकार द्वारा श्रम एवं नियोजन मंत्रालय को पांच प्रमुख अखिल भारतीय सर्वेक्षण सौंपे गए थे। वो हैं-
  1. प्रवासी कामगारों का अखिल भारतीय सर्वेक्षण,
  2. घरेलू कामगारों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण,
  3. परिवहन क्षेत्र में सृजित रोजगार पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण,
  4. पेशेवरों द्वारा सृजित रोजगार का अखिल भारतीय सर्वेक्षण कथा
  5. अखिल भारतीय त्रैमासिक स्थापना आधारित रोजगार सर्वेक्षण (एक्यूईईएस)
  • अभिकल्पना एवं विकास: प्रोफेसर एस. पी. मुखर्जी की अध्यक्षता में तथा डॉ. अमिताभ कुंडू की सह-अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समूह के तकनीकी मार्गदर्शन में श्रम ब्यूरो द्वारा पांच से अधिक सर्वेक्षण विकसित एवं डिजाइन किए गए हैं।
  • अपेक्षित लाभ:
    • डेटा के पेपरलेस संग्रह को प्रोत्साहित करेंगे क्योंकि ये सर्वेक्षण फील्ड वर्क में टैबलेट पीसी का उपयोग करेंगे।
  • नवीनतम तकनीक के उपयोग से सर्वेक्षण के पूर्ण होने का समय कम से कम 30 – 40% तक कम होने की संभावना है।
  • प्रथम बार, ये सर्वेक्षण प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं में किए जाएंगे।
  • ये सर्वेक्षण श्रम एवं रोजगार के विभिन्न पहलुओं पर डेटा की कमी को दूर करेंगे।
  • ये सर्वेक्षण साक्ष्य-आधारित नीति-निर्माण प्रक्रियाओं में सहायता प्रदान करेंगे।

 

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