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बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते को अंतिम रूप दिया गया

बीबीआईएन यूपीएससी: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

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BBIN पहल: संदर्भ

  • हाल ही में, भारत, बांग्लादेश तथा नेपाल ने बांग्लादेश-भूटान-भारत-नेपाल (बीबीआईएन) मोटर वाहन समझौते (एमवीए) को लागू करने  हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को अंतिम रूप प्रदान किया, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय व्यापार एवं कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है।

बीबीआईएन एमवीए: मुख्य बिंदु

  • भूटान ने एक पर्यवेक्षक के रूप में बैठक में भाग लिया तथा समझौता ज्ञापन कोभूटान द्वारा एमवीए के लंबित अनुसमर्थन को अंतिम रूप  प्रदान किया गया।
  • मूल बीबीआईएन एमवीए पर सभी चार देशों द्वारा जून 2015 में हस्ताक्षर किए गए थे। यद्यपि, भूटान ने  धारणीयता एवं पर्यावरण संबंधी चिंताओं के कारण प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी।
  • भूटानी संसद ने तब योजना का अनुमोदन नहीं करने का निर्णय लिया एवं पूर्व प्रधानमंत्री तोबगे शेरिंग की सरकार ने अन्य तीन देशों को 2017 में वाहनों की आवाजाही (बीआईएन-एमवीए) के लिए परियोजना के साथ आगे बढ़ने की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की।
  • 2020 में, प्रधानमंत्री ने कहा कि भूटान के “वर्तमान आधारिक संरचना” एवंकार्बन- ऋणात्मकदेश बने रहने की सर्वोच्च प्राथमिकता को देखते हुए, एमवीए में सम्मिलित होने पर विचार करना संभव नहीं होगा।
  • जबकि भारत “आशान्वित” बना रहा कि भूटान परियोजना पर अपनी स्थिति में परिवर्तन कर सकता है, यह देखते हुए कि परियोजना पर भूटान की ओर से कोई नया संकेत नहीं है, इसे देखते हुए नवंबर 2021 में एक बैठक में आगे बढ़ने का निर्णय लिया गया।

 

बीबीआईएन पहल क्या है?

  • BBIN आर्थिक परियोजना का उद्देश्य बांग्लादेश, भूटान, भारत एवं  नेपाल को सड़क मार्गों से जोड़ने वाला एक आर्थिक गलियारा निर्मित करना है।
  • बीबीआईएन कनेक्टिविटी परियोजना की कल्पना दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन/सार्क) द्वारा 2014 में नेपाल में एक शिखर सम्मेलन में एक क्षेत्रीय मोटर वाहन समझौते पर सहमत होने में विफल रहने के बाद की गई थी, जिसका मुख्य कारण पाकिस्तान द्वारा इस परियोजना का विरोध था।

 

BBIN का महत्व

  • बीबीआईएन क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से इन दक्षिण एशियाई देशों की आर्थिक स्थितियों में सुधार की दिशा में एक कदम है।
  • BBIN समझौता ‘बांग्लादेश, भूटान, भारत तथा नेपाल के मध्य यात्री, निजी एवं कार्गो वाहनों के आवागमन के नियमन के लिए निर्मित किया गया था एवं इन पड़ोसी देशों के मध्य परिवहन की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी सहायता प्रदान करता है।
  • कॉरिडोर माल, लोगों के मध्य संपर्क में भी वृद्धि करेगा एवं सुगम परिवहन का समर्थन करेगा।
  • यह क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के प्रति प्रतिरोध के रूप में भी कार्य करेगा एवं साथ ही उप-क्षेत्रीय दक्षिण-एशियाई एकता के संबंध में एक सुदृढ़ मंच प्रस्तुत करेगा।

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बीबीआईएन पहल: प्रमुख पहलू

  • सदस्य राज्यों को कार्गो एवं यात्रियों के परिवहन के लिए एक दूसरे के क्षेत्र में अपने वाहनों को संचालित करने की अनुमति होगी।
  • पड़ोसी देश के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए, सभी कारों को इलेक्ट्रॉनिक परमिट की आवश्यकता होगी तथा राष्ट्रों की सीमाओं के पार सीमा सुरक्षा उपाय लागू रहेंगे।
  • मालवाहक वाहनों को सीमा पर एक ट्रक से दूसरे ट्रक में उत्पादों को स्थानांतरित करने की आवश्यकता के बिना चार देशों में से किसी में भी प्रवेश करने की अनुमति होगी।
  • कार्गो ट्रकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से ट्रैक किया जाता है, परमिट ऑनलाइन प्रदान किए जाते हैं एवं इस प्रणाली के तहत सभी भूमि बंदरगाहों पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से परमिट वितरित किए जाते हैं।
  • हर बार जब कंटेनर का दरवाजा खोला जाता है, तो वाहन पर लगी एक इलेक्ट्रॉनिक सील अधिकारियों को सूचित करती है।

 

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