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सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) – यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: भारतीय संविधान- सरकार के कार्यपालिका एवं न्यायपालिका, मंत्रालयों एवं विभागों की संरचना, संगठन एवं कार्यकरण
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ)- संदर्भ
- सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने लद्दाख के उमलिंगला दर्रे में 19,024 फीट की ऊंचाई पर विश्व के सर्वाधिक ऊंचे मोटर योग्य सड़क के निर्माण एवं काले रंग से शीर्ष कर्तन (ब्लैक टॉपिंग) की उपलब्धि के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स प्रमाण पत्र प्राप्त किया।
- गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा की गई चार महीने की लंबी प्रक्रिया में, पांच अलग-अलग सर्वेक्षकों ने दावे की पुष्टि की।
लद्दाख में विश्व की सर्वाधिक ऊंची मोटर योग्य सड़क- प्रमुख बिंदु
- उमलिंगला दर्रा रोड: 52 किलोमीटर लंबी चिसुमले से डेमचोक टरमैक सड़क 19,024 फीट ऊंचे उमलिंगला दर्रे से होकर गुजरती है- जो विश्व की सर्वाधिक ऊंची मोटरेबल रोड है।
- पिछला रिकॉर्ड: उमलिंगला दर्रा सड़क बोलीविया में एक सड़क, जो ज्वालामुखी उटुरुंकु को 18,953 फीट पर जोड़ती है, के पिछले गिनीज रिकॉर्ड को अधिक ऊंचा बनाती है।’
- भारत में, माउंट एवरेस्ट के उत्तर एवं दक्षिण बेस कैंपों की तुलना में अधिक ऊंचाई पर उमलिंगला दर्रा रोड का निर्माण किया गया है, जो क्रमशः 16,900 फीट एवं 17,598 फीट की ऊंचाई पर हैं।
- महत्व: बीआरओ ने पूर्वी लद्दाख के महत्वपूर्ण गांव डेमचोक को एक काली करण वाली सड़क प्रदान की जो क्षेत्र की स्थानीय आबादी के लिए एक वरदान सिद्ध होगी क्योंकि यह लद्दाख में सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को प्रोत्साहन प्रदान करेगी एवं पर्यटन को बढ़ावा देगी।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ)- प्रमुख बिंदु
- बीआरओ की स्थापना: बीआरओ का गठन 7 मई, 1960 को किया गया था, जिसका उद्देश्य सीमाओं के समीप स्थित उत्तर एवं उत्तर-पूर्व के भारतीय सुदूर क्षेत्रों को अनुरक्षित रखना एवं विकसित करना था।
- बीआरओ स्थापना दिवस प्रत्येक वर्ष 7 मई को मनाया जाता है।
- सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के बारे में: सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) एक आधुनिक एवं अंतरराष्ट्रीय निर्माण संगठन है जो भारतीय सशस्त्र बलों की सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु प्रतिबद्ध है।
- सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सीमावर्ती क्षेत्रों में अवसंरचना विकास के उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- मूल मंत्रालय: बीआरओ ने प्रारंभ में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत कार्य किया। किंतु 2015 से इसने रक्षा मंत्रालय के समग्र प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य किया है।
- बीआरओ के पदाधिकारी: सीमा सड़क अभियांत्रिकी सेवा (बीआरईएस) के अधिकारी एवं जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (बीआरओ जीआरईएफ) के कर्मचारी बीआरओ के मूल संवर्ग हैं।
- भारतीय सेना के पायनियर कोर बीआरओ कार्य बल से संबद्ध हैं।
- सशस्त्र बलों के युद्ध के क्रम में बीआरओ भी सम्मिलित है, जो किसी भी समय उनका सहयोग सुनिश्चित करता है।




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