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कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- भारत एवं उसके पड़ोस- संबंध।
समाचारों में कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (सीएससी)
- हाल ही में, मालदीव में कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (कोलंबो सिक्योरिटी काउंसिल/सीएससी) के पांचवें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की बैठक का आयोजन किया गया था।
कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी) के बारे में प्रमुख तथ्य
- कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी) के बारे में: कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी) का गठन 2011 में भारत, श्रीलंका एवं मालदीव के त्रिपक्षीय सामुद्रिक सुरक्षा समूह के रूप में किया गया था।
- कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी) के पांचवें एनएसए की बैठक में चौथे सदस्य के रूप में मॉरीशस का स्वागत किया गया।
- कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव सदस्य देश: वर्तमान में, इसमें चार देश – भारत, श्रीलंका, मालदीव एवं मॉरीशस सम्मिलित हैं।
- पर्यवेक्षक देश: बांग्लादेश एवं सेशेल्स ने कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन में पर्यवेक्षक देशों के रूप में भाग लिया।
- अधिदेश: कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी) का उद्देश्य सामुद्रिक सुरक्षा एवं संरक्षा, मानव दुर्व्यापार, आतंकवाद तथा साइबर सुरक्षा को सम्मिलित करते हुए सुरक्षा सहयोग बढ़ाना है।
- कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी) का सचिवालय: कोलंबो, श्रीलंका में एक स्थायी सीएससी सचिवालय स्थापित किया गया है।
- सीएससी सचिवालय एनएसए स्तर पर लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन के साथ-साथ सीएससी की सभी गतिविधियों के समन्वय हेतु उत्तरदायी है।
पांचवा कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी)
- चौथे सदस्य का समावेश: कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी) के चौथे सदस्य के रूप में मॉरीशस को शामिल किया गया था।
- अन्य देशों के लिए आमंत्रण: बांग्लादेश एवं सेशेल्स ने पर्यवेक्षकों के रूप में सीएससी की पांचवीं एनएसए बैठक में भाग लिया तथा उन्हें समूह में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित किया गया है।
- भारतीय प्रस्ताव: भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने निम्नलिखित हेतु मांग की-
- कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी) का संस्थानीकरण
- चार सदस्यीय देशों के तटरक्षक बलों के प्रमुख साझा समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के तरीकों पर चर्चा करने हेतु मिलते रहें, एवं
- मादक द्रव्यों की तस्करी एवं अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराधों से निपटने के लिए संयुक्त कार्य समूहों का गठन।
- सहयोग हेतु पांच व्यापक क्षेत्रों का अभिनिर्धारण: पांचवें कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी) ने क्षेत्रीय सुरक्षा एवं संरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए सहयोग के पांच व्यापक क्षेत्रों की पहचान की। ये हैं-
- सामुद्रिक सुरक्षा एवं संरक्षा
- आतंकवाद तथा अतिवादिता का मुकाबला करना
- तस्करी एवं अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध का मुकाबला करना
- साइबर सुरक्षा, महत्वपूर्ण आधारिक अवसंरचना तथा प्रौद्योगिकी की सुरक्षा
- मानवीय सहायता एवं आपदा राहत
कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी) का महत्व
- क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना: दिल्ली द्वारा संचालित “मिनीलेटरल” को क्षेत्रीय सहयोग एवं साझा सुरक्षा उद्देश्यों को रेखांकित करने हेतु हिंद महासागर तक भारत की पहुंच के रूप में देखा जा रहा है।
- चीनी प्रभाव का मुकाबला: सीएससी को उम्मीद है-
- सामरिक महत्व के क्षेत्र में चीन के प्रभाव को प्रतिबंधित करना, एवं
- नवीन तथा प्रस्तावित समामेलन सहित, सदस्य देशों में चीन के कदमों की छाप को कम करना।
- संघर्ष से बचना: कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी) संघर्ष से बचने एवं हमारी सीमाओं के अंदर तथा बाहर सुरक्षा एवं स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु एक सहयोग मंच प्रदान करेगा।
- संकट प्रबंधन: सीएससी देशों की भौगोलिक निकटता उन्हें संकट की स्थितियों में एक दूसरे के प्रति सर्वप्रथम प्रतिक्रिया करने की अनुमति प्रदान करती है।
- उदाहरण के लिए, एमटी न्यू डायमंड एवं एक्स-प्रेस पर्ल जलपोतों ने श्रीलंकाई समुद्री क्षेत्र में आग पकड़ ली थी जिसे भारतीय तटरक्षक बल ने बुझाने में सहायता की।