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आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर- प्रसंग
- भारत के प्रधान मंत्री 20 जनवरी, 2022 को ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत के ओर’ के राष्ट्रीय विमोचन समारोह में मुख्य भाषण देंगे।
- यह कार्यक्रम ब्रह्म कुमारियों द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव को समर्पित वार्षिक पहल का अनावरण करेगा, जिसमें 30 से अधिक अभियान एवं 15000 से अधिक कार्यक्रम और गतिविधियां सम्मिलित हैं।
- प्रधानमंत्री ब्रह्म कुमारियों की सात पहलों को हरी झंडी दिखाएंगे।
आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर- ब्रह्मा कुमारियों की सात पहल
- माई इंडिया हेल्दी इंडिया- इसके तहत चिकित्सा महाविद्यालयों (मेडिकल कॉलेजों) एवं अस्पतालों में आध्यात्मिकता, कल्याण तथा पोषण पर ध्यान देने के साथ कई कार्यक्रम एवं गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
- इनमें अन्य विषयों के साथ, चिकित्सा शिविरों का आयोजन, कैंसर की जांच, चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए सम्मेलन शामिल हैं।
- आत्मनिर्भर भारत: आत्मनिर्भर किसान- इसके अंतर्गत 75 किसान सशक्तिकरण अभियान, 75 किसान सम्मेलन, 75 सतत योगिक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं किसानों के कल्याण के लिए ऐसी कई अन्य पहल आयोजित की जाएंगी।
- महिला: भारत की ध्वजवाहिका- पहल महिला सशक्तिकरण एवं बालिकाओं के सशक्तिकरण के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करेगी।
- पावर ऑफ पीस बस अभियान- यह 75 शहरों एवं तहसीलों को कवर करेगा तथा आज के युवाओं के सकारात्मक रूपांतरण पर एक प्रदर्शनी आयोजित करेगा।
- अन्देखा भारत साइकिल रैली- यह विभिन्न विरासत स्थलों पर आयोजित की जाएगी, जो विरासत एवं पर्यावरण के मध्य संबंध को प्रदर्शित करती है।
- यूनाइटेड इंडिया मोटर बाइक अभियान: यह माउंट आबू से दिल्ली तक आयोजित किया जाएगा एवं अनेक शहरों को कवर करेगा।
- स्वच्छ भारत अभियान के तहत हरित पहल: इसमें मासिक स्वच्छता अभियान, सामुदायिक सफाई कार्यक्रम तथा जागरूकता अभियान शामिल होंगे।
ब्रह्मकुमारी- प्रमुख बिंदु
- ब्रह्मकुमारी के बारे में: ब्रह्मकुमारी एक विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन है जो व्यक्तिगत रूपांतरण एवं विश्व के नवीनीकरण हेतु समर्पित है।
- 1937 में भारत में स्थापित, ब्रह्म कुमारियाँ 130 से अधिक देशों में फैल चुकी हैं।
- संस्थापक: पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा को ब्रह्मकुमारियों के संस्थापक पिता के रूप में जाना जाता है।