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प्रासंगिकता
- जीएस 2: विकास प्रक्रियाएं एवं विकासात्मक उद्योग- स्वयं सहायता समूहों की भूमिका।
प्रसंग
- ग्रामीण विकास मंत्रालय ने स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम के तहत 19 राज्यों में अपने गांवों में उनके सूक्ष्म उद्यम आरंभ करने हेतु 2614 एसएचजी उद्यमियों को 60 करोड़ रुपये का सामुदायिक उद्यम कोष (सीईएफ) ऋण प्रदान किया है।
मुख्य बिंदु
- स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी) के अंतर्गत 6 से 12 सितंबर, 2021 के सप्ताह में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया।
- ये कार्यक्रम एसवीईपी योजना के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म व्यवसाय आरंभ करने के इच्छुक एसएचजी सदस्यों का समर्थन करने पर केंद्रित थे।
- इस पहल में भाग लेने वाले राज्य – आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं पश्चिम बंगाल हैं।
ए-हेल्प: डीओआरडी एवं डीएएचडी के मध्य समझौता ज्ञापन
एसवीईपी
- स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी) ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमों को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के अंतर्गत एक उप-योजना है।
- एसवीईपी का उद्देश्य एक प्रखंड (ब्लॉक) में उद्यम विकास के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना करना है।
- इसमें कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन-एंटरप्राइज प्रमोशन (सीआरपी-ईपी) का एक संवर्ग (कैडर) शामिल है जो उद्यमियों को व्यावसायिक सहायता सेवाएं प्रदान करेगा।
- इस योजना में व्यावसायिक विचारों का अभिनिर्धारण करना, व्यवसाय हेतु योजना तैयार करना, ऋण प्राप्त करना एवं अन्य सहायता जैसे विपणन, खातों का अनुरक्षण एवं व्यावसायिक निर्णय लेना शामिल है।
- इसके अतिरिक्त, पारिस्थितिकी तंत्र में उद्यमियों का प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण, उद्यम प्रारंभ करने हेतु आधार पूंजी, उत्पादों एवं सेवाओं हेतु विपणन सहायता इत्यादि भी शामिल हैं।
- इसके अतिरिक्त, प्रखंड संसाधन केंद्र (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) (बीआरसी), उद्यम को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु एकल बिंदु समाधान भी पारिस्थितिकी तंत्र के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना