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पेरू में राजनीतिक संकट: पेरू (दक्षिण अमेरिकी देश) 7 दिसंबर को अपने पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो के अपदस्थ होने के पश्चात से विरोध एवं राजनीतिक साज़िशों से संकट में है। पेरू के सुरक्षा बलों ने 14 दिसंबर को 30 दिनों के आपातकाल की स्थिति लागू कर दी, प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया, आंदोलन की स्वतंत्रता को कम कर दिया एवं पुलिस को बिना वारंट के घरों की तलाशी लेने की अनुमति प्रदान की।
चर्चा में क्यों है?
- दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में हाल ही में 17 नागरिकों एवं एक पुलिस अधिकारी की हत्या पेरू में राजनीतिक संकट में हालिया विकास है।
- इससे ज्ञात होता है कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच, पेरू में महीने भर से जारी राजनीतिक संकट ने खूनी दहलीज पार कर ली है एवं यह हिंसा की और लहरों को प्रेरित कर सकती हैं।
- यह घटना न केवल विरोध प्रदर्शनों से निपटने में देश के सुरक्षाकर्मियों की बर्बरता को प्रदर्शित करती है, बल्कि राष्ट्रपति दीना बोलुआर्टे एवं उनके पूर्ववर्ती पेड्रो कैस्टिलो की सत्ता में रहने के दौरान देश को एकजुट करने तथा स्थिर करने में उनकी विफलता को भी दर्शाती है।
पेरू कहाँ अवस्थित है?
पेरू पश्चिमी दक्षिण अमेरिका में अवस्थित है। पेरू की सीमा प्रशांत महासागर, दक्षिण में चिली, पूर्व में बोलीविया एवं ब्राजील तथा उत्तर में कोलंबिया एवं इक्वाडोर से लगती है।
पेरू का राजनीतिक मानचित्र
अब पेरू की ओर कौन दिशा मुख है?
- कैस्टिलो के शासनकाल में उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य करने वाली दीना बोलुआर्टे ने 7 दिसंबर को पद की शपथ ली थी, उसी दिन कैस्टिलो को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था।
- वह देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति हैं एवं सत्ता प्राप्त करने से पूर्व विशेष रूप से हाई-प्रोफाइल राजनीतिज्ञ नहीं थीं।
- उन्होंने 2024 के राष्ट्रपति एवं कांग्रेस के लिए मूल रूप से 2026 के लिए निर्धारित चुनावों को आगे बढ़ाने की योजना का समर्थन किया। उन्होंने न्यायिक जांच के लिए भी अपना समर्थन व्यक्त किया कि क्या सुरक्षा बलों ने अत्यधिक बल के साथ काम किया।
- किंतु इस तरह के कदम अब तक अशांति का दमन करने में नाकाम रहे हैं।
पेरू में राजनीतिक संकट की समय रेखा क्या है?
- पेरू में राजनीतिक संकट पेरू के पूर्व राष्ट्रपति श्री कैस्टिलो एवं कांग्रेस के मध्य शक्ति संघर्ष का परिणाम है।
- श्री कैस्टिलो, एक भूतपूर्व विद्यालय शिक्षक एवं ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ता, 2021 में राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करने, भ्रष्टाचार से लड़ने एवं पुरानी असमानता को दूर करने जैसे वादों पर राष्ट्रपति चुने गए थे।
- किंतु किसी भी प्रशासनिक एवं राजनीतिक अनुभव के बिना, श्री कैस्टिलो को पेरू की राजनीति के चक्रव्यूह को सुलझाना कठिन प्रतीत हुआ।
- जैसे ही उन्होंने शासन पर पकड़ बनाने के लिए संघर्ष किया, एक शत्रुतापूर्ण कांग्रेस एवं धनी वर्ग उनके विरुद्ध खड़े हो गए।
- भ्रष्टाचार घोटालों एवं आपराधिक सिंडिकेट के साथ कथित संबंधों ने लीमा में श्री कैस्टिलो की स्थिति को कमजोर कर दिया। कांग्रेस ने उन्हें दो बार बर्खास्त करने हेतु मतदान किया, किंतु वह पर्याप्त समर्थन प्राप्त करने में विफल रही।
- जैसा कि विगत वर्ष दिसंबर में तीसरा मतदान होने वाला था, श्री कैस्टिलो ने कांग्रेस का विघटन करने की उग्र घोषणा की, जिससे उनका महाभियोग भी प्रारंभ हो गया।
- किंतु यदि श्री कैस्टिलो, जो वर्तमान में जेल में हैं, ने संसद को विघटित करने के अपने निर्णय के परिणामों का गलत अनुमान लगाया, तो उनके उत्तराधिकारी एवं विधायकों ने निर्धनों के मध्य वामपंथी नेताओं के समर्थन का गलत आकलन किया।
- श्री कैस्टिलो की वापसी अथवा शीघ्र चुनाव की मांग को लेकर पेरू के पर्वतीय भागों (ऊंचे इलाकों) में हिंसक विरोध प्रदर्शन आरंभ हो गए।
- श्री कैस्टिलो ने सुश्री बोलुआर्टे को “अनधिकार ग्राही” अथवा हड़पने वाला कहा, जबकि उनके समर्थकों ने कहा कि उन्होंने जिस राष्ट्रपति को अपना मत दिया था, उसे अपना वैध कार्यकाल पूरा करने की अनुमति नहीं थी, जो 2026 में समाप्त होने वाली थी।
आगे क्या?
- पेरू गहरे राजनीतिक दलदल में फंसा हुआ है। श्री कैस्टिलो को सत्ता से हटाए जाने के बाद से कम से कम 47 लोग विरोध प्रदर्शनों में मारे गए हैं, जिनमें अधिकांश नागरिक हैं।
- जब दीना बोलुआर्टे ने राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली, तो उन्होंने कहा कि वह श्री कैस्टिलो के कार्यकाल को पूरा करेंगी, जो जुलाई 2026 में समाप्त होने वाला था।
- जैसा कि सुश्री बोलुआर्टे सत्ता में भारी दबाव में आई थीं, उन्होंने अप्रैल 2024 तक चुनाव कराने का वादा किया (कांग्रेस से अनुमोदन लंबित), किंतु इसे श्री कैस्टिलो एवं उनके समर्थकों ने खारिज कर दिया, जिससे देश अव्यवस्थित हो गया।
- उनकी प्राथमिकता सत्ता संभालने के पश्चात से प्रारंभ हुए विरोध प्रदर्शनों को शांत करना होगा तथा 14 दिसंबर को रक्षा मंत्री ने 30 दिनों के आपातकाल की घोषणा की।
क्या किया जाना चाहिए?
- मिस्टर कैस्टिलो की सत्ता को बहाल करना व्यावहारिक एवं संवैधानिक रूप से संभव नहीं हो सकता है, किंतु सुश्री बोलुआर्टे की सरकार शांति के बदले में उन्हें जेल से रिहा कर सकती है।
- मौजूदा गतिरोध को समाप्त करने के लिए, सरकार, विपक्ष एवं कांग्रेस को शीघ्र अति शीघ्र नए चुनाव की संभावित तिथियों पर सहमत होना चाहिए।
- पेरू के राजनीतिक वर्ग को व्यापक संवैधानिक सुधारों के लिए भी तैयार रहना चाहिए जो राष्ट्रपति एवं विधायिका को बिना किसी टकराव के कार्य करने की अनुमति प्रदान करे।
निष्कर्ष
पेरू में मौजूदा राजनीतिक संकट में दोनों पक्षों का हाथ है एवं व्यापक कल्याण तथा राष्ट्रीय हित के लिए, सभी दलों को एक साथ मिलकर कोई रास्ता निकालना चाहिए।
पेरू में वर्तमान राजनीतिक संकट के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न?
प्र. पेरू में वर्तमान राजनीतिक संकट का क्या कारण है?
उत्तर. पेरू में राजनीतिक संकट पेरू के पूर्व राष्ट्रपति श्री कैस्टिलो एवं कांग्रेस के मध्य शक्ति संघर्ष का परिणाम है।
प्र. पेरू कहाँ अवस्थित है?
उत्तर. पेरू पश्चिमी दक्षिण अमेरिका में अवस्थित है। पेरू की सीमा प्रशांत महासागर, दक्षिण में चिली, पूर्व में बोलीविया एवं ब्राजील तथा उत्तर में कोलंबिया एवं इक्वाडोर से लगती है।
प्र. पेरू के वर्तमान राष्ट्रपति कौन हैं?
उत्तर. श्री कैस्टिलो के शासनकाल में उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य करने वाली दीना बोलुआर्टे ने 7 दिसंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, उसी दिन कैस्टिलो को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था।