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भारत में फसल प्रतिरूप
फसलों को विभिन्न मापदंडों के आधार पर जैसे विक्तिवृत (ओंटोजेनी) के आधार पर; जड़ों की गहराई के आधार पर; जलवायविक परिस्थितियों के आधार पर; मौसम के आधार पर तथा कार्बन डाइऑक्साइड के अंतः शोषण के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है ।
इस लेख में, हम विस्तृत रूप से ऋतुओं के आधार पर प्रतिवर्गीकरण पर चर्चा करेंगे क्योंकि यूपीएससी में अधिकांश प्रश्न इसी वर्गीकरण से आते हैं। अपने आगामी लेख में, हम अन्य मापदंडों के आधार पर फसल वर्गीकरण पर चर्चा करेंगे।
मौसम के आधार पर फसलों का वर्गीकरण
- भारत एक प्रायद्वीपीय देश है जहां की जलवायु अधिकांशतः मानसून द्वारा संचालित होती है। इस कारण से, भारत विभिन्न प्रकार के मौसमों से संपन्न है। बदले में, ये मौसम फसलों को अलग-अलग मौसमी स्थितियां प्रदान करते हैं, जो अंततः भारत में अलग-अलग फसल प्रतिरूप की ओर अग्रसर करते हैं।
ऋतुओं के आधार पर फसलों को निम्नलिखित में वर्गीकृत किया जाता है:
- खरीफ फसलें
- रबी की फसलें
- जायद की फसलें
खरीफ, रबी एवं जायद फसलों के मध्य अंतर
अब, हम प्रत्येक फसल पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
भारत में खरीफ फसलें
- खरीफ की फसलें, जिन्हें मानसूनी फसल या शरद ऋतु की फसल के रूप में भी जाना जाता है, की खेती एवं कटाई मानसून की ऋतु में की जाती है।
- किसान मानसून की ऋतु के आरंभ में बीज बोते हैं एवं मौसम के अंत में उन्हें काटते हैं।
- खरीफ फसलों की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि पर्याप्त वृद्धि के लिए उन्हें बहुत अधिक पानी तथा गर्म मौसम की आवश्यकता होती है।
- खरीफ फसलों के उदाहरण: चावल, कपास, मक्का इत्यादि।
भारत में रबी की फसलें
- अरबी भाषा में रबी का अर्थ वसंत होता है। शीत ऋतु में उगाई जाने वाली तथा बसंत ऋतु में काटी जाने वाली फसलें रबी फसल कहलाती हैं।
- इन्हें अन्य फसलों से अलग पहचाना जा सकता है क्योंकि इन फसलों को बीजों के अंकुरण तथा परिपक्वता के लिए गर्म जलवायु की आवश्यकता होती है एवं उनके विकास के लिए ठंडे वातावरण की आवश्यकता होती है।
- उन्हें अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है और यही कारण है कि शीत ऋतु में वर्षा का होना रबी फसलों को खराब कर देता है जबकि यह खरीफ फसलों के लिए अच्छा होता है।
- रबी फसलों के उदाहरण: गेहूं, चना, जौ इत्यादि।
भारत में जायद की फसलें
- जायद अथवा ग्रीष्म ऋतु की फसलें खरीफ और रबी फसलों के बीच, मार्च एवं जुलाई के मध्य अल्पकालिक मौसम में उगाई जाती हैं।
- ये फसलें अधिकांशतः सिंचित भूमि पर उगाई जाती हैं एवं इसलिए, किसान मानसून की प्रतीक्षा नहीं करते हैं।
- जायद की फसलों को उगाने के लिए गर्म मृदा एवं उच्च तापमान (रात्रि में शीतलन) की आवश्यकता होती है।
- अधिकांश सब्जियां एवं संकर अनाज जायद के मौसम में उगाए जाते हैं।
- जायद फसलों के उदाहरण: चावल, कद्दू, दालें इत्यादि।
जायद की फसलों के बारे में अधिक जानने हेतु यहाँ क्लिक करें।
खरीफ, रबी एवं जायद फसलों की सूची
क्रम संख्या | फसल का प्रकार | बुवाई | कटाई | फसलें |
1. | खरीफ | जून-जुलाई | सितंबर-अक्टूबर | चावल, ज्वार, मक्का, चाय, रबड़, कॉफी, ग्वार, तिल, अनाज जैसे अरहर दाल, मोती बाजरा, सोयाबीन, कपास, तिलहन, |
2. | रबी | अक्टूबर-नवंबर | जनवरी-फरवरी | गेहूं, जई, जौ, दालें, अनाज, तिलहन, अलसी, इत्यादि। |
3. | जायद | फरवरी-मार्च | मई-जून | खीरा, कद्दू, करेला, तरबूज, खरबूजा, गन्ना, मूंगफली, दालें, |
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