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बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना : 80% राशि विज्ञापन पर खर्च

बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

 

बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना: प्रसंग

  • हाल ही में, महिला अधिकारिता संबंधी संसदीय समिति ने लोकसभा में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की एवं कहा कि केंद्र सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए आवंटित कुल धनराशि का लगभग 80% विज्ञापन पर खर्च किया है।

 

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बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना: मुख्य बिंदु

  • इसी अवधि में, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा 2016-17 मेंअत्यंत अल्प व्ययकी ओर इंगित करने के बावजूद, योजना ने राज्य स्तर पर आशा के अनुरूप कम सफल प्रदर्शन किया है।
  • 2014-15 एवं 2019-20 के मध्य, राज्यों ने केंद्र सरकार द्वारा जारी कुल धनराशि का मात्र 25% उपयोग किया है।
  • समिति ने रिपोर्ट किया है कि अल्प उपयोग के कारण योजना का निराशाजनक प्रदर्शन हुआ है।
  • कुपोषण को समाप्त करने हेतु एक योजना पोषण अभियान में भी धन का अल्प उपयोग देखा गया है।
  • पैनल ने विज्ञापनों के स्थान पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना के अंतर्गत शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया है।
  • पैनल ने राज्य एवं केंद्र स्तर पर धन के उचित उपयोग की नियमित समीक्षा की सिफारिश की है।

 

कोविड-19 के दौरान बालिकाओं का नामांकन

  • समिति ने यह भी सूचित किया है कि कोविड-19 संकट ने विशेष रूप से सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े समूहों के मध्य किशोरवय बालिकाओं को असंगत रूप से दुष्प्रभावित किया है।
  • शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत में विद्यालयों के बंद होने से प्राथमिक-पूर्व (प्री-प्राइमरी) से लेकर तृतीयक स्तर तक नामांकित 320 मिलियन बच्चे प्रभावित हुए हैं।
    • यह अनुमान लगाया गया है कि इनमें से लगभग 158 मिलियन छात्राएं हैं।
    • इस बात की चिंता बढ़ रही है कि महामारी किशोरवय बालिकाओं को असंगत रूप से प्रभावित करेगी।
    • महामारी के पश्चात, इससे बालिकाओं के स्थायी रूप से विद्यालय का त्याग करने एवं हाल के वर्षों में अर्जित लाभ के प्रतिलोमित होने का उच्च जोखिम हो सकता है।

 

बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना: सिफारिशें

  • यह देखते हुए कि माध्यमिक एवं उच्च विद्यालय के स्तर पर विद्यालय परित्याग (ड्रॉपआउट) दर उच्चतम हैं, समिति ने सुझाव दिया कि अधिक संख्या में बालिकाओं को उनकी विद्यालयी शिक्षा जारी रखने में सहायता करने हेतु भागीदारी को प्रोत्साहित करें
  • लक्षित छात्रवृत्ति, सशर्त नकद अंतरण एवं परिवहन के लिए साइकिल के प्रावधान से विद्यालयों में बालिकाओं के प्रतिधारण में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।

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बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के बारे में

  • यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है।
  • सरकार ने बालिकाओं के अस्तित्व, सुरक्षा एवं सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढाओ पहल की घोषणा की है।
  • एक ओर बालिकाओं के साथ भेदभाव करने वाली सामाजिक संरचना, दूसरी ओर सुलभ उपलब्धता, सामर्थ्य एवं तत्पश्चात नैदानिक ​​उपकरणों का दुरुपयोग, न्यून बाल लिंगानुपात के कारण बालिकाओं के लिंग चयनात्मक विलोपन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

 

बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के उद्देश्य

  • लिंग पक्षपाती लिंग चयनात्मक उन्मूलन की रोकथाम
  • बालिकाओं के अस्तित्व एवं सुरक्षा को सुनिश्चित करना
  • बालिकाओं की शिक्षा एवं भागीदारी सुनिश्चित करना
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