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अवसर योजना- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- केंद्र एवं राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं तथा इन योजनाओं का प्रदर्शन।
समाचारों में अवसर योजना
- भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया/एएआई) ने ” अवसर/एवीएसएआर” योजना (एयरपोर्ट एज वैल्यू फॉर स्किल्ड आर्टिसंस ऑफ द रीजन/क्षेत्र के कुशल कारीगरों के लिए स्थल के रूप में हवाई अड्डे) के माध्यम से अपने क्षेत्र के स्वयं निर्मित उत्पादों को बेचने / प्रदर्शित करने के लिए अपने हवाई अड्डों पर स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को स्थान आवंटित करने की पहल की है।
- इसका उद्देश्य महिलाओं, कारीगरों तथा शिल्पकारों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करना एवं उन्हें उचित अवसर प्रदान करना है।
AVSAR योजना क्या है?
- अवसर योजना स्वावलंबन एवं आत्म-निर्भरता के लिए अपने परिवारों को क्रियात्मक रूप से प्रभावी स्व-अर्जित समूहों में संगठित करने में सहायता करने का अवसर प्रदान करती है।
- “अवसर” (क्षेत्र के कुशल कारीगरों के लिए स्थल के रूप में हवाई अड्डा) योजना एएआई (भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण) की एक पहल है।
- अवसर योजना के तहत, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा संचालित प्रत्येक हवाई अड्डे पर 100-200 वर्ग फुट का क्षेत्र निर्धारित किया गया है।
- स्वयं सहायता समूहों को बारी-बारी से 15 दिनों की अवधि के लिए स्थान आवंटित किया जा रहा है।
- चेन्नई, अगरतला, देहरादून, कुशीनगर, उदयपुर एवं अमृतसर हवाई अड्डे पर कुछ आउटलेट पहले ही चालू किए जा चुके हैं। इन स्वयं सहायता समूहों का संचालन स्थानीय महिलाओं द्वारा किया जाता है।
- वे विमान यात्रियों को अपने घर के बने स्थानीय उत्पादों जैसे फूला हुआ चावल, पैकेट बंद पापड़, अचार, बांस आधारित लेडीज बैग/बोतल/लैंप सेट इत्यादि का प्रदर्शन एवं विपणन कर रहे हैं।
एसएचजी क्या है?
- स्वयं सहायता समूह के बारे में: स्वयं सहायता समूह छोटे तथा ग्रामीण समुदायों को निर्वाह से स्थिरता की ओर बढ़ने के लिए सशक्त बनाने हेतु भारत के सर्वाधिक शक्तिशाली माध्यम हैं। एसएचजी को सुदृढ़ करने के लिए सरकार निरंतर माहौल बना रही है।
- स्वयं सहायता समूह उन लोगों का अनौपचारिक संघ है जो अपने निर्वाह स्थिति में सुधार के तरीके खोजने के लिए एक साथ आते हैं।
- सदस्यता: एसएचजी सदस्यों की आम तौर पर समान सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि होती है।
- महत्व:
- वे निर्धनों, विशेषकर महिलाओं के मध्य सामाजिक पूंजी निर्मित करने में सहायता करते हैं।
- ऐसे समूह उन सदस्यों के लिए सामूहिक गारंटी प्रणाली के रूप में कार्य करते हैं जो संगठित स्रोतों से ऋण प्राप्त करने का प्रस्ताव रखते हैं।
- परिणामस्वरूप, स्वयं सहायता समूह निर्धनों को सूक्ष्म वित्तीय सेवाएं प्रदान करने हेतु सर्वाधिक प्रभावी तंत्र के रूप में उभरे हैं।
- एसएचजी के उदाहरण: गुजरात में सेवा, कर्नाटक में मायराडा, तमिलनाडु में तनवा, झारखंड में रामकृष्ण मिशन, बिहार में अदिति।