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ऑकस सुरक्षा साझेदारी

ऑकस सुरक्षा साझेदारी: यूपीएससी हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- भारत के हितों पर विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।

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ऑकस सुरक्षा साझेदारी: प्रसंग

  • हाल ही में, अमेरिकी सरकार ने ऑस्ट्रेलिया,  ब्रिटेन (यूके) एवं यू.एस. ए.( अमेरिका) (एयूकेयूएस) के मध्य हिंद-प्रशांत के लिए एक नई त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी की घोषणा की है।
  • इसके हिस्से के रूप में, ऑस्ट्रेलिया, यूके एवं यू.एस. ए. की सहायता से परमाणु ऊर्जा से परिचालित होने वाली पनडुब्बियों का अधिग्रहण करेगा।

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ऑकस सुरक्षा साझेदारी – प्रमुख बिंदु

  • ऑकस के बारे में: यह संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन एवं ऑस्ट्रेलिया का एक त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन है जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस आरोप से इनकार किया कि वह हिंदू-प्रशांत क्षेत्र, विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव एवं आक्रामकता को रोकने तथा उसका प्रतिरोध करने हेतु इस सुरक्षा गठबंधन का गठन कर रहा है।
  • आधिकारिक अधिदेश: गठबंधन ने कहा कि ऑकस’ साझेदारी हमारे व्यक्तियों की रक्षा करने एवं शांतिपूर्ण तथा नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करने हेतु कार्य करेगी।
    • ऑकस सुरक्षा और रक्षा से संबंधित विज्ञान, प्रौद्योगिकी, औद्योगिक ठिकानों तथा आपूर्ति श्रृंखलाओं के गहन एकीकरण को बढ़ावा देगा।
  • ऑस्ट्रेलिया हेतु परमाणु शक्ति चालित पनडुब्बियां: ऑकस समूह ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया की परमाणु क्षमता में वृद्धि करने के उद्देश्य से आने वाले भविष्य में ऑस्ट्रेलिया के साथ परमाणु पनडुब्बी प्रौद्योगिकी साझा करने का निर्णय लिया है।
    • एकमात्र पूर्व उदाहरण जब संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1958 में किसी देश के साथ अपनी परमाणु पनडुब्बी रक्षा पनडुब्बी प्रौद्योगिकी साझा की थी वह ग्रेट ब्रिटेन है।
    • यह भारत-प्रशांत क्षेत्र में आगे बढ़ने के मामले में इसे एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम बनाता है।
    • इसके साथ, अब ऑस्ट्रेलिया मात्र छह देशों – भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस एवं चीन के एक विशिष्ट वर्ग में शामिल होने के लिए तैयार है – जो परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों का संचालन करते हैं।

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ऑकस सुरक्षा साझेदारी का महत्व

  • फाइव आई एलायंस को सशक्त करना: समझौता तीन देशों के मध्य विश्वास एवं सहयोग के अद्वितीय स्तर को दर्शाता है, जो पहले से ही पांच नेत्र (फाइव आईज) गठबंधन के माध्यम से व्यापक आसूचना (खुफिया) जानकारी साझा करते हैं।
    • फाइव आईज एलायंस: यह पांच अंग्रेजी बोलने वाले लोकतंत्रों: यूएस, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैंड के मध्य एक आसूचना-साझाकरण व्यवस्था है।
      • गठबंधन का गठन शीत युद्ध की पृष्ठभूमि में किया गया था एवं इसे विश्व का सर्वाधिक सफल आसूचना गठबंधन माना जाता है।
    • चीनी आक्रमण का प्रतिरोध करना: ऑकस समूह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव एवं आक्रामकता का मुकाबला करने में वर्तमान क्वाड समूह का पूरक होगा।
      • क्वाड भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया एवं जापान का एक समूह है।

 

 

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