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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया/CCI): यह 2002 के प्रतिस्पर्धा अधिनियम के तहत स्थापित एक स्वतंत्र वैधानिक निकाय है। यह प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार को रोकने, विलय एवं अधिग्रहण को विनियमित करने तथा उचित व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करने के द्वारा भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने एवं बनाए रखने हेतु उत्तरदायी है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2: भारतीय संविधान- संसद द्वारा स्थापित वैधानिक निकाय) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया/सीसीआई) चर्चा में क्यों है?
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) एवं मिस्र के प्रतिस्पर्धा प्राधिकरण (इजिप्टयन कंपटीशन अथॉरिटी/ECA) के मध्य एक समझौता ज्ञापन (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग/MoU) पर हस्ताक्षर को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया है, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।
- प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 18 भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को अधिनियम में उल्लेखित अपने कर्तव्यों एवं कार्यों को पूरा करने के लिए विदेशी एजेंसियों के साथ ज्ञापन अथवा व्यवस्था स्थापित करने का अधिकार प्रदान करती है।
- इस प्रावधान के अनुरूप, वर्तमान प्रस्ताव भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) एवं मिस्र प्रतिस्पर्धा प्राधिकरण (ईजीए) के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने से संबंधित है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) एवं मिस्र प्रतिस्पर्धा प्राधिकरण (ईसीए) के मध्य समझौता ज्ञापन
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) एवं मिस्र प्रतिस्पर्धा प्राधिकरण (ईसीए) के मध्य स्वीकृत समझौता ज्ञापन प्रतिस्पर्धा कानून एवं नीति के क्षेत्र में सहयोग को प्रोत्साहित करने तथा बढ़ाने की कल्पना करता है।
- इस सहयोग में सूचनाओं का आदान-प्रदान, सर्वोत्तम व्यवहार को साझा करना एवं क्षमता निर्माण पहलों का कार्यान्वयन शामिल होगा।
- इसके अतिरिक्त, समझौता ज्ञापन सीसीआई एवं ईसीए के मध्य संबंधों को स्थापित करने एवं सुदृढ़ करने का प्रयास करता है, पारस्परिक शिक्षण एवं अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा कानून प्रवर्तन के सफल दृष्टिकोण को अपनाने की सुविधा प्रदान करता है।
- समझौते का उद्देश्य दोनों संगठनों के लाभ के लिए अनुभव साझा करने एवं तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है।
सीसीआई एवं ईसीए के मध्य समझौता ज्ञापन का महत्व
प्रवर्तन पहलों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाकर, समझौता ज्ञापन भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को मिस्र के प्रतिस्पर्धा प्राधिकरण (ईसीए) के अनुभवों तथा सबक से सीखने में सक्षम करेगा।
- यह मूल्यवान ज्ञान हस्तांतरण सीसीआई द्वारा 2002 के प्रतिस्पर्धा अधिनियम के तहत प्रवर्तन व्यवहार को बढ़ाने में योगदान देगा।
- परिणामस्वरुप, उपभोक्ता अंतिम लाभार्थी होंगे, बेहतर परिणामों का अनुभव करेंगे जो बाजार में निष्पक्षता, समावेशिता एवं इक्विटी को प्रोत्साहित करते हैं।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई)
- भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के बारे में: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की स्थापना मार्च 2009 में (2003 में स्थापित किंतु पूर्ण रूप से कार्यात्मक 2009 में हुई) भारत सरकार द्वारा प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के तहत अधिनियम के प्रशासन, कार्यान्वयन एवं प्रवर्तन के लिए की गई थी।
- यह एक वैधानिक एवं अर्ध-न्यायिक निकाय है तथा कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
- प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002: इसने एकाधिकार एवं प्रतिबंधित व्यापार व्यवहार अधिनियम, 1969 (मोनोपलीज एंड ट्रेड रिस्ट्रिक्टिव प्रैक्टिसेज एक्ट/एमआरटीपी अधिनियम) को निरस्त एवं प्रतिस्थापित किया है।
- अधिनियम के तहत, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग एवं प्रतिस्पर्धा अपीलीय न्यायाधिकरण (कंपटीशन अपीलेट ट्रिब्यूनल/सीओएमएटी) की स्थापना की गई है।
- अधिनियम प्रतिस्पर्धा-रोधी समझौतों, उद्यमों द्वारा प्रमुख स्थिति के दुरुपयोग पर रोक लगाता है, और संयोजनों (अधिग्रहण, नियंत्रण प्राप्त करना एवं विलय तथा अधिग्रहण) को नियंत्रित करता है, जो भारत के भीतर प्रतिस्पर्धा पर एक प्रतिकूल प्रभाव का कारण बनता है अथवा प्रतिकूल प्रभाव डालने की संभावना है।
- 2017 में, COMAT के कार्यों को राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल/NCLAT) के तहत समाविष्ट किया गया था।
- संघटन: इसमें एक अध्यक्ष तथा केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त 6 सदस्य होते हैं।
- ये सदस्य 5 वर्ष अथवा 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले आए) के लिए नियुक्त किए जाते हैं। हालांकि, ये सदस्य पुनर्नियुक्ति के पात्र हैं।
सीसीआई के उद्देश्य एवं कार्य
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के प्रमुख उद्देश्यों एवं कार्यों की चर्चा नीचे की गई है-
- प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले व्यवहार को समाप्त करना
- प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना तथा बनाए रखना
- उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना
- भारत के बाजारों में व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना
- इसके माध्यम से एक मजबूत प्रतिस्पर्धी माहौल स्थापित करना:
- उपभोक्ताओं, उद्योग जगत, सरकार एवं अंतर्राष्ट्रीय न्यायालयों सहित सभी हितधारकों के साथ सक्रिय जुड़ाव।
- उच्च क्षमता स्तर के साथ ज्ञान-गहन संगठन होना।
- प्रवर्तन में व्यावसायिकता, पारदर्शिता, संकल्प एवं ज्ञान।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) क्या है?
उत्तर. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) 2002 के प्रतिस्पर्धा अधिनियम के तहत स्थापित एक स्वतंत्र नियामक निकाय है। यह निष्पक्ष एवं प्रतिस्पर्धी व्यवहार को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने एवं बनाए रखने हेतु उत्तरदायी है।
प्र. सीसीआई की भूमिका क्या है?
उत्तर. सीसीआई की प्राथमिक भूमिका प्रतिस्पर्धी बाजार के माहौल को बनाए रखने के लिए गैर-प्रतिस्पर्धी व्यवहार को रोकना एवं विलय अधिग्रहण को विनियमित करना है। यह प्रभुत्व के दुरुपयोग, कार्टेलाइजेशन एवं प्रतिस्पर्धा-रोधी समझौतों के मामलों की जांच करता है एवं उपभोक्ता हितों की रक्षा तथा निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने हेतु आवश्यक कार्रवाई करता है।