Table of Contents
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) चर्चा में
- हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद ( काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च/सीएसआईआर) के साथ अपनी जनशक्ति, चल संपत्ति एवं देनदारियों के साथ परामर्श विकास केंद्र (सीडीसी) के समामेलन को स्वीकृति प्रदान की।
पृष्ठभूमि
- 14वें वित्त आयोग की संस्कृतियों के आधार पर, नीति आयोग ने विभिन्न सरकारी विभागों के अधीन स्वायत्त निकायों (एबीएस) की समीक्षा की।
- नीति आयोग समीक्षा समिति की सिफारिशें:
- समीक्षा समिति ने सिफारिश की कि “सीडीसी सीएसआईआर के साथ विलय कर सकता है तथा अस्तित्व में रह सकता है, क्योंकि इसमें प्रत्यक्ष क्षमता है।”
- समिति ने अपनी एबी की रिपोर्ट में आगे कहा कि इसके परिणामस्वरूप डीएसआईआर में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 (एसआरए) के अंतर्गत मात्र एक एबी होगा।
- विलय प्रस्ताव की स्वीकृति: सिफारिशों के आधार पर, सीडीसी की कार्यकारी परिषद (गवर्निंग काउंसिल) एवं सीएसआईआर की शासी निकाय, दोनों ने सीएसआईआर के साथ सीडीसी के समामेलन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की थी।
सीडीएस के सीएसआईआर के साथ विलय पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रमुख निर्णय
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज निम्नलिखित को स्वीकृति प्रदान कर दी
- सीडीसी के मौजूदा 13 कर्मचारियों को सीएसआईआर में तेरह (13) अतिरिक्त पद सृजित करके समायोजित किया जाएगा।
- इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में सीडीसी अधिकृत परिसर को पुन: आवंटन के लिए इंडिया हैबिटेट सेंटर को सौंप दिया जाएगा एवं पुन: आवंटन से प्राप्त राशि भारत की संचित निधि में जमा की जाएगी।
- समामेलन के पश्चात, सीडीसी की सभी चल संपत्ति एवं देनदारियां सीएसआईआर को हस्तांतरित हो जाएंगी।
सीडीएस एवं सीएसआईआर विलय का प्रमुख प्रभाव
- शासन को प्रोत्साहन: दो समितियों का समामेलन न केवल विभागों में बल्कि न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन के प्रधान मंत्री के मंत्र के अनुसार भी धारारेखित होगा।
- अनुभव जोड़ना: सीएसआईआर को शिक्षा में परामर्श, प्रौद्योगिकियों के निर्यात इत्यादि के क्षेत्र में सीडीसी के अनुभवी कर्मचारियों द्वारा लाभान्वित किया जाएगा।
- सीएसआईआर में मूल्यवर्धन: समामेलन से सीएसआईआर की आवश्यकताओं के लिए महत्व में वृद्धि करने की संभावना है-
- परियोजनाओं का तकनीकी-व्यावसायिक मूल्यांकन
- क्षेत्र में परिनियोजित सीएसआईआर प्रौद्योगिकियों का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव विश्लेषण
- हितधारकों की आवश्यकताओं को पूरा करने एवं/या बाजार की तत्परता हेतु सीएसआईआर प्रौद्योगिकियों के आधार पर प्रोटोटाइप के विकास एवं सीएसआईआर प्रौद्योगिकियों के रूपांतरण के लिए विस्तृत डिजाइन एवं इंजीनियरिंग करने हेतु उपयुक्त सलाहकारों का चयन।
- कार्य विकास से संबंधित क्रियाकलाप।
सीएसआईआर एवं सीडीएस का संक्षिप्त परिचय
- सीएसआईआर: वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की स्थापना 1942 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम XXI 1860 के तहत भारत के आर्थिक विकास एवं मानव कल्याण के लिए वैज्ञानिक औद्योगिक अनुसंधान के लिए एक राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संगठन के रूप में की गई थी।
- वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च/सीएसआईआर) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के तहत एक स्वायत्त निकाय के रूप में कार्य करती है।
- CDC: CDC की स्थापना 1986 में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च/DSIR) के सहयोग से एक सोसायटी के रूप में की गई थी, जो देश में परामर्शी कौशल एवं क्षमताओं को विकसित करने, सुदृढ़ करने तथा प्रोत्साहन देने हेतु की गई थी।
- सीडीसी को 13 अक्टूबर 2004 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा डीएसआईआर के एक स्वायत्त संस्थान के रूप में अनुमोदित किया गया था।
- सीडीसी इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में स्थित है।