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अर्थ गंगा मॉडल- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- सामान्य अध्ययन II- सरकारी योजना / नीतियां।
अर्थ गंगा मॉडल चर्चा में क्यों है?
- स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन के महानिदेशक ने स्टॉकहोम विश्व जल सप्ताह 2022 में अपने आभासी मुख्य भाषण के दौरान अर्थ गंगा मॉडल के बारे में बात की।
अर्थ गंगा मॉडल क्या है?
- प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार 2019 में कानपुर में राष्ट्रीय गंगा परिषद की प्रथम बैठक के दौरान इस अवधारणा को प्रस्तुत किया था।
- उन्होंने गंगा को साफ करने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि गंगे से अर्थ गंगा के मॉडल में परिवर्तन का आग्रह किया।
- अर्थ गंगा मॉडल नदी से संबंधित आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करके गंगा नदी एवं उसके आसपास के क्षेत्रों के सतत विकास पर केंद्रित है।
- इसके मूल में, अर्थ गंगा मॉडल लोगों को नदी से जोड़ने के लिए अर्थशास्त्र का उपयोग करना चाहता है।
- यह गंगा नदी द्रोणी (बेसिन) से ही सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 3% योगदान करने का प्रयास करता है।
- अर्थ गंगा परियोजना के अंतःक्षेप संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप हैं।
विशेषताएँ
अर्थ गंगा मॉडल के तहत सरकार छह कार्यक्षेत्रों पर कार्य कर रही है।
- शून्य बजट प्राकृतिक कृषि जिसमें नदी के दोनों ओर 10 किलोमीटर तक रसायन मुक्त कृषि सम्मिलित है, जिससे किसानों के लिए “अधिक आय, प्रति बूंद”, ‘गोबर धन’ उत्पन्न होता है।
- कीचड़ युक्त अपशिष्ट जल का मुद्रीकरण एवं पुन: उपयोग जिसमें सिंचाई के लिए उपचारित जल के पुन: उपयोग; शहरी स्थानीय निकायों (अर्बन लोकल बॉडीज/यूएलबी) के लिए औद्योगिक उद्देश्य एवं राजस्व सृजन की परिकल्पना की गई है।
- आजीविका के अवसर जैसे ‘घाट में हाट’, स्थानीय उत्पादों का प्रचार, आयुर्वेद, औषधीय पौधे, गंगा प्रहरी जैसे स्वयंसेवकों का क्षमता निर्माण।
- हितधारकों के मध्य बेहतर सामंजस्य सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक भागीदारी।
- सांस्कृतिक विरासत एवं पर्यटन जो सामुदायिक घाटों, योग, साहसिक पर्यटन इत्यादि को प्रोत्साहित करने तथा गंगा कला के माध्यम से नौ पर्यटन की शुरुआत करता है।
- बेहतर विकेन्द्रीकृत जल प्रशासन के लिए स्थानीय क्षमताओं को बढ़ाकर संस्थागत निर्माण।