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काला सागर अनाज पहल- रूस द्वारा भागीदारी पुनर्प्रारंभ
यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: सामान्य अध्ययन II- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े समझौते
काला सागर अनाज पहल- चर्चा में क्यों है?
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने काला सागर अनाज पहल के नवीनीकरण का आह्वान किया है क्योंकि रूस अपनी भागीदारी को पुनर्प्रारंभ करने हेतु सहमत हो गया है।
काला सागर अनाज पहल: पृष्ठभूमि
- पहल ने रूस की नौसैनिक नाकाबंदी को सरल बना दिया तथा तीन प्रमुख यूक्रेनी बंदरगाहों को फिर से खोल दिया।
- समुद्री कलियार (सी कॉरिडोर) निर्मित करने के समझौते पर इस वर्ष जुलाई में यूक्रेन, रूस, संयुक्त राष्ट्र तथा तुर्की के प्रतिनिधियों के मध्य वार्ता हुई थी।
- समझौते ने 2022 के खाद्य संकट को दूर करने के प्रयास के लिए कुछ बंदरगाहों से अनाज को सुरक्षित रूप से निर्यात करने हेतु प्रक्रियाएं निर्मित की।
- यह अपने तीन प्रमुख बंदरगाहों, अर्थात काला सागर में चोरनोमोरस्क, ओडेसा तथा यूजनी/पिवडेनी से यूक्रेनी निर्यात (विशेष रूप से खाद्यान्न हेतु) के लिए एक सुरक्षित समुद्री मानवीय गलियारा प्रदान करता है।
काला सागर अनाज पहल: परिणाम
- सौदा होने के बाद से अब तक लगभग 9.8 मिलियन टन अनाज भेज दिया गया है।
- आपूर्ति की कमी के कारण बड़े लाभ के लिए इसे बेचने की उम्मीद में अनाज की जमाखोरी करने वाले लोग अब इसे बेचने हेतु बाध्य थे।
- इस पहल को जीवन संकट की वैश्विक लागत में भारी अंतर लाने का श्रेय भी दिया गया है।
काला सागर अनाज पहल: निलंबन के निहितार्थ
- सौदे के निलंबन से अनाज की कीमतों पर कीमतों का दबाव पुनर्प्रारंभ होने की संभावना थी, विशेष रूप से गेहूं की कीमतों पर, क्योंकि वस्तु सूची (इन्वेंट्री) ऐतिहासिक निम्न स्तर पर थी।
- यह विशेष रूप से मध्य पूर्व एवं अफ्रीका में मिस्र, तुर्की, लेबनान, सूडान तथा यमन जैसे देशों को प्रभावित कर सकता है जो पुनर्प्रारंभ से लाभान्वित हुए हैं तथा विशेष रूप से रूसी और यूक्रेनी निर्यात पर निर्भर हैं।
काला सागर के बारे में
- प्रसिद्ध जल निकाय उत्तर एवं उत्तर-पश्चिम में यूक्रेन, पूर्व में रूस तथा जॉर्जिया, दक्षिण में तुर्की एवं पश्चिम में बुल्गारिया तथा रोमानिया से घिरा है।
- यह बोस्फोरस के माध्यम से मर्मारा सागर से एवं फिर डारडेनेल्स के माध्यम से एजियन सागर से जुड़ता है।
काला सागर का महत्व
- काला सागर क्षेत्र का प्रभुत्व मास्को के लिए एक भू-रणनीतिक अनिवार्यता है।
- काला सागर परंपरागत रूप से यूरोप के लिए रूस का गर्म जल का प्रवेश द्वार रहा है।
- रूस के लिए, काला सागर दोनों भूमध्य सागर के लिए एक प्रारंभिक प्रयास है।
- यह नाटो एवं स्वयं के मध्य एक रणनीतिक बफर के रूप में कार्य करता है।
- यह भूमध्य सागर में रूसी शक्ति को प्रदर्शित करता है तथा दक्षिणी यूरोप के प्रमुख बाजारों के लिए आर्थिक प्रवेश द्वार को सुरक्षित करता है।
- रूस 2014 के क्रीमिया संकट के बाद से काला सागर पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के प्रयास कर रहा है।