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चेंजिंग वेल्थ ऑफ नेशंस रिपोर्ट 2021: प्रासंगिकता
- जीएस 2: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, अभिकरण एवं मंच – उनकी संरचना, अधिदेश।
चेंजिंग वेल्थ ऑफ नेशंस रिपोर्ट 2021: प्रसंग
- विश्व बैंक ने ‘राष्ट्रों की संपत्ति में परिवर्तन’ शीर्षक से एक नई रिपोर्ट जारी की है जो बताती है कि वैश्विक संपत्ति में समग्र रूप से वृद्धि हुई है – किंतु भविष्य की समृद्धि की कीमत पर एवं असमानताओं को बढ़ाकर।
चेंजिंग वेल्थ ऑफ नेशंस रिपोर्ट 2021: मुख्य बिंदु
- चेंजिंग वेल्थ ऑफ नेशंस 2021 रिपोर्ट द्वारा 1995 एवं 2018 के मध्य 146 देशों की संपत्ति को ट्रैक किया जाता है
- नवीकरणीय प्राकृतिक पूंजी (जैसे वन, फसल भूमि एवं समुद्री संसाधन) के आर्थिक मूल्य को मापना,
- गैर-नवीकरणीय प्राकृतिक पूंजी (जैसे खनिज एवं जीवाश्म ईंधन),
- मानव पूंजी (एक व्यक्ति के जीवन भर की कमाई),
- उत्पादित पूंजी (जैसे भवन एवं अवसंरचना), एवं
- निवल विदेशी परिसंपत्ति।
- रिपोर्ट में प्रथम बार – मैंग्रोव एवं सामुद्रिक मत्स्य पालन के रूप में – नीली प्राकृतिक पूंजी का जिक्र है।
चेंजिंग वेल्थ ऑफ नेशंस रिपोर्ट 2021: प्रमुख निष्कर्ष
- जो देश अल्पकालिक लाभ के पक्ष में अपने संसाधनों को कम कर रहे हैं, वे अपनी अर्थव्यवस्थाओं को एक अ- सतत विकास पथ पर डाल रहे हैं।
- जबकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) जैसे संकेतक पारंपरिक रूप से आर्थिक विकास को मापने के लिए उपयोग किए जाते हैं, यह रिपोर्ट विकास धारणीय है अथवा नहीं यह समझने हेतु प्राकृतिक, मानव एवं उत्पादित पूंजी पर विचार करने के महत्व हेतु तर्क देता है।
विकास बनाम प्राकृतिक संसाधन
- रिपोर्ट के अनुसार, 1995 एवं 2018 के मध्य वैश्विक संपत्ति में अत्यधिक मात्रा में वृद्धि हुई है एवं मध्यम आय वाले देश उच्च आय वाले देश बनने की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
- यद्यपि, बढ़ती समृद्धि के साथ-साथ कुछ प्राकृतिक परिसंपत्तियों का अ- सतत प्रबंधन भी हुआ है।
- निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों ने 1995 से 2018 तक प्रति व्यक्ति वन संपदा में 8% की गिरावट देखी, जो वनों की कटाई को उल्लेखनीय रूप से दर्शाता है।
- इस बीच, इसी अवधि में खराब प्रबंधन एवं अधिक मछली पकड़ने के कारण वैश्विक सामुद्रिक मत्स्य भंडार का मूल्य 83% तक गिर गया। जलवायु परिवर्तन के अनुमानित प्रभाव इन प्रवृत्तियों को और गहन कर सकते हैं।
- कार्बन उत्सर्जक जीवाश्म ईंधन जैसी परिसंपत्तियों का गलत मूल्य निर्धारण अधिक मूल्यांकन एवं अधिक उपभोग की ओर अग्रसर कर सकता है।
असमानता
- रिपोर्ट ने संकेत दिया है कि वैश्विक संपत्ति असमानता में वृद्धि हो रही है।
- विश्व की जनसंख्या का लगभग 8% होने के बावजूद, कम आय वाले देशों की वैश्विक संपत्ति का हिस्सा 1995 से 2018 तक थोड़ा परिवर्तित हो गया है, जो विश्व की संपत्ति के 1% से भी कम है।
- कम आय वाले एक तिहाई से अधिक देशों में प्रति व्यक्ति संपत्ति में गिरावट देखी गई।
- घटती संपत्ति वाले देश भी नवीकरणीय प्राकृतिक संपत्तियों के अपने आधार को कम कर रहे हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा
- वैश्विक स्तर पर, नवीकरणीय प्राकृतिक पूंजी (वन,शस्य भूमि एवं सामुद्रिक संसाधन) में कुल संपत्ति का हिस्सा घट रहा है एवं जलवायु परिवर्तन से खतरा और अधिक गहन हो रहा है।
- साथ ही, नवीकरणीय प्राकृतिक पूंजी अधिक मूल्यवान होती जा रही है क्योंकि यह महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान करती है।
- उदाहरण के लिए, तटीय बाढ़ संरक्षण के लिए मैंग्रोव का मूल्य 1995 से 5 गुना से अधिक बढ़कर 2018 में 547 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है।
- प्रति वर्ग किलोमीटर संरक्षित क्षेत्रों का मूल्य भी तेजी से बढ़ा है।
क्षेत्रीय रुझान: दक्षिण एशिया
- दक्षिण एशिया में, 1995 से कुल संपत्ति में वृद्धि हुई है, किंतु समान समय अवधि में जनसंख्या वृद्धि के कारण, प्रति व्यक्ति संपत्ति विश्व में न्यूनतम है।
- मानव पूंजी क्षेत्र के आधे से अधिक संपत्ति का निर्माण करती है, किंतु यह अत्यंत असंतुलित है, जिसमें 80% से अधिक पुरुषों को उत्तरदायी ठहराया गया है, जिसमें विगत दो दशकों में बहुत कम परिवर्तन हुआ है।
- यदि दक्षिण एशिया में लैंगिक समानता प्राप्त कर ली जाती है, तो इससे राष्ट्रीय स्तर पर मानव पूंजी में लगभग 42 प्रतिशत अंक की वृद्धि हो सकती है।
- एक क्षेत्र के रूप में, दक्षिण एशिया भी वायु प्रदूषण के कारण मानव पूंजी की अनुमानित हानि से सर्वाधिक प्रभावित है।
- नवीकरणीय प्राकृतिक पूंजी, विशेष रूप से शस्य भूमि, दक्षिण एशिया के लिए महत्वपूर्ण है एवं इसकी नीली प्राकृतिक पूंजी का मूल्य भी विगत दो दशकों में बढ़ा है।
विश्व की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में हाल ही में जारी रिपोर्ट:-
न्यूनतम विकसित देशों की रिपोर्ट
वैश्विक बालिकावस्था रिपोर्ट 2021
यूनेस्को की भारत के लिए शिक्षा की स्थिति रिपोर्ट 2021
विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट 2020-22
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