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यूएनएससी प्रतिबंध समिति में चीन का आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण: जून 2022 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल/यूएनएससी) प्रतिबंध समिति के माध्यम से अब्दुल रहमान मक्की को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया पर चीन की तकनीकी रोक लश्कर/जैश-ए-मोहम्मद (JeM) पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन के अन्य वांछित आतंकवादियों के खिलाफ समान प्रस्तावों पर रखे गए पांच दावों में से एक थी। यूएनएससी प्रतिबंध समिति में जनवरी 2022 को चीन द्वारा रोक हटाना, यूएनएससी प्रतिबंध समिति में चीन के आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण का एक दुर्लभ प्रदर्शन है।
प्रसंग
- समाचार में:
- 17 जनवरी, 2023 को, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल/UNSC) ने आईएसआईएस एवं अलकायदा के लिए प्रतिबंध समिति ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के धन उगाहने वाले एवं प्रमुख योजनाकार अब्दुल रहमान मक्की को अपनी प्रतिबंध सूची में रखा।
- चीन द्वारा पूर्व में लगाए गए तकनीकी रोक को हटाने के बाद यह एक वास्तविकता बन गई।
- पृष्ठभूमि:
- इससे पूर्व, जून 2022 में, चीन ने “तकनीकी रोक” लगाई थी, जब अमेरिका तथा भारत – तत्समय यूएनएससी में एक गैर-स्थायी सदस्य – ने मक्की को वैश्विक आतंकवादी ब्लैकलिस्ट पर लाने का असफल प्रयास किया था।
यूएनएससी प्रतिबंध समिति ने मक्की को किस आधार पर सूचीबद्ध किया?
- यूएनएससी प्रतिबंध समिति ने 16 जनवरी को मक्की को 22 दिसंबर, 2000 के लाल किले पर हुए हमले, 1 जनवरी, 2008 के रामपुर हमले एवं 26/11 के मुंबई हमलों सहित सात आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
- समिति ने मक्की को 7 अगस्त, 2018 को गुरेज में हुए हमले से भी जोड़ा, जिसमें भारतीय सेना के चार जवान शहीद हुए गए थे।
- यूएनएससी प्रतिबंध समिति ने आगे कहा कि मक्की लश्कर के लिए राजनीतिक मामलों का प्रमुख था एवं लश्कर के विदेशी संबंध विभाग तथा शूरा या शासी निकाय में सेवा दे चुका है।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति ने यह भी कहा कि मक्की जमात उद दावा की मरकज़ी (केंद्रीय) टीम एवं दावती (धर्मांतरण) टीम का भी सदस्य है।
- यूएनएससी प्रतिबंध समिति ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि मक्की हाफिज सईद का बहनोई भी है, जो 26/11 के हमलों में अपनी भूमिका के लिए “भारत सरकार द्वारा वांछित” है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
भारत एवं संयुक्त राज्य अमेरिका पूर्व में ही मक्की को अपने संबंधित राष्ट्रीय कानूनों के तहत एक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कर चुके हैं तथा संयुक्त रूप से प्रस्ताव दिया था कि यूएनएससी की समिति उसे 1 जून, 2022 को ब्लैकलिस्ट कर दे। |
भारत के लिस्टिंग प्रस्तावों को अवरुद्ध करने का चीन का इतिहास
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति 1267 के नियम के अनुसार, एक तकनीकी रोक देशों को सूचना का अध्ययन करने के लिए अधिक समय का अनुरोध करने की अनुमति प्रदान करती है।
- चीन ने जून 2022 में तथा पुनः दिसंबर में मक्की की लिस्टिंग पर अपनी रोक वापस लेने एवं लिस्टिंग की अनुमति प्रदान करने से पूर्व इस तरह की रोक लगाई।
- चीन ने एक दशक से अधिक समय तक आतंकवादी सरगना मौलाना मसूद अजहर की लिस्टिंग में विलंब करने के लिए इसी तरह की रणनीति का इस्तेमाल किया था।
आतंकवादियों के खिलाफ प्रस्तावों को अवरुद्ध करने का चीन का इतिहास
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान, नई दिल्ली ने आईएसआईएल एवं अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत नियुक्ति हेतु कुल पांच नाम रखे, जिनमें मक्की (LeT), अब्दुल रऊफ असगर (जैश-ए-मोहम्मद), साजिद मीर (LeT), शाहिद महमूद (एलईटी), एवं तल्हा सईद (एलईटी) शामिल हैं। सभी पांचों आतंकवादियों को चीन से “तकनीकी रोक” का समर्थन प्राप्त हुआ, जबकि सुरक्षा परिषद के अन्य 14 सदस्यों ने लिस्टिंग का समर्थन किया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति क्या है?
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति की स्थापना 1999 में तालिबान एवं अल-कायदा को यूएनएससी के संकल्प 1267 द्वारा आतंकवादी संगठनों के रूप में सूचीबद्ध किए जाने के पश्चात की गई थी।
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, समिति का कार्य आतंकवादियों को नामित करना, प्रतिबंधों को लागू करना एवं उनके कार्यान्वयन की निगरानी करना है।
- समिति संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों से मिलकर बनी है।
- संकल्प 1267 उन व्यक्तियों एवं संस्थाओं के विरुद्ध प्रतिबंधों का प्रावधान करता है जो आईएसआईएल, अल-कायदा, संबद्ध व्यक्तियों, समूहों, उपक्रमों एवं संस्थाओं के कार्यों या गतिविधियों का समर्थन या वित्त पोषण करते हैं।
क्या यह भारत की कूटनीतिक विजय है?
- जून 2022 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के माध्यम से अब्दुल रहमान मक्की को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया पर चीन की तकनीकी रोक ने भारत को चिंतित कर दिया था, जिसने बीजिंग पर आतंकवाद पर “दोहरे मानकों” एवं यूएनएससी के आतंकवाद-रोधी तंत्र का “मजाक बनाने” का आरोप लगाया था।
- अब, लिस्टिंग की अनुमति देने का चीन का निर्णय उसके आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण का पहला प्रदर्शन है तथा यह भारत के लिए एक स्पष्ट कूटनीतिक विजय है।
- यह प्रथम अवसर है जब एक सूचीबद्धता प्रस्ताव जिसमें भारत एक सह-प्रायोजक है, को पारित करने की अनुमति प्रदान की गई है; तथा यह पहली बार है जब किसी आतंकवादी को प्रमुख रूप से भारत में, विशेषकर कश्मीर में हमलों के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
- जैसा कि अधिकांश अन्य को उनके अल-कायदा से संबंधित तथा विश्व के अन्य हिस्सों में हमलों के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
- यह स्पष्ट नहीं है कि चीन को अपने आतंकवाद-विरोधी मनोदशा को प्रदर्शित करने के लिए किस चीज में प्रेरित किया, क्योंकि यूएनएससी के 14 अन्य सदस्यों द्वारा लिस्टिंग के लिए सहमत होने के बावजूद इसने रोक जारी रखी थी।
- वर्ष 2019 में चीन के सामने स्थिति अलग थी, जब चीन ने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को सूचीबद्ध करने की भारत की एक दशक पुरानी मांग को मान लिया था। क्योंकि उस समय पुलवामा आत्मघाती बम विस्फोट को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक आक्रोश था।
भारत के लिए आगे क्या?
- संपत्ति जब्त करने, यात्रा प्रतिबंध एवं शस्त्र प्रतिबंध के अधीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आतंकवादियों को नामजद करना, उन्हें न्याय दिलाने की दिशा में केवल एक कदम है।’
- 1999 के आईसी-814 कंधार अपहरण से लेकर मुंबई 26/11 के हमलों एवं पठानकोट तथा पुलवामा के हमलों तक, पाकिस्तान ने अभी तक सूची में सम्मिलित कई आतंकवादियों में से एक को भी बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है।
- भारत को मक्की एवं अन्य आतंकवादियों पर नजर रखने के अपने कार्य में लगे रहना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पाकिस्तान उन पर सफलतापूर्वक मुकदमा चलाने का दबाव महसूस करता रहे।
यूएनएससी प्रतिबंध समिति में चीन का आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. UNSC संकल्प 1267 क्या है?
उत्तर. संकल्प 1267 उन व्यक्तियों एवं संस्थाओं के विरुद्ध प्रतिबंधों का प्रावधान करता है जो आईएसआईएल, अल-कायदा, संबद्ध व्यक्तियों, समूहों, उपक्रमों एवं संस्थाओं के कार्यों या गतिविधियों का समर्थन या वित्त पोषण करते हैं।
प्र. UNSC प्रतिबंध समिति में चीन द्वारा लागू की गई तकनीकी रोक क्या है?
उत्तर. UNSC 1267 समिति के नियमों के अनुसार, एक तकनीकी रोक देशों को सूचना का अध्ययन करने के लिए अधिक समय का अनुरोध करने की अनुमति प्रदान करती है।
प्र. मक्की कौन है?
उत्तर. लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का धन उगाहने वाला एवं प्रमुख योजनाकार अब्दुल रहमान मक्की पाकिस्तान का एक वैश्विक आतंकवादी है। यूएनएससी प्रतिबंध समिति ने 16 जनवरी को मक्की को 22 दिसंबर, 2000 के लाल किले पर हुए हमले, 1 जनवरी, 2008 के रामपुर हमले एवं 26/11 के मुंबई हमलों सहित सात आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया था।