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ब्रिक्स संचार मंत्री- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
ब्रिक्स संचार मंत्रियों की बैठक: ब्रिक्स के संचार मंत्रियों की बैठक 2022 चीन की अध्यक्षता में हो रही है। ब्रिक्स संचार मंत्री यूपीएससी की मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन के पेपर 2 पाठ्यक्रम (अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े समझौते एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
समाचारों में ब्रिक्स संचार मंत्रियों की बैठक
- हाल ही में, रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री. अश्विनी वैष्णव ने ब्रिक्स संचार मंत्रियों की बैठक 2022 में भाग लिया।
ब्रिक्स संचार मंत्रियों की बैठक 2022 में भारत
- ब्रिक्स संचार मंत्रियों की 2022 की बैठक में, भारत ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ( इनफॉरमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी/आईसीटी) के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
- भारत ने दूरसंचार क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए सुधारों को भी रेखांकित किया।
- सभी मंत्रियों ने आधार, को-विन, यूपीआई एवं दीक्षा जैसे डिजिटल पब्लिक गुड्स के प्लेटफॉर्म के लिए भारत की पेशकश की प्रशंसा की एवं इस क्षेत्र में आगे सहयोग करने का निर्णय लिया।
ब्रिक्स संचार मंत्री 2022
- ब्रिक्स संचार मंत्रियों के बारे में: ब्रिक्स संचार मंत्रियों की प्रथम बैठक 2015 में रूस में आयोजित की गई थी, जहां इस बात पर सहमति हुई थी कि विकासशील देशों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) पारिस्थितिकी तंत्र में व्यापक संभावनाएं हैं तथा इससे ब्रिक्स देशों के मध्य आईसीटी के विकास के लिए व्यापार, शिक्षाविदों एवं अन्य प्रासंगिक हितधारकों की बढ़ी हुई भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
- ब्रिक्स संचार मंत्री 2022: ब्रिक्स इंस्टीट्यूट फॉर फ्यूचर नेटवर्क्स (बीआईएफएन), डिजिटल ब्रिक्स टास्क फोर्स (डीबीटीएफ) के लिए कार्य-योजनाओं को अंतिम रूप प्रदान किया गया।
- ये तंत्र ब्रिक्स देशों के मध्य अभिनव सहयोग को और गहन करने में सहायता करेंगे।
ब्रिक्स समूह के बारे में
- ब्रिक्स समूह के बारे में: ब्रिक्स विश्व की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं, जैसे ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका के समूह के लिए एक संक्षिप्त शब्द है।
- पृष्ठभूमि: 2001 में, गोल्डमैन सैक्स के जिम ओ’नील ने “बिल्डिंग बेटर ग्लोबल इकोनॉमिक ब्रिक्स” नामक एक शोध पत्र लिखा था, जिसमें बताया गया था कि विश्व में भविष्य की जीडीपी वृद्धि चीन, भारत, रूस एवं ब्राजील से आएगी।
- यद्यपि शोध पत्र ने किसी औपचारिक समूह की सिफारिश नहीं की, किंतु इसने कहा कि ब्रिक अर्थव्यवस्थाएं संयुक्त रूप से 2039 से पूर्व पश्चिमी देशों के प्रभुत्व वाली विश्व व्यवस्था को पीछे छोड़ देंगी।
- ब्रिक्स का गठन: 2006 में, ब्रिक्स देशों के नेताओं ने सेंट पीटर्सबर्ग, रूस में जी-8 (जिसे अब जी-7 कहा जाता है) शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की एवं उस वर्ष ब्रिक को औपचारिक रूप दिया गया।
- कुछ ही समय पश्चात, सितंबर 2006 में, ब्रिक विदेश मंत्रियों की प्रथम बैठक के दौरान समूह को ब्रिक के रूप में औपचारिक रूप प्रदान किया गया, जो न्यूयॉर्क शहर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस के दौरान आयोजित हुई थी।
- प्रथम औपचारिक शिखर सम्मेलन: 2009 में रूसी संघ में आयोजित हुआ एवं वैश्विक वित्तीय वास्तुकला में सुधार जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।
- दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका को BRIC में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित किया गया था, जिसके बाद समूह ने BRICS का संक्षिप्त नाम अपनाया।
- तत्पश्चात दक्षिण अफ्रीका ने 2011 में सान्या, चीन में तीसरे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
- BRICS का मुख्यालय: BRICS का कोई मुख्यालय नहीं है, बल्कि ब्रिक्स के सभी देशों के अपने-अपने देश में BRICS को समर्पित कार्यालय हैं।
- ब्रिक्स की संरचना: ब्रिक्स संगठन के रूप में अस्तित्व में नहीं है, किंतु यह पांच देशों के सर्वोच्च नेताओं के मध्य एक वार्षिक शिखर सम्मेलन है।
- ब्रिक्स की अध्यक्षता: फोरम की अध्यक्षता को संक्षिप्त रूप से बी-आर-आई-सी-एस के अनुसार सदस्यों के मध्य क्रमावर्तित रूप से घुमाया जाता है।
- भारत के पास जनवरी 2021 से ब्रिक्स की अध्यक्षता थी।
- वर्तमान में, चीन के पास ब्रिक्स की अध्यक्षता है।
- ब्रिक्स का महत्व: ब्रिक्स सदस्य देश मिलकर निम्नलिखित का प्रतिनिधित्व करते हैं-
- वैश्विक जनसंख्या का 41%
- वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24% एवं
- वैश्विक व्यापार का 16%