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चीन का नया सीमा कानून: प्रासंगिकता
- जीएस 2: भारत के हितों, भारतीय प्रवासियों पर विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
चीन का नया सीमा कानून: प्रसंग
- हाल ही में, चीनी विधायिका ने एक नया कानून पारित किया है जो राज्य एवं सेना को क्षेत्र की रक्षा करने एवं चीन के क्षेत्रीय दावों को कमजोर करने वाले “किसी भी कृत्य का प्रतिरोध“ करने का आह्वान करता है।
चीन का नया सीमा कानून: मुख्य बिंदु
- भारतीय सेना एवं चीनी पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) द्वारा कई अतिक्रमणों को निष्पादित करने एवं अग्रवर्ती क्षेत्रों में अपने सैन्य डिवीजन को को संगठित करने के 1 वर्ष पश्चात, कानून पहली बार मार्च 2021 में प्रस्तावित किया गया था।
अधिनियम के बारे में
- यह राज्य का निम्नलिखित के लिए आह्वान करता है
- सीमा सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु आवश्यक कदम उठाना,
- सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्थिक एवं सामाजिक विकास के साथ-साथ उपलब्धता का समर्थन करना,
- ऐसे क्षेत्रों में सार्वजनिक सेवाओं एवं आधारिक अवसंरचना में सुधार करना,
- लोगों के जीवन एवं वहां कार्य करने हेतु प्रोत्साहित करना एवं उनका समर्थन करना, तथा
- सीमा सुरक्षा एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में सामाजिक, आर्थिक विकास के मध्य समन्वय को बढ़ावा देना।
- कानून कहता है कि अगर अवैध रूप से सीमा पार करने वाले कर्मी सशस्त्र बलों के सदस्य हैं, तो उनसे संबंधित सैन्य एजेंसियों द्वारा निपटा जाएगा।
- कानून में कहा गया है कि राज्य भूमि सीमाओं को मौके पर ही चिह्नित करने के लिए सीमा चिह्नक स्थापित करेगा, जिसकी जिम्मेदारी विदेश मंत्रालय एवं राज्य परिषद की होगी।
चीन का नया सीमा कानून: महत्व
- कानून प्रत्यक्ष रूप से उन देशों पर लक्षित है जो चीन के साथ सीमा साझा करते हैं एवं वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के जारी तनाव हेतु इसका प्रत्यक्ष प्रभाव है।
- नया कानून भारत एवं भूटान दोनों के साथ विवादित क्षेत्रों में चीन की हाल की कुछ कार्रवाइयों को वैधता प्रदान करेगा।
- यह आवश्यक नहीं है कि सीमा सुरक्षा को किस प्रकार संभाला जाए, किंतु यह सीमावर्ती क्षेत्रों के प्रबंधन की अपनी क्षमता में चीन के बढ़ते विश्वास को प्रदर्शित करता है।
चीन का नया सीमा कानून: चिंताएं
- चीन के भारत एवं भूटान के साथ अनिर्णीत (अनसुलझे) सीमा विवाद हैं।
- यह भारत की सीमा के साथ अग्रवर्ती क्षेत्रों में पीएलए के सैनिकों के जमावड़े, एलएसी के पार कई अतिक्रमणों एवं भूटान के साथ सीमा पर नए “सीमावर्ती गांवों” के निर्माण जैसी कार्रवाइयों को औपचारिक रूप प्रदान करेगा।
- सीमा संबंधी मामलों को राज्य परिषद को सौंपने का कदम काफी हद तक प्रतीकात्मक है क्योंकि परिषद कम्युनिस्ट पार्टी की इच्छा का पालन करती है।
- चीनी कार्रवाइयों को औपचारिक रूप देने से सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन का सीमा दुस्साहस और बढ़ सकता है।