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बैटरी स्वैपिंग योजना: प्रासंगिकता
- जीएस 3: आधारिक संरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।
इलेक्ट्रिक वाहन यूपीएससी: संदर्भ
- केंद्रीय बजट 2022 ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उद्योग को प्रोत्साहित करने हेतु बैटरी स्वैपिंग तकनीक को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति का प्रस्ताव दिया है एवं इसलिए भारत के वि-कार्बनीकरण (डीकार्बोनाइजेशन) लक्ष्यों को पूरा किया है।
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इलेक्ट्रिक वाहनों, सॉलिड स्टेट लीथियम मेटल बैटरी और फोरम फॉर डीकार्बोनाइजिंग ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट पर नीति आयोग की रिपोर्ट के बारे में पढ़ें।
बैटरी विनिमय/ बैटरी स्वैपिंग क्या है?
- बैटरी स्वैपिंग एक ऐसी सेवा है जो इलेक्ट्रिक वाहनों के ड्राइवरों को विनिमय स्टेशनों पर अवक्षयित बैटरी ब्लॉकों को नए चार्ज किए गए बैटरी से बदलने की अनुमति प्रदान करता है।
- बैटरी के विनिमय का मूल विचार एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के समान है जिसे हर बार चार्ज करने के स्थान पर (जैसे कि एक मोबाइल फोन) निरंतर उपयोग (रिमोट की भांति) के लिए नए बैटरी से आसंजित (फिटेड) किया जा सकता है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों के लिए अपने वाहनों को रिचार्ज करने के लिए बैटरी स्वैपिंग तकनीक को एक सुविधाजनक विकल्प के रूप में देखा जाता है। यह वाहन मालिकों को वाहन से बैटरी को अलग करने तथा इसे दूरस्थ रूप से चार्ज करने की अनुमति प्रदान करता है।
- अभी तक, भारतीय ग्राहकों के पास इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इस तकनीक की पेशकश करने वाले बहुत अधिक विकल्प मौजूद नहीं हैं।
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बैटरी विनिमय योजना
- नीति आरंभ में इलेक्ट्रिक स्कूटर, मोटरसाइकिल एवं तीन पहिया ऑटो रिक्शा के लिए बैटरी स्वैप सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी ताकि अंतिम लाभ प्राप्तकर्ता तक वितरण एवं सवारी साझा करने जैसे क्षेत्रों को अभिवर्धन प्राप्त हो सके।
- सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों को बैटरी की कुल अभिदान अथवा लीज लागत का 20% तक का प्रोत्साहन देने की संभावना है एवं यह इस प्रोत्साहन के अतिरिक्त होगा जो उन्हें पहले से स्वच्छ वाहन का क्रय करने हेतु मिलता है।
- सरकार उन कंपनियों के लिए बैटरी डिजाइन एवं चार्जिंग मानकों को भी परिभाषित करेगी जो विभिन्न वाहन निर्माताओं के इलेक्ट्रिक वाहनों के मॉडल में बैटरी का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए स्वैप स्टेशन स्थापित करना चाहती हैं।
बैटरी स्वैपिंग योजना के लाभ
- मांग में वृद्धि: विगत कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माण में तीव्र वृद्धि एवं अखंड में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में वृद्धि के साथ, नई नीति भारत के इलेक्ट्रिक वाहनों की आधारभूत संरचना को और सुदृढ़ करेगी।
- इलेक्ट्रिक वाहनों की अवसंरचना विकसित करें: बैटरी स्वैपिंग नीति प्रस्तुत करने एवं बैटरी या ऊर्जा को एक सेवा के रूप में मान्यता प्रदान करने से इलेक्ट्रिक वाहनों के अवसंरचना (ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर) विकसित करने तथा सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ाने में सहायता प्राप्त होगी। यह वितरण एवं कार समुच्चयन (एग्रीगेशन) व्यवसायों में नियोजित व्यवसायों को भी अपने बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने हेतु प्रेरित करेगा।
- इलेक्ट्रिक वाहनों को वहन योग्य बनाएं: इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में एक बैटरी सबसे महंगा हिस्सा है तथा स्वैपिंग कंपनियों को इसे लीज या अभिदान (सब्सक्रिप्शन) मॉडल के माध्यम से एक सेवा के रूप में प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान करता है, जिससे वाहन के स्वामित्व तथा संचालन की लागत कम हो जाती है।
- चिंता की समस्या का समाधान: बैटरी केबिन में का प्रारंभ संभावित रूप से सीमा संबंधी चिंता के मुद्दे को हल कर सकती है, जो आंतरिक दहन इंजन-आधारित वाहनों से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बड़े पैमाने पर बाजार में संक्रमण हेतु बाधाओं में से एक है।
- वायु गुणवत्ता में सुधार: यह स्वच्छ प्रणोदन प्रौद्योगिकियों के प्रारंभ का पक्ष पोषण करने में राष्ट्र के लिए एक बड़ी छलांग सिद्ध होगी एवं वायु गुणवत्ता में सुधार करेगी तथा पारंपरिक जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करेगी।