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बी 20 इंडोनेशिया वैश्विक संवाद- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
बी 20 इंडोनेशिया वैश्विक संवाद चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड/DPIIT) ने नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री/CII) के साथ साझेदारी में बी 20 इंडोनेशिया वैश्विक संवाद पर एक सम्मेलन की मेजबानी की।
बी 20 इंडोनेशिया ग्लोबल डायलॉग
- बी 20 इंडोनेशिया वैश्विक संवाद 2022 की मेजबानी भारत द्वारा बी 20 इंडोनेशिया की नीतिगत सिफारिशों के साथ भारतीय उद्योग के दृष्टिकोण को संरेखित करने के उद्देश्य से की गई थी।
- बी 20 इंडोनेशिया ग्लोबल डायलॉग सम्मेलन यह सुनिश्चित करने के लिए विचार-विमर्श के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा कि बी 20 इंडोनेशिया की नीति अनुशंसा में भारतीय दृष्टिकोणों का उचित प्रकार से प्रतिनिधित्व किया गया है।
- भागीदारी: इंडोनेशिया के 20 से अधिक व्यापार प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में भाग लिया।
- भारत सरकार के पक्ष का प्रतिनिधित्व जी 20 में भारत के शेरपा श्री अमिताभ कांत, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव श्री अनुराग जैन तथा उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभा (डीपीआईआईटी) एवं अन्य संबंधित मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने किया।
- चर्चा के लिए विषय: बी 20 इंडोनेशिया के परिप्रेक्ष्य के अनुसरण में, निम्नलिखित विषयों पर भारतीय उद्योग एवं भारत सरकार के दृष्टिकोण थे-
- व्यापार एवं निवेश
- ऊर्जा, धारणीयता तथा जलवायु
- डिजिटलीकरण एवं
- वित्त तथा आधारिक अवसंरचना
बिजनेस 20 (बी 20) क्या है?
- बिजनेस 20 (बी 20) के बारे में: बिजनेस 20 (बी 20), 2010 में गठित, वैश्विक व्यापार समुदाय के साथ आधिकारिक जी 20 संवाद मंच है।
- अधिदेश: बी 20 का उद्देश्य आर्थिक वृद्धि एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक क्रमावर्तित अध्यक्ष द्वारा प्राथमिकताओं पर ठोस कार्रवाई योग्य नीतिगत सिफारिशें देना है।
जी-20 शिखर सम्मेलन 2022
- पृष्ठभूमि: जी 20 का गठन 1999 में 1990 के दशक के अंत के वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था, जिसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया एवं दक्षिण पूर्व एशिया को दुष्प्रभावित किया था।
- जी-20 का प्रथम शिखर सम्मेलन 2008 में अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में आयोजित हुआ था।
- जी-20 समूह के बारे में: जी-20 एक वैश्विक समूह है जिसका उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को सम्मिलित करके वैश्विक वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करना है।
- जी-20 शिखर सम्मेलन के अतिरिक्त, शेरपा बैठकें (जो वार्ता एवं आम सहमति स्थापित करने में सहायता करती हैं) तथा अन्य कार्यक्रम भी वर्ष भर आयोजित किए जाते हैं।
- जी-20 के सदस्य: जी-20 के पूर्ण सदस्य हैं- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका एवं यूरोपीय संघ।
- प्रत्येक वर्ष, राष्ट्रपति अतिथि देशों को आमंत्रित करते हैं।
- जी-20 का सचिवालय: जी-20 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है।
- जी-20 शेरपा: कार्यसूची (एजेंडा) एवं कार्य का समन्वय जी-20 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है, जिन्हें ‘शेरपा’ के रूप में जाना जाता है, जो केंद्रीय बैंकों के वित्त मंत्रियों एवं गवर्नरों के साथ मिलकर कार्य करते हैं।
- भारत ने हाल ही में कहा था कि पीयूष गोयल के बाद नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर/सीईओ) अमिताभ कांत जी 20 के शेरपा होंगे।
- महत्व: सामूहिक रूप से, जी-20 देशों में विश्व की 60 प्रतिशत आबादी, वैश्विक जीडीपी का 80 प्रतिशत एवं वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत शामिल है।
- जी-20 की अध्यक्षता: जी-20 की अध्यक्षता प्रत्येक वर्ष सदस्यों के मध्य क्रमावर्तित होती है। वर्तमान में जी-20 समूह की अध्यक्षता इंडोनेशिया के पास है।
- जी-20 की 2023 की अध्यक्षता: भारत को वर्ष 2023 के लिए जी-20 की अध्यक्षता विरासत में मिलेगी।
- जी-20 ट्रोइका: जी-20 की अध्यक्षता वाले देश, पिछली एवं अगली अध्यक्षता-धारक के साथ मिलकर जी-20 कार्य सूची की निरंतरता सुनिश्चित करने हेतु ‘ट्रोइका’ बनाते हैं।
- इटली, इंडोनेशिया एवं भारत वर्तमान में ट्रोइका देश हैं।