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जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक: प्रासंगिकता
- जीएस 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक: प्रसंग
- हाल ही में, जर्मनवॉच ने क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स 2022 जारी किया है, जिसमें 60 देशों एवं यूरोपीय संघ के जलवायु शमन प्रयासों का अनुश्रवण किया है – जो वैश्विक हरित गृह गैस उत्सर्जन के 92% को कवर करता है।
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक: मुख्य बिंदु
- यह 2005 से प्रतिवर्ष प्रकाशित हो रहा है।
- इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय जलवायु राजनीति में पारदर्शिता में वृद्धि करना है एवं यह जलवायु संरक्षण के प्रयासों एवं अलग-अलग देशों द्वारा की गई प्रगति की तुलना करना संभव बनाता है।
- पेरिस समझौते के तहत देशों की प्रतिबद्धताएं अभी भी अपर्याप्त हैं: वैश्विक तापन को अधिकतम 5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए एक अधिक महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है।
- सीसीपीआई वित्त प्रतिभागियों के लिए पर्यावरणीय, सामाजिक एवं शासन (ईएसजी) श्रेणीकरण हेतु जलवायु परिवर्तन पर महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान करके निवेश के पुन: आवंटन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
एक जलवायु लाभांश- यूएनएफसीसीसी के कॉप 26 में भारत
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक: मुख्य परिणाम
- कोई भी देश सभी सूचकांक श्रेणियों में इतना अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है कि सीसीपीआई में समग्र रूप से उच्च रेटिंग प्राप्त कर सके। अतः समग्र रैंकिंग में एक बार पुनः शीर्ष तीन स्थान रिक्त हैं।
- डेनमार्क सीसीपीआई 2022 में सर्वोच्च रैंक वाला देश है, किंतु यह इतना अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है कि समग्र रूप से बहुत उच्च रेटिंग प्राप्त कर सके।
जी 20 प्रदर्शन
- यूनाइटेड किंगडम (7वें), भारत (10वें), जर्मनी (13वें) एवं फ्रांस (17वें) के साथ, चार जी 20 देश सीसीपीआई 2022 में उच्च प्रदर्शन करने वाले देशों में शामिल हैं।
- जी 20 विश्व के लगभग 75% हरित ग्रह गैस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है।
- सऊदी अरब 63 वें स्थान पर जी 20 में सर्वाधिक निराशाजनक प्रदर्शन करने वाला देश है।
जलवायु पारदर्शिता रिपोर्ट 2021
कोविड-19 एवं हरित गृह गैस उत्सर्जन
- कोविड-19 महामारी ने कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में वैश्विक स्तर पर 4% की तीव्र गिरावट को प्रेरित किया।
- अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का अनुमान है कि जनवरी-जुलाई 2021 की अवधि के लिए कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 8% की वृद्धि होगी। 2021 में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन वास्तव में 2019 के रिकॉर्ड उच्च स्तर के करीब होगा।
- इस वर्ष के सीसीपीआई में सम्मिलित किए गए नए देशों में से मात्र फिलीपींस ही जीएचजी उत्सर्जन श्रेणी में उच्च प्रदर्शन करता है।
शहरों द्वारा जलवायु कार्रवाई को अपनाना
नवीकरणीय ऊर्जा
- चूंकि ऊर्जा क्षेत्र देश के हरितगृह गैस उत्सर्जन में अत्यधिक योगदान देता है, नवीकरणीय ऊर्जा रेटिंग के परिणाम नवीकरणीय ऊर्जा के परिनियोजन में तीव्रता लाकर उत्सर्जन को कम करने में सुधार हेतु पर्याप्त स्थान प्रदर्शित करते हैं।
- नॉर्वे इस श्रेणी में अत्यंत उच्च रेटिंग प्राप्त करने वाला प्रथम देश है।
इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) वर्किंग ग्रुप I की छठी आकलन रिपोर्ट
भारत की रिपोर्ट
- भारत ने लगातार तीसरे वर्ष शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले देशों में अपना स्थान बरकरार रखा है।
- भारत के प्रदर्शन को जीएचजी उत्सर्जन, ऊर्जा उपयोग एवं जलवायु नीति श्रेणियों में उच्च तथा नवीकरणीय ऊर्जा में मध्यम दर्जा प्रदान किया गया था।
- उपमहाद्वीप पूर्व से ही अपने 2030 उत्सर्जन लक्ष्य को पूर्ण करने की राह पर है।
- यद्यपि, भारत को समग्र रूप से उच्च प्रदर्शन प्राप्त है, विशेषज्ञों का तर्क है कि देश को 2050 हेतु एक स्पष्ट निवल शून्य लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।
यूएनएफसीसीसी का कॉप 26 ग्लासगो शिखर सम्मेलन- भारत की प्रतिबद्धताएं