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मरम्मत के अधिकार पर समिति गठित

मरम्मत का अधिकार यूपीएससी: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

मरम्मत का अधिकार: प्रसंग

  • केंद्र सरकार ने मरम्मत के अधिकार पर एक व्यापक ढांचा विकसित करने हेतु निधि खरे की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है तथा इसे लागू करने के लिए “महत्वपूर्ण क्षेत्रों” की पहचान की है।

 

भारत में मरम्मत का अधिकार: प्रमुख बिंदु

  • समिति का उद्देश्य कुछ निर्माताओं द्वारा प्रारंभ की गई प्रतिबंधात्मक पद्धतियों में कटौती करना है ताकि लोग उपभोक्ता वस्तुएं, फोन एवं कार जैसे सामान स्वयं ठीक करवा सकें।
  • क्रियान्वयन हेतु अभिनिर्धारित किए गए क्षेत्रों में कृषि उपकरण, मोबाइल फोन/टैबलेट, उपभोक्ता वस्तुएं  तथा ऑटोमोबाइल/ऑटोमोबाइल उपकरण सम्मिलित हैं।

 

मरम्मत का अधिकार: समिति द्वारा प्रकट किए गए मुद्दे

  • समिति ने नियोजित अप्रचलन एवं स्पेयर पार्ट्स पर एकाधिकार के निर्माण जैसी प्रथाओं की ओर संकेत करते हुए उपभोक्ताओं को यह चयन करने का अधिकार प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया कि वे उत्पादों को किस प्रकार मरम्मत करते हैं।
    • नियोजित अप्रचलन एक ऐसी प्रणाली है जिसके तहत किसी भी गैजेट का डिज़ाइन ऐसा होता है कि वह एक विशेष समय तक ही अस्तित्व में रहता है एवं उस विशेष अवधि के पश्चात उसे अनिवार्य रूप से बदलना पड़ता है।
  • समिति ने यह भी बताया कि कैसे उपभोक्ता प्रायः गैर-मान्यता प्राप्त संगठन से उत्पाद की मरम्मत करवाने पर वारंटी का दावा करने का अधिकार खो देते हैं।
  • कंपनियां प्रायः नियमावली (मैनुअल) के प्रकाशन से बचती हैं जो उपयोगकर्ताओं को सरलता से मरम्मत करने में सहायता कर सकती हैं।
  • निर्माताओं के पास स्पेयर पार्ट्स पर मालिकाना नियंत्रण होता है (जिस तरह के डिजाइन वे स्क्रू एवं अन्य  वस्तुओं के लिए उपयोग करते हैं)।

 

मरम्मत का अधिकार क्या है?

  • मरम्मत के अधिकार का अर्थ: मरम्मत का अधिकार एक विधिक अवधारणा है जो उपभोक्ताओं को उन उत्पादों की मरम्मत करने की अनुमति प्रदान करता है जो वे खरीदते हैं अथवा निर्माता के माध्यम से जाने के स्थान पर अपने स्वयं के सेवा प्रदाता का चयन करते हैं।
  • “मरम्मत के अधिकार” के पीछे तर्क यह है कि जो व्यक्ति किसी उत्पाद को खरीदता है, उसके पास उसका पूर्ण स्वामित्व होना चाहिए
  • इसका तात्पर्य यह है कि उत्पाद का उपयोग करने में सक्षम होने के अतिरिक्त, उपभोक्ताओं को उत्पाद की मरम्मत एवं रूपांतरण करने में सक्षम होना चाहिए जिस तरह से वे चाहते हैं।

 

मरम्मत का अधिकार: अधिकार का दायरा

  • जटिल मशीनरी: हम अतीत की तुलना में जटिल मशीनरी का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, एयर कंडीशनर ने बड़े पैमाने पर पंखे एवं कूलर का स्थान ले लिया है। एक संपूर्ण मरम्मत वर्ग को व्यवसाय करने के उसके अधिकार से वंचित कर दिया जाता है क्योंकि उसके पास इन उच्च-तकनीकी उत्पादों की मरम्मत के लिए उपकरण, पुर्जे, दिशा निर्देश तथा तकनीकी जानकारी का अभाव होता है।
  • प्रमाणन का अभाव:  उपरोक्त के अतिरिक्त, मरम्मत कर्मियों के प्रमाणन/लाइसेंस की कमी को उनके कौशल की कमी के प्रतिबिंब के रूप में देखा जाता है।
  • उत्पाद की गुणवत्ता: निर्माताओं का दावा है कि यदि वे उपभोक्ताओं एवं तीसरे पक्ष द्वारा मरम्मत की अनुमति देते हैं तो उत्पाद की गुणवत्ता तथा कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। निर्माताओं का  भय इतना प्रबल है कि वे वारंटी खंड (क्लॉज) को समाहित करते हैं जो किसी तीसरे पक्ष द्वारा उत्पाद की मरम्मत करने पर समाप्त हो जाते हैं।
  • निर्माता उत्पाद के स्थायित्व को कम करते हैं, उपभोक्ताओं को या तो उत्पाद को फिर से खरीदने के लिए बाध्य करते हैं अथवा निर्माताओं द्वारा निर्धारित किए गए अत्यधिक कीमतों पर इसकी मरम्मत करवाते हैं।

भारत में मरम्मत का अधिकार: सिफारिशें

  • कुछ मानदंड एवं कौशल परीक्षण उत्तीर्ण करने वालों को मरम्मत प्रमाणन/लाइसेंस आवंटित किया जा सकता है। आजीविका के उनके अधिकार की रक्षा के अतिरिक्त, यह लाभप्रद भी सिद्ध हो सकता है क्योंकि तकनीकी कंपनियों को प्रमाणित तकनीशियनों के साथ अपने मरम्मत नियमावली साझा करने की आवश्यकता होती है।
  • जबकि उत्पाद की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आवश्यक खंड शामिल किए जा सकते हैं, एक व्यापक छूट से बचा जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, कंपनी द्वारा अनुशंसित स्पेयर पार्ट्स एवं प्रमाणित मरम्मत की दुकानों के उपयोग के लिए गुणवत्ता आश्वासन खंड को शामिल किया जा सकता है।
  • निर्माता प्रमाणित मरम्मत करने वालों/व्यवसायों के साथ बौद्धिक संपदा अधिकार (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी/आईपी) की सुरक्षा के लिए एक गैर-प्रकटीकरण समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। वास्तविक पुर्जों तक पहुंच रखने वाले ग्राहक स्वतंत्र मरम्मत प्रदाताओं से भी संपर्क कर सकते हैं जो मूल निर्माता की वारंटी नहीं बल्कि अपनी स्वयं की वारंटी प्रदान कर सकते हैं।

 

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