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बाल आधार पहल

बाल आधार पहल- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां  एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

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बाल आधार पहल चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी/यूआईडीएआई) ने चालू वित्त वर्ष के प्रथम चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) के दौरान 0 – 5 आयु वर्ग में 79 लाख से अधिक बच्चों को नामांकित किया है।
  • जहां 31 मार्च 2022 के अंत तक 0-5 आयु वर्ग के 2.64 करोड़ बच्चों के पास बाल आधार था, वहीं जुलाई 2022 के अंत तक यह संख्या बढ़कर 3.43 करोड़ हो गई है।

 

बाल आधार पहल

  • बाल आधार के बारे में: 0-5 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा बाल आधार जारी किया जाता है।
    • आधार जारी करने में बायोमेट्रिक्स (फिंगरप्रिंट एवं आईरिस) का संग्रह एक प्रमुख विशेषता है क्योंकि इन बायोमेट्रिक्स के वि-अनुलिपिकरण (डी-डुप्लीकेशन) के आधार पर विशिष्टता स्थापित करने के लिए इसकी आवश्यकता होती है।
    • यद्यपि, 0-5 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के आधार नामांकन के लिए, ये बायोमेट्रिक्स एकत्र नहीं किए जाते हैं।
  • जारीकर्ता प्राधिकरण: बाल आधार भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जारी किया जाता है।
  • मुख्य डेटा एकत्रित: 0-5 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का आधार नामांकन बच्चे की चेहरे की छवि एवं माता-पिता/अभिभावक के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण (वैध आधार होने) के आधार पर किया जाता है।
    • बाल आधार के लिए नामांकन के समय संबंध दस्तावेज (अधिमानतः जन्म प्रमाण पत्र) का प्रमाण एकत्र किया जाता है।
  • बाल आधार का रंग: बाल आधार को सामान्य आधार से पृथक करने हेतु, इसे नीले रंग में जारी किया  किया गया है।
  • वैधता: बाल आधार इस टिप्पणी के साथ जारी किया जाता है कि यह तब तक वैध है जब तक कि बच्चा 5 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेता।
    • अनिवार्य बायोमेट्रिक अद्यतन (मैंडेटरी बायोमेट्रिक अपडेट/एमबीयू): 5 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर, बच्चे को अनिवार्य बायोमेट्रिक अद्यतन (एमबीयू) नामक प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आधार सेवा केंद्र में अपना बायोमेट्रिक्स प्रस्तुत करना आवश्यक है।
    • एमबीयू प्रक्रिया वि-अनुलिपिकरण (डी-डुप्लीकेशन) प्रक्रिया से गुजरती है।
    • इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के पश्चात, बच्चे को आधार संख्या में बिना किसी परिवर्तन के सामान्य आधार जारी किया जाता है।
  • महत्व: बाल आधार अनेक कल्याणकारी लाभों को प्राप्त करने में एक सूत्रधार के रूप में कार्य करता है,  एवं जन्म से ही बच्चों के लिए एक डिजिटल फोटो पहचान पत्र के रूप में भी कार्य करता है।

 

विशिष्ट पहचान प्राधिकरण- प्रमुख बिंदु

  • विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के बारे में: विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) भारत सरकार द्वारा आधार (वित्तीय एवं अन्य सब्सिडी, लाभ तथा सेवाओं का लक्षित वितरण) अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के तहत स्थापित एक वैधानिक प्राधिकरण है।
    • इससे पूर्व, विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को 2009 में एक सरकारी अधिसूचना के माध्यम से निर्मित किया गया था एवं यह तत्कालीन योजना आयोग (अब नीति आयोग) के एक संलग्न कार्यालय के रूप में कार्य कर रहा था।
  • यूआईडीएआई का मूल मंत्रालय: यह तत्कालीन संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के इलेक्ट्रॉनिक्स  तथा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी/डीईआईटीवाई) के तहत कार्य करता है।
  • यूआईडीएआई का उद्देश्य: भारत के समस्त निवासियों के लिए “आधार” नामक विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडी) जारी करना।

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यूआईडीएआई का अधिदेश

  • आधार अधिनियम 2016 के तहत, यूआईडीएआई निम्नलिखित के क्रियान्वयन हेतु उत्तरदायी है
    • आधार जीवन चक्र के सभी चरणों के संचालन एवं प्रबंधन सहित, आधार नामांकन एवं प्रमाणीकरण
    • व्यक्तियों को आधार संख्या जारी करने के लिए नीति, प्रक्रिया एवं प्रणाली विकसित करना तथा
    • प्रमाणीकरण एवं पहचान की जानकारी तथा व्यक्तियों के प्रमाणीकरण रिकॉर्ड की सुरक्षा करना।

 

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