जैव रूपांतरण प्रौद्योगिकी: जैव रूपांतरण तकनीक (बायो ट्रांसफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) एक नवीन दृष्टिकोण है जिसका उपयोग प्लास्टिक अपशिष्ट को जैव निम्नीकरणीय (बायोडिग्रेडेबल) अपशिष्ट में संसाधित करने के लिए किया जाता है। यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 3- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास) के लिए भी जैव रूपांतरण तकनीक (बायो ट्रांसफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) महत्वपूर्ण है।
लंदन के इंपीरियल कॉलेज स्थित एक स्टार्टअप ने एक ऐसी प्रौद्योगिकी निर्मित करने का दावा किया है, जिसमें प्लास्टिक को जैव निम्नीकरणीय अवस्था में बदलने की क्षमता है। कंपनी इस प्रक्रिया को “बायो ट्रांसफॉर्मेशन” के रूप में संदर्भित करती है, जो यह दावा करती है कि सूक्ष्मजीवों का उपयोग करके स्वाभाविक रूप से प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट को तोड़ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप किसी भी माइक्रोप्लास्टिक्स के निर्माण के बिना जैव निम्नीकरण होता है।
ओशियाना की एक रिपोर्ट के अनुसार, माना जाता है कि अमेज़ॅन ने 2021 में अपनी पैकेजिंग के माध्यम से लगभग 321 मिलियन किलोग्राम (709 मिलियन पाउंड) प्लास्टिक अपशिष्ट का उत्पादन किया है। प्लास्टिक अपशिष्ट की यह विपुल मात्रा उन अरबों बक्सों का परिणाम है जिसे ई-कॉमर्स दिग्गज ने दुनिया भर में भेजा है।
जैव रूपांतरण तकनीक (बायो ट्रांसफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) प्लास्टिक के प्रसंस्करण की एक नई विधि है जिसका उचित रूप से निस्तारण नहीं किया गया है।
आधिकारिक तिथि के अनुसार, देश प्रतिवर्ष 3.5 अरब किलोग्राम प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पन्न करता है, जिसमें से एक तिहाई पैकेजिंग कचरे से आता है।
जैव रूपांतरण तकनीक के कार्यान्वयन से खाद्य पैकेजिंग एवं स्वास्थ्य सेवा उद्योगों को उनके कचरे को कम करके विशेष रूप से लाभ हो सकता है। प्रौद्योगिकी विकसित करने वाली कंपनी के अनुसार, इस नवाचार को शामिल नहीं करने वाले पारंपरिक प्लास्टिक की तुलना में इसके उपयोग से जुड़ी लागत में वृद्धि अपेक्षाकृत कम है।
जूट अथवा कागज से निर्मित पैकेजिंग पर स्विच करने से प्लास्टिक अपशिष्ट को कम करने एवं एथिलीन के विलियनों के आयात की लागत को बचाने के साथ-साथ कागज उद्योग में स्थिरता को प्रोत्साहित करने की क्षमता है।
धारणीयता को प्रोत्साहित करने हेतु, भारत सरकार ने अनेक पहलें प्रारंभ की हैं।
प्र. जैव रूपांतरण तकनीक अथवा बायोट्रांसफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी क्या है?
उत्तर. जैव रूपांतरण तकनीक अथवा बायोट्रांसफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सूक्ष्मजीवों का उपयोग कार्बनिक पदार्थों को तोड़ने एवं उन्हें जैव निम्नीकरणीय (बायोडिग्रेडेबल) पदार्थों में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है।
प्र. जैव रूपांतरण तकनीक कैसे काम करती है?
उत्तर. जैव रूपांतरण तकनीक जैविक पदार्थों को तोड़ने के लिए जीवाणुओं (बैक्टीरिया) एवं कवक जैसे सूक्ष्मजीवों का उपयोग करके काम करती है। सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थों पर अपना पोषण करते हैं तथा उन्हें जैव निम्नीकरणीय पदार्थों में परिवर्तित करते हैं।
प्र. जैव रूपांतरण तकनीक के क्या लाभ हैं?
उत्तर. जैव रूपांतरण तकनीक अथवा बायो-ट्रांसफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के लाभों में अपशिष्ट एवं प्रदूषण में कमी, जैव निम्नीकरणीय सामग्रियों का उत्पादन एवं हरित गृह गैस उत्सर्जन में कमी शामिल है।
प्र. जैव-रूपांतरण प्रौद्योगिकी के कुछ अनुप्रयोग क्या हैं?
उत्तर. अपशिष्ट प्रबंधन, कृषि, जैव निम्नीकरणीय पैकेजिंग एवं जैव ईंधन के उत्पादन सहित विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों में जैव रूपांतरण तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।
प्र. क्या जैव रूपांतरण तकनीक महंगी है?
उत्तर. जैव रूपांतरण तकनीक की लागत विशिष्ट अनुप्रयोग एवं परियोजना के आकार के आधार पर भिन्न हो सकती है। हालांकि, कुछ मामलों में, जैव रूपांतरण तकनीक पारंपरिक विधियों की तुलना में अधिक लागत प्रभावी हो सकती है।
जैव रूपांतरण तकनीक अथवा बायोट्रांसफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सूक्ष्मजीवों का उपयोग कार्बनिक पदार्थों को तोड़ने एवं उन्हें जैव निम्नीकरणीय (बायोडिग्रेडेबल) पदार्थों में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है।
जैव रूपांतरण तकनीक जैविक पदार्थों को तोड़ने के लिए जीवाणुओं (बैक्टीरिया) एवं कवक जैसे सूक्ष्मजीवों का उपयोग करके काम करती है। सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थों पर अपना पोषण करते हैं तथा उन्हें जैव निम्नीकरणीय पदार्थों में परिवर्तित करते हैं।
जैव रूपांतरण तकनीक अथवा बायो-ट्रांसफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के लाभों में अपशिष्ट एवं प्रदूषण में कमी, जैव निम्नीकरणीय सामग्रियों का उत्पादन एवं हरित गृह गैस उत्सर्जन में कमी शामिल है।
अपशिष्ट प्रबंधन, कृषि, जैव निम्नीकरणीय पैकेजिंग एवं जैव ईंधन के उत्पादन सहित विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों में जैव रूपांतरण तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।
जैव रूपांतरण तकनीक की लागत विशिष्ट अनुप्रयोग एवं परियोजना के आकार के आधार पर भिन्न हो सकती है। हालांकि, कुछ मामलों में, जैव रूपांतरण तकनीक पारंपरिक विधियों की तुलना में अधिक लागत प्रभावी हो सकती है।
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